अमेरिका-चीन के टैरिफ वॉर में भारत की हो गई मौज, अब US में 20 फीसदी सस्ते बिकेंगे Made in India Phone
टैरिफ को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं, और हर दिन इसमें नए-नए बदलाव देखने को मिल रहे हैं. सभी देश अपना-अपना कैल्कुलेशन बैठा रहे हैं. इसी बीच अमेरिका ने स्मार्टफोन सहित इलेक्ट्रॉनिक सामान पर टैक्स हटाने की बात कही है. इस फैसले का सबसे ज्यादा फायदा भारत को होने वाला है, क्योंकि अमेरिका में भारतीय इलेक्ट्रॉनिक सामान चीन की तुलना में 20 फीसदी सस्ता होने वाला है.

Electronics Export: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप टैरिफ को लंबे समय से एक हथियार की तरह इस्तेमाल करते रहे हैं, जिसकी झलक उनके पहले कार्यकाल में भी देखने को मिली थी. दूसरे कार्यकाल में उन्होंने 2 अप्रैल को दुनिया के कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की थी. हालांकि, फिलहाल उन्होंने उन देशों को 90 दिनों की राहत दी है जिन्होंने अमेरिका के टैरिफ पर कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की है या वे जो अमेरिका से बातचीत के लिए तैयार हैं. शुक्रवार को व्हाइट हाउस ने बताया कि अमेरिका कुछ इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स को टैरिफ से छूट दे रहा है, जिनमें फोन और लैपटॉप जैसी वस्तुएं शामिल हैं, जिन पर अब टैरिफ नहीं लगेगा.
इस घोषणा के साथ ही भारत के लिए यह एक फायदे का सौदा साबित हो सकता है, क्योंकि पड़ोसी देश चीन से आने वाले इन प्रोडक्ट्स की तुलना में भारत के उत्पाद अमेरिका में सस्ते होंगे. इससे भारत में उत्पादन बढ़ने के साथ-साथ अधिक से अधिक कंपनियों के भारत आने का रास्ता खुल सकता है.
20 फीसदी सस्ते होंगे अमेरिका में भारतीय इलेक्ट्रॉनिक सामान
भारत से अमेरिका को भेजे जाने वाले iPhone, स्मार्टफोन, टैबलेट और लैपटॉप का एक्सपोर्ट, चीन के समानों की तुलना में 20 फीसदी सस्ता होगा. इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) के अनुसार, यह हाल ही में अमेरिकी प्रशासन द्वारा कुछ इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों पर अतिरिक्त इम्पोर्ट टैक्स में छूट देने के फैसले के कारण संभव हुआ है.
ICEA ने पीटीआई से कहा कि अमेरिकी सरकार ने शनिवार को अपनी टैरिफ नीति में बदलाव किया है, जिसके तहत स्मार्टफोन, टैबलेट, लैपटॉप और कुछ अन्य इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं पर अतिरिक्त टैक्स हटा दिए गए हैं. इस फैसले के बाद भारत और वियतनाम अब इन सामानों पर चीन की तुलना में 20 फीसदी का टैरिफ फायदा उठा सकते हैं.
ऐसे होगा फायदा
ICEA के चेयरमैन पंकज मोहिंद्रू ने पीटीआई से कहा कि चीन अभी भी iPhone, लैपटॉप, टैबलेट और घड़ियों पर 20 प्रतिशत टैरिफ देकर अमेरिका में निर्यात करता है. चीन के लिए केवल रेसिप्रोकल टैरिफ हटाया गया है. भारत के पास iPhone और अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले सभी स्मार्टफोन, लैपटॉप और टैबलेट पर शून्य टैरिफ है.
वियतनाम के भी अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले सभी Samsung और अन्य स्मार्टफोन, लैपटॉप और टैबलेट पर शून्य टैरिफ है. इसलिए भारत और वियतनाम पर इन प्रोडक्ट्स पर समान टैरिफ लागू है और दोनों को चीन की तुलना में 20 प्रतिशत टैरिफ एडवांटेज मिल रहा है.
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1.5 लाख करोड़ रुपये का iPhone एक्सपोर्ट
ICEA को उम्मीद है कि नए फैसले से iPhone का निर्यात और बेहतर होने वाला है. ICEA के आंकड़ों के अनुसार, 2024-25 में भारत से मोबाइल फोन का निर्यात 2 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया, जो पिछले वर्ष के 1.29 लाख करोड़ रुपये की तुलना में काफी अधिक है. इसमें अकेले iPhone का निर्यात 1.5 लाख करोड़ रुपये का रहा है.
अमेरिका हर साल 250 बिलियन डॉलर के स्मार्टफोन और कंप्यूटर डिवाइस का आयात करता है, जिसमें अकेले चीन की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत है. वहीं, भारत केवल 12 बिलियन डॉलर के प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट करता है. इस फैसले के बाद उम्मीद की जा रही है कि भारत इसमें उल्लेखनीय बढ़त हासिल कर सकता है.
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