अब हर Reel बनाने वाला करेगा कमाई, बंटेगे 8000 करोड़, मिलेगी प्रोफेशनल डिग्री और बहुत कुछ..

Waves Summit: सरकार ने क्रिएटर इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए 1 अरब डॉलर का फंड घोषित किया है, जिससे क्रिएटर्स को अपने काम में मदद मिलेगी. इसके अलावा, सरकार ने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ क्रिएटिव टेक्नोलॉजीज (IICT) की स्थापना के लिए 391 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं.

क्रिएटर्स को मिलेगा सरकार का सपोर्ट Image Credit: Money9live/Canva

What is Waves Summit: कोरोना के बाद भारत में क्रिएटर्स की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. 2020 से 2024 के बीच इन्फ्लुएंसर्स की संख्या 322% बढ़ी है. फिलहाल भारत में 20 से 25 लाख एक्टिव क्रिएटर्स हैं जिनके पास कम से कम 1000 फॉलोअर्स हैं, लेकिन केवल 8-10% ही सही से पैसे कमा पा रहे हैं. लेकिन बाकी क्रिएटर्स का क्या? आज क्रिएटर्स की पूरी एक अर्थव्यवस्था बन गई है और अब इसी को सपोर्ट करने के लिए यानी क्रिएटर्स को सपोर्ट करने के लिए सरकार ने 1 अरब डॉलर (लगभग 8,300 करोड़ रुपये) का फंड तो घोषित किया ही है साथ ही अब एक इंस्टिट्यूट बनाने का फैसला लिया है जो क्रिएटर्स को एक्सपर्ट बनाएगा. तो चलिए जानते हैं कि क्रिएटर्स को इस फंड तक पहुंचने में कैसे मदद मिलेगी, स्किल्स कैसे बेहतर होगी, प्रोडक्शन क्वालिटी अपग्रेड कैसे होगी और इंटरनेशनल मार्केट्स से जुड़ने का मौका मिलेगा.

क्रिएटिव टेक्नोलॉजी के लिए नया इंस्टिट्यूट

सरकार ने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ क्रिएटिव टेक्नोलॉजीज (IICT) बनाने के लिए 391 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. यह संस्थान डिजिटल और क्रिएटिव टेक्नोलॉजीज में एक्सपर्ट बनाने पर फोकस करेगा. इससे पता चलता है कि सरकार क्रिएटर इकॉनॉमी को गंभार और एक्सपोर्ट-रेडी इंडस्ट्री की तरह देख रही है, जैसा कि वह सॉफ्टवेयर और MSME सेक्टर के साथ करती है.

क्रिएटर्स को कैसे मिलेगा फायदा?

  • जिन क्रिएटर्स के पास टैलेंट है लेकिन पैसे की कमी है, वे इस फंड से मदद पा सकेंगे. अब कंटेंट बनाने के लिए कैमरा, एडिटिंग टूल्स या टीम हायर करना थोड़ा आसान हो सकता है.
  • IICT जैसे संस्थान में क्रिएटर्स को प्रोफेशनल ट्रेनिंग मिलेगी, जिससे वे अपने कंटेंट की क्वालिटी और मार्केट समझ दोनों को बेहतर बना पाएंगे.
  • WAVES Bazaar एक ग्लोबल प्लेटफॉर्म की तरह काम करेगा, जहां भारतीय क्रिएटर्स अपने प्रोजेक्ट इंटरनेशनल खरीदारों को दिखा सकेंगे. इससे उनकी कमाई और पहचान दोनों बढ़ेगी.
  • अभी ज्यादातर लोग क्रिएटर के काम को फ्रीलांस की तरह देखते हैं लेकिन इससे ये एक फुल-टाइम प्रोफेशनल करियर बन सकता है. धीरे-धीरे यह एक मजबूत इंडस्ट्री का रूप ले सकती है.
  • लाइव कॉमर्स, वर्चुअल गिफ्टिंग जैसे नए मॉडल से क्रिएटर्स अब सिर्फ ब्रांड डील्स पर निर्भर नहीं रहेंगे, बल्कि सीधे फैंस से भी कमाई कर सकेंगे.

WAVES समिट

हाल में मुंबई में फिल्मी सितारों और क्रिएटर्स का जमावड़ा भी लगा, मौका था भारत के पहले World Audio Visual and Entertainment Summit यानी WAVES. वेव समिट ने क्रिएटर इकॉनॉमी को फोकस में ला दिया और बताया कि ये भी हमारी अर्थव्यवस्था का एक अहम हिस्सा है. समिट ये भी बताता है कि सरकार भी अब क्रिएटर्स की ओर ध्यान दे रही है. इसी के तहत सरकार ने पहले फंड जारी किया और अब इंस्टिट्यूट बनाने वाली है. साल 2024 भारतीयों ने कुल मिलाकर 1.1 लाख करोड़ घंटे स्मार्टफोन पर बिताए हैं और सस्ता इंटरनेट हर किसी को इंस्टा और बाकी प्लेटफॉर्म तक पहुंचा रहा है. ऐसे में सरकार अगर इस सेक्टर पर अधिक ध्यान देगी तो कई लोगों को कमाई का एक और जरिया दिख सकेगा.