FD से चाहिए ज्यादा रिटर्न तो SIP नहीं SIF में करें निवेश, जानें बेस्ट ऑप्शन

SEBI का स्पेशलाइज्ड इंवेस्टमेंट फंड (SIF) एक नया निवेश विकल्प है, जो म्यूचुअल फंड्स और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज के बीच बैलेंस करता है. इसमें न्यूनतम 10 लाख रुपये निवेश करना होता है और कई रणनीतियों में निवेश किया जा सकता है.

SIF में निवेश का ऑप्शन, क्या है फायदे-नुकसान Image Credit: Money9live/Canva

Specialized Investment Fund (SIF): स्पेशलाइज्ड इंवेस्टमेंट फंड यानी SIF निवेश करने का एक नया तरीका है जिसे SEBI खुद रेगुलेट करता है. यह उन निवेशकों के लिए बनाया गया है जो म्यूचुअल फंड्स और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज (PMS) के बीच का कोई ऑप्शन चाहते हैं. SIFs निवेशकों को कई तरह की निवेश स्ट्रेटेजी अपनाने का मौका देती है, जैसे कि लॉन्ग-शॉर्ट इक्विटी, डेरिवेटिव्स, प्राइवेट इक्विटी, और रियल एस्टेट में निवेश. चलिए डिटेल में समझते हैं.

SIFs की खासियतें

  • SIF में निवेश करने के लिए न्यूनतम 10 लाख की जरूरत होती है. हालांकि, मान्यता प्राप्त निवेशकों के लिए यह सीमा लागू नहीं होती.
  • SIFs कई प्रकार की निवेश रणनीतियां अपना सकते हैं, जैसे लॉन्ग-शॉर्ट इक्विटी, सेक्टर रोटेशन, और हेजिंग. यह पारंपरिक म्यूचुअल फंड्स की तुलना में ज्यादा एक्टिव मैनेजमेंट की अनुमति देता है.
  • SIFs को SEBI के म्यूचुअल फंड नियमों के तहत संचालित किया जाता है, जिससे निवेशकों को पारदर्शिता और सुरक्षा मिलती है. हर SIF को एक इंवेस्टमेंट स्ट्रेटेजी इंफॉर्मेशन डॉक्यूमेंट (ISID) प्रस्तुत करना होता है, जिसमें उनकी रणनीति, जोखिम सीमाएं, और एसेट अलोकेशन की जानकारी होती है.

कौन कर सकता है निवेश?

  • HNIs यानी हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल जो निवेश की न्यूनतम सीमा पूरी कर सकते हैं और हाई रिस्क सहन कर सकते हैं.
  • संस्थागत निवेशक, जो विशेष निवेश रणनीतियां अपनाना चाहते हैं और डाइवर्सिफाई पोर्टफोलियो बनाना चाहते हैं.
  • ऐसे निवेशक जो फीडर फंड्स या फंड-ऑफ-फंड्स के माध्यम से इनडायरेक्ट रूप से SIFs में निवेश कर सकते हैं.

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इन बातों का ध्यान रखें निवेशकों

  • SIFs हाई रिटर्न की संभावना देते हैं, लेकिन इनमें हाई रिस्क भी होता है, विशेष रूप से डेरिवेटिव्स और लीवरेज के कारण ऐसा होता है.
  • वहीं SIFs में आमतौर पर 1-2% एनुअल मैनेजमेंट चार्ज और 10-20% प्रदर्शन शुल्क होता है, जो पारंपरिक म्यूचुअल फंड्स की तुलना में अधिक है.
  • निवेशकों को ISID को ध्यान से पढ़ना चाहिए, जिसमें होल्डिंग्स, रिस्क फैक्टर और लिक्विडिटी शर्तों की जानकारी होती है.

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक या म्‍यूचुअल फंड में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स और म्‍यूचुअल फंडों की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.