Asian paints की बादशाहत पर खतरा, 40000 करोड़ का लग चुका है झटका; क्या रिवाईवल प्लान बनेगा संजीवनी

एशियन पेंट्स भारत की सबसे बड़ी पेंट कंपनी इन दिनों मुश्किल दौर से गुजर रहा है. पिछले साल आदित्य बिरला ग्रुप ने अपने नए ब्रांड बिरला ओपस के साथ पेंट बाजार में कदम रखा और 10 फीसदी की छूट देकर सबको चौंका दिया. इस छूट ने कई डीलरों को अपनी ओर खींच लिया.

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Asian Paints vs Birla Opus: एशियन पेंट्स भारत की सबसे बड़ी पेंट कंपनी इन दिनों मुश्किल दौर से गुजर रही है. पिछले साल आदित्य बिड़ला ग्रुप ने अपने नए ब्रांड बिड़ला ओपस के साथ पेंट बाजार में कदम रखा और 10 फीसदी की छूट देकर सबको चौंका दिया. इस छूट ने कई डीलरों को अपनी ओर खींच लिया. बिरला ने इस कारोबार में 10,000 करोड़ रुपये का बड़ा निवेश किया और देशभर में छह कारखाने बनाने की योजना बनाई.

बिरला ओपस ने बना ली मजबूत जगह

पेंट बाजार में डीलर बहुत महत्वपूर्ण रोल प्ले करते हैं. एक साल में ही बिड़ला ओपस ने बाजार में अपनी मजबूत जगह बना ली. ऐसे में एशियन पेंट निवेशकों को चिंता है. बिड़ला ओपस की एंट्री और बाजार की सुस्ती के कारण एशियन पेंट्स की हिस्सेदारी में 15 फीसदी की गिरावट आई है. इससे कंपनी को 40,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. दिसंबर तिमाही में कंपनी का मुनाफा 25 फीसदी घटकर 1,110.5 करोड़ रुपये और बिक्री 6.1 फीसदी कम होकर 8,521.5 करोड़ रुपये रही.

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एशियन पेंट्स की चमक फीकी पड़ती दिख रही

पहले एशियन पेंट्स को बेहतरीन टैलेंट की फैक्ट्री माना जाता था, लेकिन अब इसकी चमक फीकी पड़ती दिख रही है. एशियन पेंट्स को बिड़ला ओपस से कड़ी टक्कर मिल रही है. बिड़ला ने सस्ते दामों और तेज विस्तार से बाजार को हिला दिया. उनकी योजना साल 2026 तक 1,322 मिलियन लीटर सालाना प्रोडक्शन की है. बिरला ओपस ने 129 प्रोडक्ट्स और 4,300 शहरों में 50,000 डीलरों का नेटवर्क बनाया. अब वे छोटे शहरों में 300-400 वर्ग फुट की दुकानों और पेंटिंग सर्विस के जरिए बाजार बढ़ा रहे हैं. बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला का कहना है कि तीन साल में 10,000 करोड़ रुपये की आय का लक्ष्य है.

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एशियन पेंट्स का जवाब

एशियन पेंट्स ने डीलरों को ज्यादा छूट, सस्ते प्रोडक्ट्स और मार्केटिंग में खर्च बढ़ाकर जवाब दिया.बिड़ला की एंट्री की जानकारी होने के बावजूद कंपनी तैयार नहीं थी. कंपनी को टैलेंट रिटेंशन में भी दिक्कत हो रही है. कुछ सीनियर कर्मचारियों के अचानक जाने से कंपनी पर सवाल उठे. एशियन पेंट्स की होम डेकोर जैसी नई कोशिशें भी ज्यादा सफल नहीं हुईं. 

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