रेयर अर्थ मिनरल्स को लेकर भारत ने कसी कमर, बनाया 5000 करोड़ का मास्टर प्लान, चीन पर निर्भरता होगी कम
भारत अब रेयर अर्थ मिनरल्स के लिए चीन पर निर्भर नहीं रहेगा. केंद्र सरकार 5000 करोड़ रुपये की योजना के तहत देश में घरेलू उत्पादन बढ़ाने की तैयारी में है. इलेक्ट्रिक वाहन, विंड टर्बाइन और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर को इसका सीधा फायदा मिलेगा. सरकार जल्द ही रिवर्स बिडिंग मॉडल के तहत इस योजना को लागू करने जा रही है.

India Rare Earth Minerals Master Plan: भारत सरकार अब रेयर अर्थ मिनरल्स (REE) के मामले में चीन पर निर्भरता घटाने के लिए एक बड़ा कदम उठाने जा रही है. केंद्र सरकार लगभग 3500 से 5000 करोड़ रुपये की लागत से एक नई योजना शुरू करने वाली है, जिसका मकसद इन मिनरल्स और उनके मैग्नेट के डोमेस्टिक प्रोडक्शन को बढ़ावा देना है. उम्मीद की जा रही है कि यह योजना आने वाले दो हफ्तों के भीतर मंजूरी पा सकती है.
चीन की पाबंदी से बढ़ी चिंता
चीन ने हाल ही में रेयर अर्थ मिनरल्स और मैग्नेट्स के निर्यात पर विशेष लाइसेंस की शर्तें लगा दी हैं. इसके बाद भारतीय उद्योग जगत में चिंता का माहौल है, खासकर ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) बनाने वाली कंपनियों में. इन REE का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, विंड एनर्जी और डिफेंस सेक्टर जैसी तकनीकों में होता है.
नए योजना की रूपरेखा
सरकार की योजना के तहत प्रोडक्शन को बढ़ावा देने के लिए रिवर्स बिडिंग मेकेनिज्म के जरिए प्रोत्साहन दिया जाएगा. मंत्रालय की इंटरनल इंस्पेक्शन में यह साफ हुआ कि चीन से इंपोर्ट पर ज्यादा निर्भरता के चलते भारत को वैकल्पिक सप्लाई सोर्स की तलाश करनी चाहिए. इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, “हमारा प्राथमिक लक्ष्य घरेलू स्तर पर इन आवश्यक मिनरल्स का प्रोडक्शन जल्द से जल्द शुरू करना है.” सरकार के मुताबिक, कम से कम पांच बड़ी भारतीय कंपनियों ने अनौपचारिक रूप से सरकार के साथ इस योजना में रुचि दिखाई है.
भारत की जरूरतें और तैयारी
भारत में रेयर अर्थ मिनरल्स की मौजूदा मांग 2025 तक लगभग 4010 मीट्रिक टन तक पहुंचने की संभावना है, जिसमें से 50 फीसदी मांग ईवी और विंड टरबाइन कंपनियों से होगी. वहीं, 2030 तक यह मांग 8220 मीट्रिक टन तक जा सकती है. सरकार न केवल प्रोडक्शन को बढ़ावा देगी बल्कि “माइंस एंड मिनरल्स डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन एक्ट” में भी बदलाव कर सकती है ताकि रेयर अर्थ मिनरल्स की खोज और खनन को आसान बनाया जा सके.
केंद्र सरकार की योजना है कि इस साल के अंत तक भारत में रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट्स का सीमित लेकिन कमर्शियल स्तर पर उत्पादन शुरू कर दिया जाए. इसी दिशा में हैदराबाद स्थित Midwest Advanced Materials Pvt. Ltd. को विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से वित्तीय सहायता दी गई है.
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