कौन है जैन शिकंजी का मालिक, जो आज भी यूज करते हैं बाबा-दादी का नुस्खा, जिसके लिए भिड़ गए अरबपति

1957 से शुरू हुआ जैन शिकंजी का सफर आज भी जारी है. कंपनी 60 साल से अधिक वक्त से ड्रिंक बिजनेस में धमाल मचाए हुए है. दादा के बनाए शिकंजी फॉर्मुला के रास्ते पर चलकर कंपनी के मौजूदा मालिक देश भर में इसकी छाप छोड़ रहे हैं.

जैन शिकांजी Image Credit: Money9 Live

Who is the owner of Jain Shikanji: हाईवे पर चिलचिलाती धूप के बीच सफर करते हुए अचानक नजर आती है एक छोटी सी दुकान जहां लोगों की भीड़ उमड़ी हुई है, हाथों में शिकंजी के भरे गिलास और चेहरे पर ताजगी की मुस्कान. यह कोई आम शिकंजी नहीं, बल्कि जैन शिकंजी है, एक ऐसा नाम जिसने दशकों से न सिर्फ यात्रियों की प्यास बुझाई है बल्कि देसी स्वाद की छाप लोगों के जुबान और मन में छोड़ी है. 1957 में शुरू हुई इस अनोखी शिकंजी की कहानी आज भी उतनी ही ताजी है जितना इसका हर घूंट. सिक्रेट फॉर्मूले का यह स्वाद इतना पॉपुलर है कि इसके बल पर 60 साल बाद भी कंपनी करोड़ों में कमाई कर रही है और शार्क टैंक के शार्क्स भी इसमें हिस्सेदारी लेने के लिए भिड़ गए.

शुरुआत और सफलता की कहानी

साल 1957 में, जब भारतीय बाजार में कोल्ड ड्रिंक्स का उतना प्रभाव नहीं था एक छोटे से कस्बे मोदीनगर में एक शिकंजी की शुरुआत हुई इसके पीछे थे जैन परिवार से ताल्लुक रखने वाले परमत्मा शरण जैन और उनकी पत्नी शकुंतला जैन. इंन्होंने अपनी विशेष मसाला रेसिपी से एक ऐसा ड्रिंक तैयार किया जो न केवल स्वाद में अनोखा था बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद था. जल्द ही यह शिकंजी उन यात्रियों के बीच प्रसिद्ध हो गई जो दिल्ली और आसपास के इलाकों में सफर के दौरान मोदीनगर से गुजरते थे.

आज जैन शिकंजी का नाम दूर-दूर तक फैल चुका है. दिल्ली, मेरठ, रुड़की जैसे शहरों में भी अब यह अपनी सर्विस देते हैं. कई अन्य दुकानदारों ने इस नाम का इस्तेमाल कर बाजार में अपनी शिकंजी बेचने की कोशिश की लेकिन असली जैन शिकंजी की पहचान और उसके खास मसाले का स्वाद आज भी इसे सबसे अलग बनाए हुए हैं. कंपनी अब शिंकजी मसाले के पैकेट के अलावा दूसरे प्रोडक्ट भी बाजर में उतार चुकी है.

क्रिकेटर सुरेश रैना, राहुल द्रविड़, अभिनेता राज बब्बर, अनुष्का शर्मा, राजनीतिज्ञ अरुण जेटली, राहुल गांधी और कई अन्य हस्तियां जैन शिकंजी का स्वाद चख चुकी हैं और इसकी तारीफ कर चुकी हैं. बड़ी हस्तियों द्वारा इस ड्रिंक का स्वाद लेना भी इसकी पॉपुलैरिटी में अहम भूमिका निभाता है.

USP: क्या बनाता है जैन शिकंजी को सबसे खास?

कंपनी के वेबसाइट के मुताबिक, जैन शिकंजी का असली जादू उसके मसाले में है यह सिर्फ एक साधारण नींबू पानी नहीं है, बल्कि इसमें कई ऐसी चीजें मिलाई जाती हैं, जो इसे स्वादिष्ट और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद बनाती है.

जंबिरी नींबू: आम नींबू की तुलना में अधिक खट्टा और सुगंधित होता है, जिससे शिकंजी का स्वाद और भी निखर जाता है.
काली मिर्च: न केवल स्वाद बढ़ाती है बल्कि पाचन को भी मजबूत करती है और श्वसन तंत्र के लिए लाभकारी होती है.
जीरा: पेट की समस्याओं में राहत देता है और पाचन तंत्र को मजबूत करता है.

कौन हैं मालिक?

वर्षों पुरानी इस विरासत को आगे बढ़ाने का जिम्मा अब अनुभव जैन के कंधों पर है, जो जैन शिकंजी के वर्तमान मालिक और HBMB Foods Private Limited के सीईओ हैं. उनके पिता और भाई भी इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं और मिलकर इसे मॉडर्न वक्त के मुकाबले बना रहे हैं. अनुभव जैन अपने दादा जी की शुरू की गई कंपनी को नई ऊंचाई देने की हर कोशिश कर रहे हैं.

अनुभव जैन ने कॉलेज से निकलने के बाद कॉर्पोरेट दुनिया में अपनी पहचान बनाने की कोशिश की लेकिन पारिवारिक बिजनेस बैकग्राउंड के चलते उन्हें चुनौतियों का सामना करना पड़ा. हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और अपने पारिवारिक व्यवसाय को नए स्तर पर ले जाने का फैसला किया इसी सोच के साथ उन्होंने 2017 में HBMB Foods Private Limited की स्थापना की ताकि जैन शिकंजी को और बड़े स्तर पर ले जाया जा सके.

शार्क टैंक से मिली नई उड़ान

Startupblogworld की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते कुछ वर्षों में जैन शिकंजी ने जबरदस्त ग्रोथ देखी है. मार्च 2022 में कंपनी की नेट वर्थ लगभग 16.62 करोड़ रुपये थी लेकिन इसके बाद कंपनी ने तेज रफ्तार पकड़ी और अब 2024-2025 के वित्तीय वर्ष के आखिरी तक 40 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है.

2022 में जैन शिकंजी को भारत के सबसे लोकप्रिय बिजनेस शो शार्क टैंक इंडिया में भाग लेने का मौका मिला इस शो में, जैन शिकंजी ने अपनी अनूठी ब्रांड वैल्यू को प्रस्तुत किया और निवेशकों को आकर्षित करने में सफल रही.

यह भी पढ़ें: अमूल और रिलायंस समेत 10 रुपये के प्रोडक्ट्स में क्यों उलझी हुई हैं कंपनियां? फूड सेक्टर में क्या चल रहा है कंपटीशन

इस दौरान मशहूर निवेशक अमन गुप्ता, विनीता सिंह, अशनीर ग्रोवर और अनुपम मित्तल ने जैन शिकंजी में 40 लाख रुपये का निवेश किया, जिसके बदले उन्हें 30 फीसदी इक्विटी मिली. इस निवेश के साथ जैन शिकंजी को 1.33 करोड़ रुपये की वैल्यूएशन मिली. आने वाले समय में, कंपनी का लक्ष्य अपने आउटलेट्स को और अधिक शहरों तक ले जाना और अपने प्रोडक्ट को बड़े पैमाने पर पैकेजिंग और वितरण के जरिए देशभर में उपलब्ध कराना है