त्योहारी सीजन में ही क्यों आसमान छूने लगता है फ्लाइट का किराया? Indigo के सीईओ ने खुद किया खुलासा

त्योहारी सीजन या कोई फिर कोई खास मौका फ्लाईट्स के फेयर में भारी बढ़ोतरी देखने को मिलती है. इस पर इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने खुल कर बात की है. हाल ही में महाकुंभ के दौरान हवाई किराए में बढ़ोतरी के चलते सरकार और एयरलाइंस कंपनियों आलोचनाओं का सामना करना पड़ा.

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Indigo CEO on Fare Hike: त्योहारी सीजन या कोई फिर कोई खास मौका फ्लाईट्स के फेयर में भारी बढ़ोतरी देखने को मिलती है. इस पर इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने खुल कर बात की है. हाल ही में महाकुंभ के दौरान हवाई किराए में बढ़ोतरी के चलते सरकार और एयरलाइंस कंपनियों आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. एल्बर्स ने कहा कि ज्यादा किराए कुछ ही समय के लिए होते हैं. यह मुख्य रूप से मांग आधारित एल्गोरिदम पर काम करता हैं. एयरलाइंस जानबूझकर किराए को नहीं बढ़ाती है.

CEO पीटर एल्बर्स ने क्या कहां?

पीटर एल्बर्स ने CNBC टीवी18 से बात करते हुए कहा कि अगर किसी रूट पर एक टिकट की कीमत 40,000 रुपये है तो यह कभी-कभार होता है. कभी-कभी ये सिस्टम कीमतें बढ़ा देते हैं. उन्होंने कहा कि लोगों को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि कैसे एयरलाइन ने प्रयागराज के लिए उड़ानों की संख्या दोगुनी करके भारी मांग को जवाब दिया.

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खतरे में डाल सकता है कम किराया

उन्होंने आगे यह भी कहा कि ऑपरेशनल लागतों को ध्यान में रखे बिना कम टिकट कीमतों की मांग करना एयरलाइनों की स्थिरता को खतरे में डाल सकता है. केंद्र सरकार द्वारा हाई फेयर को रोकने के लिए एक ‘एयर सेवा’ सेल की रिपोर्ट के जवाब में बोलते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह का बॉडी होना एक अच्छी बात है.

कॉम्पिटिटिव बाजारों में से एक है एयरलाइन इंडस्ट्रीज

साथ ही भारतीय बाजार को देखते हुए यह दुनिया के सबसे अधिक कॉम्पिटिटिव बाजारों में से एक है. इस सेक्टर का किराया बेहद ही कॉम्पिटिटिव हैं. इंडिगो के सीईओ ने कहा कि व्यापार करने की लागत और हवाई किराए की कीमत के बीच एक कोरिलेशन होना चाहिए.ऐसा नहीं करने पर कंपनी लॉस में चली जाएगी.

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