इस जापानी कंपनी के हाथ में होगी Yes Bank की कमान, होने वाली है भारत की सबसे बड़ी बैंक डील, शेयर में तेजी

जापानी बैंकिंग दिग्गज SMBC , भारत के निजी क्षेत्र के छठे सबसे बड़े बैंक Yes Bank में 51% हिस्सेदारी खरीदने की तैयारी में है.यह डील अगर पूरी होती है तो यह देश की सबसे बड़ी बैंकिंग M\&A डील होगी.SMBC को RBI से मौखिक मंजूरी मिल गई है, जबकि वोटिंग राइट्स 26% तक सीमित रहेंगे.वर्तमान में SBI, HDFC, ICICI समेत कई संस्थाएं Yes Bank में हिस्सेदार हैं.बैंक का मुनाफा और डिपॉजिट दोनों में तेजी आई है.

जापानी बैंकिंग दिग्गज SMBC, Yes Bank में 51% हिस्सेदारी खरीदने की तैयारी में है. Image Credit: social media

Yes Bank Acquisition: देश के छठे सबसे बड़े प्राइवेट बैंक यस बैंक की कमान जल्द ही जापान की फाइनेंशियल पावरहाउस सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (SMBC) के हाथों में होगी. इसको लेकर SMBC और Yes Bank के बीच लंबे समय से बातचीत चल रही थी, जो अब अंतिम चरण में पहुंच गई है. अगर डील होती है, तो SMBC, Yes Bank में 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीद सकता है, जिससे वह सबसे बड़ा शेयरहोल्डर बन जाएगा. अगर ऐसा होता है, तो यह देश की सबसे बड़ी बैंक डील भी होगी. SMBC इसके लिए RBI से जरूरी मंजूरी मिलने का इंतजार कर रही है. इस डील के खबर आने के बाद से ही निवेशकों में उत्साह देखा जा रहा है जिस कारण बैंक के शेयरों में तेजी देखी आई है.

क्या है डील?

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, SMBC और Yes Bank की डील के तहत SMBC की हिस्सेदारी खरीद के बाद ओपन ऑफर के जरिए 26 फीसदी अतिरिक्त शेयर खरीदे जाएंगे. इसके साथ ही यह देश की सबसे बड़ी बैंकिंग M\&A डील बन सकती है. SMBC को इसके लिए RBI से 51फीसदी कंट्रोलिंग हिस्सेदारी की मौखिक मंजूरी मिल गई है, हालांकि इस डील के बाद भी SMBC के वोटिंग राइट्स 26फीसदी तक ही सीमित रहेंगे.

यस बैंक के वर्तमान शेयरहोल्डर्स

वर्तमान में यस बैंक में SBI 24, HDFC Bank, ICICI Bank, Kotak, Axis, LIC, कुल मिलाकर 11.34 ,Advent International 9.20, Carlyle Group 6.84 फीसदी की हिस्सेदारी है. SMBC ने इस डील के लिए कुछ दिन पहले SBI के अधिकारियों से बैठक की थी. नियमों के अनुसार किसी भी विदेशी कंपनी को देश में किसी बैंक की कमान नहीं सौंपी जा सकती, हालांकि रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया इसमें छूट दे सकता है.

कैसी है Yes Bank की स्थिति?

2019 में बैंक के वित्तीय संकट के बाद रिजर्व बैंक की मदद से इसे संकट से बाहर निकाला गया था. लेकिन अब वित्त वर्ष 2024-25 में बैंक की डिपॉजिट 2.85 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है और इसका NPA घटकर 1.6 फीसदी रह गया है. बैंक का शुद्ध लाभ 2,406 करोड़ रुपये हो गया है.

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बैंक के शेयर में उछाल

इस डील की खबर आने के बाद निवेशकों के बीच उत्साह देखा गया है. बैंक का शेयर 6 मई को सुबह 11:30 बजे तक 2.37 फीसदी की तेजी के साथ ट्रेड कर रहा था.