अब बांग्लादेश बुरा फंसेगा, भारत उसके सीने पर बनाएगा एयरबेस; 1971 में किया था कमाल
भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव बढ़ रहा है, खासकर जब से शेख हसीना की सरकार गिराई गई है और चीन बांग्लादेश के करीब आ रहा है. बांग्लादेश अब चीन की मदद से लालमोनिरहाट एयरबेस को फिर से तैयार कर रहा है, जो भारत की सीमा से महज 20 किलोमीटर दूर है. यही चिंता की बात है.

India Bangladesh: भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव बढ़ रहा है, भले ही आपको सबकुछ सामने नजर न आ रहा हो लेकिन पीठ पीछे चीजें बिगड़ती जा रही हैं. भारत के साथ रिश्ते मजबूत करने वाली शेख हसीना जब सत्ता से बाहर निकाली गईं तो चीन बांग्लादेश के और बांग्लादेश चीन के ज्यादा करीब होता जा रहा है, जो भारत के लिए अच्छा नहीं है. हाल में पता चला था कि बांग्लादेश चीन की मदद से एक पुराने एयरबेस को फिर से तैयार कर रहा है जो भारत की सीमा से ज्यादा दूर नहीं है. इस खबर ने भारत को सतर्क कर दिया है और जवाब में भारत ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है.
1971 की जंग वाला एयरबेस हो रहा रिवाइव
भारत त्रिपुरा के उत्तरी हिस्से कैलाशहर इलाके में एक बंद पड़े सिविल एयरपोर्ट को फिर से चालू करने की योजना बना रहा है जो बांग्लादेश की बॉर्डर के करीब है.
कैलाशहर का ये एयरपोर्ट वही है जो 1971 के भारत-पाक युद्ध में बहुत अहम था. यहीं से किलो फ्लाइट नाम की एक टीम ने उड़ान भरी थी, जो बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई में एक खास भूमिका निभा रही थी. ये टीम भारत की वायुसेना के कंट्रोल में काम कर रही थी, और बाद में इसी से बांग्लादेश की वायुसेना बनी.
इससे बांग्लादेश और चीन को तो जवाब मिलेगा ही साथ ही इस एयरपोर्ट के दोबारा शुरू होने से त्रिपुरा को भी फायदा मिलेगा जहां केवल अगरतला में ही एक बड़ा एयरपोर्ट है. 26 मई 2025 को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की एक टीम ने कैलाशहर एयरपोर्ट का दौरा किया है और कहा कि आगे की योजना राज्य सरकार से बात करके तय की जाएगी.
चीन-बांग्लादेश का प्लान
बांग्लादेश दूसरे विश्व युद्ध के जमाने के एक पुराने एयरबेस को फिर से शुरू करने जा रहा है जिसका नाम लालमोनिरहाट है. ये रंगपुर डिवीजन में है और इसमें चीन की मदद लेने की बात हो रही है. भारत के लिए चिंता की बात इसलिए है क्योंकि ये एयरबेस भारत-बांग्लादेश बॉर्डर से केवल 20 किलोमीटर की दूरी पर है. इस एयरबेस की मदद से चीन भारत के और पास आ जाएगा.
इसके अलावा ये भारत के चिकन नेक यानी सिलीगुड़ी कॉरिडोर के पास भी है. ये वो कॉरिडोर है जो भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों को बाकी देश से जोड़ता है और ये सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा है. इसके एक तरफ नेपाल है और दूसरी तरफ भूटान भी है जिनसे भारत के रिश्ते ठीक हैं. लेकिन एक तरफ बांग्लादेश भी है जहां चीन का दबदबा बढ़ रहा है.
बात ये है कि अगर चीन इस एयरबेस को तैयार करने में मदद कर रहा है मतलब उसका इस्तेमाल चीन भी कर सकेगा, हो सकता है वो अपने लड़ाकू विमान तक वहां तैनात कर दे.
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