IAS की चयन प्रक्रिया में बड़े बदलाव की वकालत, पूर्व RBI गवर्नर बोले- 40 प्लस वालो को भी मिले मौका, घटे परीक्षा देने का मौका

RBI के पूर्व गवर्नर डी. सुब्बाराव ने UPSC परीक्षा की उम्र और अटेम्प्ट सीमा घटाने का सुझाव दिया है. साथ ही 40 की उम्र पार प्रोफेशनल्स के लिए IAS में अलग भर्ती रास्ता बनाने की बात कही है. उन्होंने युवाओं की ऊर्जा के साथ मिड-कैरियर अनुभव को भी जरूरी बताया है. एक्जाम सिस्टम में बैलेंस की वकालत की है.

RBI के पूर्व गवर्नर डी. सुब्बाराव ने दी सिविल सेवा परीक्षा में बदलाव की सलाह Image Credit: social media

UPSC: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने सिविल सेवा में भर्ती प्रक्रिया में सुधारों को लेकर सुझाव दिया है. उनका मानना है कि IAS परीक्षा के लिए अधिकतम उम्र और अटेम्प्ट की संख्या घटाई जानी चाहिए और 40 की उम्र पार कर चुके अनुभवी प्रोफेशनल्स को भी IAS में एंट्री मिलनी चाहिए. इसके पीछे उनका क्या तर्क है चलिए समझते हैं.

हर सफल उम्मीदवार के पीछे कई असफल कोशिशें

सुब्बाराव ने टाइम्स ऑफ इंडिया में एक लेख में साल 2024 के सिविल सेवा रिजल्ट में चयनित छात्रों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि उन हजार के करीब उम्मीदवारों को जिन्होंने यह बेहद कठिन परीक्षा पास की, उन्हें बधाई. लेकिन उन्होंने यह भी बताया कि एक सफल उम्मीदवार के पीछे कम से कम दस ऐसे होते हैं जिन्होंने सालों तैयारी की, पर सफल नहीं हो पाए. वे फिर से वहीं आ जाते हैं जहां से शुरू किया था. उनके मुताबिक, यह मेहनत और समय की बर्बादी है.

उम्र और अटेम्प्ट की मौजूदा सीमा पर सवाल

डी. सुब्बाराव ने बताया कि अभी UPSC की परीक्षा देने के लिए 21 से 32 साल की उम्र और 6 अटेम्प्ट की सीमा है. उनके मुताबिक, बार-बार असफलता के बाद भी उम्मीदवार खुद से पीछे नहीं हट पाते. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वे सोचते हैं कि “इतना सब झोंक दिया है, अब छोड़ दिया तो सब बेकार हो जाएगा. शायद इस बार हो जाए.” सुब्बाराव ने इसे ‘sunk cost fallacy’ कहा यानी जो समय, पैसा और मेहनत पहले लगाई गई है, उसे छोड़ना मुश्किल होता है. लेकिन यही सोच कई युवाओं के सबसे अच्छे साल खराब कर देती है.

कम उम्र और कम अटेम्प्ट की दी सलाह

सुब्बाराव ने अपने समय को याद करते हुए बताया कि 1970 के दशक में सिर्फ दो मौके मिलते थे और उम्र सीमा 21 से 24 साल थी. उन्होंने कहा कि अब यह दायरा बहुत ज्यादा बढ़ गया है. उनके मुताबिक, उम्र की सीमा 27 साल और अधिकतम तीन अटेम्प्ट होनी चाहिए. वह कहते हैं कि जब छह बार मौका मिलता है तो लोग एग्जाम क्रैक करने की तकनीक सीख जाते हैं, न कि असल टैलेंट या योग्यता के आधार पर चुने जाते हैं. इससे परीक्षा में गलत चयन की संभावना भी बढ़ जाती है.

40 की उम्र में प्रोफेशनल्स के लिए अलग रास्ता हो

सुब्बाराव ने एक और सुझाव दिया कि UPSC को 40 से 42 साल की उम्र के प्रोफेशनल्स के लिए हर साल एक अलग एग्ज़ाम आयोजित करना चाहिए. यह मौजूदा ‘लैटरल एंट्री’ की तरह नहीं, बल्कि एक स्थायी और प्रतियोगी प्रक्रिया होनी चाहिए. उनका मानना है कि इससे लोग पहले किसी और करियर में अनुभव ले सकेंगे और फिर बाद में प्रशासनिक सेवा में आ सकेंगे.

अनुभव की कमी पूरी करेंगे मिड-कैरियर लोग

उन्होंने कहा कि जो युवा IAS में आते हैं उनके पास असली दुनिया और प्रशासन के बाहर की समझ कम होती है. मिड-कैरियर प्रोफेशनल्स इस कमी को पूरा करेंगे. इससे प्रशासन ज्यादा समझदार, संवेदनशील और प्रासंगिक बनेगा. हालांकि सुब्बाराव ने यह भी कहा कि युवाओं की भर्ती बंद नहीं होनी चाहिए. उनके मुताबिक, युवा प्रशासन में नई ऊर्जा, जोश और ताजगी लाते हैं जो जरूरी है.

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