चीन को टक्कर देगा राजस्थान, मिला रेयर अर्थ मैटेरियल का भंडार, इन दो जिलों में एक्टिव हुई सरकार

हाल ही में राजस्थान के बालोतरा जिले में दुर्लभ खनिजों का बड़ा भंडार मिला है, जो एडवांस टेक्नोलॉजी और रक्षा के लिए जरूरी है. खनन के लिए जल्द ही नीलामी होगी, जिसकी संभावित कीमत 10 करोड़ रुपये है. ये खनिज भारत को आत्मनिर्भर बनाएंगे और चीन पर निर्भरता कम करेंगे. सरकार इस क्षेत्र को विकसित करने के लिए तेजी से काम कर रही है.

Rare Earth Mineral in Rajasthan Image Credit: Canva/ Money9

Rare Earth Minerals in Rajasthan: हाल ही में राजस्थान के बालोतरा और जालोर जिले में दुर्लभ खनिज (Rare Earth Minerals) के बड़े भंडार पाए गए हैं. ये खनिज एडवांस टेक्नोलॉजी और डिफेंस के लिए महत्वपूर्ण हैं. खनन के लिए जल्द ही नीलामी की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है. रेयर अर्थ मेटल्स का यह भंडार भारत को वैश्विक बाजार में मजबूत स्थिति दिला सकता है. चीन की ओर से रेयर अर्थ मेटल्स के निर्यात पर प्रतिबंध के बाद ऑटोमोबाइल सहित कई भारतीय क्षेत्रों पर गहरा असर पड़ा है. ऐसे में राजस्थान में दुर्लभ खनिजों के पता लगने से ना सिर्फ भारत की इंडस्ट्री को लाभ मिलेगा, बल्कि चीन पर निर्भरता भी कम करेगा.

खनन के लिए जल्द होगी नीलामी

जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) और परमाणु खनिज निदेशालय (AMD) ने राजस्थान के बालोतरा और जालोर जिलों में रेयर अर्थ मेटल्स के भंडार का पता लगाया है. कई स्थानों पर सर्वेक्षण कार्य पूरा हो चुका है और भाटी खेड़ा क्षेत्र में भी सर्वेक्षण का काम जल्द समाप्त होने वाला है. इस क्षेत्र में खनन के लिए नीलामी प्रक्रिया जल्द शुरू होगी, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 10 करोड़ रुपये है. इसमें निजी कंपनियां और सरकारी एजेंसियां हिस्सा लेंगी.

खनन के लिए पर्यावरणीय मंजूरी भी जल्द मिलने की उम्मीद है, क्योंकि भाटी खेड़ा किसी वन्यजीव अभयारण्य या पर्यावरणीय रूप से संवेदनशील क्षेत्र में नहीं आता है. यह क्षेत्र बास्टनासाइट, ब्रिथोलाइट और जेनोटाइम जैसी खनिजों से समृद्ध है, जो आमतौर पर कार्बोनेटाइट और माइक्रोग्रेनाइट चट्टानों में पाए जाते हैं.

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रेयर अर्थ मेटल्स का कहां इस्तेमाल होता है?

अंतिम उपयोग (End-use)किस सेक्टर में कितना इस्तेमाल 2019 (%)
स्थायी मैग्नेट (Permanent Magnets)38%
कैटालिस्ट (Catalysts)23%
कांच पालिश पाउडर और एडिटिव्स (Glass Polishing Powder and Additives)13%
धातु विज्ञान और मिश्र धातु (Metallurgy and Alloys)8%
बैटरी मिश्र धातु (Battery Alloys)9%
सिरैमिक्स, पिग्मेंट्स और ग्लेज़ (Ceramics, Pigments and Glazes)5%
फॉस्फर (Phosphors)3%
अन्य (Other)4%
Source – Visual Capitalist

92 फीसदी रेयर अर्थ मेटल्स पर है चीन का कंट्रोल

अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) के अनुसार, मौजूदा वक्त में चीन दुनिया भर में खनन किए गए रेयर अर्थ मेटल्स के प्रोडक्शन में 61 फीसदी हिस्सेदारी रखता है, लेकिन कुल उत्पादन का 92 फीसदी को कंट्रोल करता है. यानी चीन दुनिया के 90 फीसदी से अधिक रेयर अर्थ मिनरल्स ना केवल निकालता है, बल्कि उन्हें प्रोसेस कर पूरी दुनिया को सप्लाई करता है.

किस देश के पास कितना है भंडार?

देशखदानों से उत्पादन 2020 (टन में)रिजर्व (टन में)कुल रिजर्व का %
चीन1,40,00044,000,00038.0%
वियतनाम1,00022,000,00019.0%
ब्राजील1,00021,000,00018.1%
रूस2,70012,000,00010.4%
भारत3,0006,900,0006.0%
ऑस्ट्रेलिया17,0004,100,0003.5%
संयुक्त राज्य अमेरिका38,0001,500,0001.3%
ग्रीनलैंड1,500,0001.3%
तंजानिया890,0000.8%
कनाडा830,0000.7%
दक्षिण अफ्रीका790,0000.7%
अन्य देश100310,0000.3%
बर्मा30,000उपलब्ध नहींउपलब्ध नहीं
मेडागास्कर8,000उपलब्ध नहींउपलब्ध नहीं
थाईलैंड2,000उपलब्ध नहींउपलब्ध नहीं
बुरुण्डी500उपलब्ध नहींउपलब्ध नहीं
टोटल2,43,3001,15,820,000100%
Source – Visual Capitalist

केंद्र सरकार ने 2025 में नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन लॉन्च किया है. इसका उद्देश्य महत्वपूर्ण खनिजों के भंडार की खोज, खनन और प्रोसेसिंग के काम में तेजी लाना है. जीएसआई को 2024-25 और 2030-31 के बीच ऐसे 1,200 स्थलों का सर्वेक्षण करना है, जहां इस दुर्लभ खनिज के होने की संभावना है. साथ ही सरकार ने रेयर अर्थ मैग्नेट के निर्माण को तेज करने के लिए 1,000 करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना की शुरुआत की है.

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