भारत-ऑस्ट्रेलिया की जोड़ी तोड़ेगी चीन का वर्चस्व ! रेयर अर्थ मैटेरियल के लिए बड़ी डील की तैयारी

चीन की पाबंदी और वैश्विक टैरिफ विवाद के बीच भारत, ऑस्ट्रेलिया समेत कई खनिज समृद्ध देशों के साथ रेयर अर्थ मेटल्स को लेकर नई संभावनाओं पर बात कर रहा है. अगर ऑटोमोबाइल और हाई-टेक सेक्टर के लिए अहम इन दुर्लभ धातुओं को लेकर भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच वार्ता सफल होती है तो यह इंडिया के लिए उपलब्धि होगी.

Talks on Rare Earth Metals Between India and Australia Image Credit: Getty, Canva

Rare Earth Metals Deal Between India-Australia: चीन से रेयर अर्थ मेटल्स के निर्यात पर पाबंदी के बाद भारत इस दुर्लभ धातुओं के लिए ऑस्ट्रेलिया से वार्ता कर रहा है. यह धातु ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. अमेरिका द्वारा चीन पर 146 फीसदी तक टैरिफ लगाने के बाद चीन की सरकार ने एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी थी. अब ऑस्ट्रेलिया–भारत गठजोड़ इस संकट को खत्म कर सकता है. साथ ही भारत साउथ अमेरिका और अफ्रीका के खनिज समपन्न देशों में भी रेयर अर्थ मेटल्स ब्लॉक में निवेश करने के मौके तलाश रहा है.

रेयर अर्थ मेटल्स ब्लॉक खरीदेगा भारत?

ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स सरकार की ट्रेड और इन्वेस्टमेंट कमिश्नर मालिनी दत्त ने ET को बताया कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रेयर अर्थ मेटल को लेकर बातचीत हो रही है. अभी ब्लॉक भी उपलब्ध हैं. इसलिए भारत के लिए अवसर है कि वे शुरुआत में ही डील कर ले.

इसके साथ ही भारत की निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों ने ऑस्ट्रेलिया में कॉपर ब्लॉक में दिलचस्पी दिखाई है. इंडियन एनर्जी स्टोरेज एलायंस (IESA) की ओर से आयोजित इंडिया एनर्जी स्टोरेज वीक (IESW 2025) की बैठक के बाद मालिनी दत्त ने कहा कि “मैंने जितनी भी बातचीत की है, उसके अनुसार कॉपर के मामले में भी काफी रुचि है. प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर की कंपनियां दोनों ने दिलचस्पी दिखाई है, जो कॉपर ब्लॉक की तलाश कर रहे हैं.”

92 फीसदी रेयर अर्थ मेटल्स कंट्रोल करता है चीन

अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) के अनुसार, मौजूदा वक्त में चीन दुनिया भर में खनन किए गए रेयर अर्थ मेटल्स के प्रोडक्शन में 61 फीसदी हिस्सेदारी रखता है, लेकिन कुल उत्पादन का 92 फीसदी को कंट्रोल करता है. यानी चीन दुनिया के 90 फीसदी से अधिक रेयर अर्थ मिनरल्स ना केवल निकालता है, बल्कि उन्हें प्रोसेस कर पूरी दुनिया को सप्लाई करता है.

ऑस्ट्रेलिया के साथ इन देशों में भी तलाश रहे मौके

देश की सरकारी कंपनी NMDC (National Mineral Development Corporation) के चेयरमैन अमिताभ मुखर्जी ने हाल ही में कहा था कि एनएमडीसी अब इंटरनेशनल स्तर पर क्रिटिकल मिनरल्स के ब्लॉक खरीदने की तैयारी में है. मुखर्जी के मुताबिक, एनएमडीसी ने 10 रेयर अर्थ मिनरल्स की पहचान की है. ये ब्लॉक ऑस्ट्रेलिया, साउथ अमेरिका और अफ्रीका जैसे खनिज समपन्न देशों में उपलब्ध है. कंपनी इन देशों में निवेश करने की योजना बना रही है.

इन सेक्टर पर पड़ेगा असर

क्रिटिकल मिनरल्स का इस्तेमाल मोबाइल फोन, इलेक्ट्रिक गाड़ियां, डिफेंस सिस्टम, कंप्यूटर चिप्स, सैटेलाइट्स, विंड टर्बाइन्स और हाई-टेक इंडस्ट्री के प्रोडक्ट्स के निर्माण में होता है. इसलिए रेयर अर्थ मेटल्स से संबंधित किसी भी फैसलों का असर इन सेक्टर पर पड़ेगा.