Bihar Election 2025: खत्म हुआ बिहार में पहले चरण का मतदान, शाम 5 बजे तक 60.13 फीसदी हुई वोटिंग
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण का मतदान समाप्त हो गया. 18 जिलों की 121 सीटों पर शाम 5 बजे तक 60.13 फीसदी वोटिंग दर्ज की गई. बेगूसराय में सबसे ज्यादा मतदान हुआ, जबकि पटना के शहरी इलाकों में मतदान दर कम रही. इस चुनाव में तेजस्वी यादव और सम्राट चौधरी जैसे कई दिग्गज मैदान में हैं.
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में गुरुवार को मतदाताओं के बीच काफी उत्साह देखने को मिला. राज्य के 18 जिलों की 121 सीटों पर हुए मतदान में शाम 5 बजे तक 60.13 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. इस चरण में कुल 3.75 करोड़ मतदाता मतदान करने के पात्र थे. हालांकि, मतदान के अंतिम घंटों में और भी मतदान हुआ, इसलिए यह आंकड़ा और बढ़ सकता है. मतदान प्रक्रिया काफी हद तक शांतिपूर्ण रही, लेकिन कुछ छिटपुट घटनाओं ने राजनीतिक तनाव को बढ़ा दिया, जिनमें उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के वाहन पर हमला प्रमुख रहा.
बेगूसराय में सबसे अधिक मतदान
इस चरण में सबसे अधिक मतदान बेगूसराय जिले (67.32 फीसदी) में दर्ज किया गया, इसके बाद समस्तीपुर (66.65 फीसदी) और मधेपुरा (65.74 फीसदी) का स्थान रहा. हालांकि, राजधानी पटना के शहरी क्षेत्रों में एक बार फिर मतदाताओं का रुझान कम देखने को मिला. बांकीपुर (34.80 फीसदी), दीघा (31.89 फीसदी) और कुम्हरार (37.73 फीसदी) जैसे विधानसभा क्षेत्रों में मतदान दर औसत से काफी नीचे रही.
इस चरण में दोनों ही गठबंधनों, सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी इंडिया गठबंधन की बहुत कुछ दांव पर लगी हुई है. राष्ट्रीय जनता दल के युवा नेता तेजस्वी यादव, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा समेत कई प्रमुख मंत्री और वरिष्ठ नेता चुनाव मैदान में हैं.
‘सुशासन’ बनाम ‘बदलाव’
चुनावी रणनीति स्पष्ट रही है. एनडीए लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ‘सुशासन’ और विकास के अपने एजेंडे पर जोर दे रही है, जबकि विपक्ष ‘बदलाव’ की अपील कर रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषणों में आरजेडी-कांग्रेस के पुराने शासनकाल को ‘जंगलराज’ करार देते हुए कहा कि मतदान केंद्रों पर महिलाओं की बढ़ी हुई संख्या इस ‘जंगलराज’ को वापस लौटने से रोकने के लिए एक ‘किले’ जैसी है.
वहीं, आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने बदलाव की जरूरत बताई. उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “अगर रोटी को तवे पर पलटा नहीं जाएगा, तो वह जल जाएगी. बीस साल लंबा वक्त होता है. नए बिहार के निर्माण के लिए तेजस्वी सरकार जरूरी है.”
हिंसा और आरोप-प्रत्यारोप
मतदान के दौरान हिंसा की कुछ घटनाएं सामने आईं. सबसे चर्चित घटना उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के काफिले पर हमले की रही. सिन्हा, लखीसराय से लगातार चौथी बार चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि आरजेडी समर्थकों ने अति पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं को ‘डराने’ की कोशिश में उनके काफिले की एक कार पर हमला किया.
इसके जवाब में, आरजेडी ने चुनाव आयोग पर विपक्ष के मजबूत इलाकों में जानबूझकर मतदान धीमा करने का आरोप लगाया, जिसे आयोग ने खारिज कर दिया.
प्रशांत किशोर की एंट्री से बढ़ी हलचल
इस चुनाव की एक खास बात पूर्व राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की ‘जन सुराज पार्टी’ का प्रभाव है. किशोर ने बिहार को “देश के शीर्ष राज्यों में शामिल करने” के अपने वादे के साथ लोगों का ध्यान खींचा है. उन्होंने कुछ साहसिक बयान भी दिए हैं, जिनमें राज्य में लागू शराबबंदी कानून को समाप्त करने का इरादा जताना शामिल है, जिस पर राज्य को भारी राजस्व का नुकसान हो रहा है. उनकी एंट्री ने इस चुनाव को और रोमांचक बना दिया है. हालांकि, वह कितनी सीटें जीतने में कामयाब होते हैं, यह तो समय ही बताएगा.