Cabinet Decision: इन्फ्रा सेक्टर को मिलेगा बूस्ट, 4,800 करोड़ की रेलवे, सड़क और सिंचाई परियोजनाएं मंजूर
Central Cabinet ने बुधवार 9 अप्रैल को इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की कई अहम परियोजनाओं को मंजूरी दी है. रेलवे, सड़क और सिंचाई की इन परियोजनाओं पर करीब 4,800 करोड़ रुपये का खर्च आने की उम्मीद है. ये प्रोजेक्ट देश के परिवहन और सिंचाईं नेटवर्क को मजबूत करेंगे.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 4,800 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत वाले कई अहम इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है. इन परियोजनाओं से देश के सड़क और रेल परिवहन के साथ ही जल प्रबंधन में सुधार होगा. केंद्रीय कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इन प्रोजेक्ट्स में एक प्रोजेक्ट दक्षिण भारत की अहम रेलवे लाइन का दोहरीकरण, उत्तर में एक नया छह लेन बाईपास और कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए जल प्रबंधन प्रणालियों का आधुनिकीकरण शामिल है.
तिरुपति-पाकला-कटपडी रेलवे लाइन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के बीच तिरुपति-पाकला-कटपडी रेलवे लाइन के 104 किमी के हिस्से को डबल लाइन करने की मंजूरी दी है. 1,332 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाले इस प्रोजेक्ट का लाभ करीब 14 लाख लोगों को मिलेगा. PM Gati Shakti मास्टर प्लान के तहत बनाई जा रही यह परियोजना मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए है.
जीरकपुर बाईपास के निर्माण को मंजूरी
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने पंजाब और हरियाणा के बीच कनेक्टिविटी को सुधारने के लिए 1878.31 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 19.2 किलोमीटर लंबे 6 लेन के एक्सेस कंट्रोल्ड बाइपास को मंजूरी दी है. इसके तहत जीरकपुर-पटियाला वाले एनएच-7 पर स्थित हाइब्रिड एन्युटी मोड से जीरकपुर-परवाणू वाले एनएच-5 के बीच कनेक्टिविटी के लिए 6 लेन के जीरकपुर बाईपास के निर्माण को मंजूरी दी गई है. यह भी पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान के तहत बनाई जाने वाली परियोजना है. इस परियोजना का मुख्य मकसद पटियाला, दिल्ली, मोहाली एरोसिटी से यातायात को हटाकर हिमाचल प्रदेश को सीधी कनेक्टिविटी देते हुए जीरकपुर, पंचकूला और आसपास के क्षेत्रों में भीड़भाड़ को कम करना है.
सिंचाई और जल प्रबंधन योजना को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की उप-योजना के रूप में कमान क्षेत्र विकास और जल प्रबंधन के आधुनिकीकरण को मंजूरी दी है. कुल 1600 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना के तहत मौजूदा नहरों या अन्य स्रोतों से तय क्लस्टर में सिंचाई जल की आपूर्ति के लिए सिंचाई जल आपूर्ति नेटवर्क को आधुनिक बनाना है.
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