दिवाली से पहले केंद्र का राज्यों को तोहफा, 1 लाख करोड़ किए जारी, यूपी को सबसे बड़ा फायदा, जानें किस राज्य को कितने मिले?

केंद्र सरकार ने बुधवार को कई अहम फैसले किए. एक तरफ जहां केंद्रीय कर्मचारियों व पेंशनरों के लिए DA/DR में बढ़ोतरी का ऐलान किया. वहीं, दूसरी तरफ दिवाली से पहले राज्यों को एडवांस टैक्स डिवोल्यूशन जारी किया है. इसके तहत राज्यों को 1.01 लाख करोड़ रुपये मिलेंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो) Image Credit: X/ PM Modi

त्योहारों से ठीक पहले केंद्र सरकार ने राज्यों को बड़ा तोहफा दिया है. केंद्र ने एडवांस टैक्स डिवोल्यूशन के तौर पर राज्यों को 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा जारी किए हैं. वित्त मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि 1 अक्टूबर को 1,01,603 करोड़ का एडवांस टैक्स डिवोल्यूशन जारी किया गया है. यह फंड राज्यों को कैपिटल स्पेंडिंग और वेलफेयर स्कीम्स पर खर्च करने के लिए दिया गया है, ताकि त्योहारों के समय विकास योजनाओं की रफ्तार बढ़े.

क्यों एडवांस में मिला डिवोल्यूशन

आमतौर पर टैक्स डिवोल्यूशन हर महीने की 10 तारीख को जारी होता है. लेकिन इस बार दिवाली को देखते हुए केंद्र ने एडवांस में ही राशि जारी कर दी है. इसका मकसद है कि राज्य समय रहते इंफ्रास्ट्रक्चर, कल्याणकारी योजनाओं और त्योहार से जुड़ी गतिविधियों पर तेजी से खर्च कर सकें.

किस राज्य को कितना हिस्सा

इस फंड का सबसे बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश को मिला है. यूपी को 18,227 करोड़ रुपये मिले हैं. इसके बाद बिहार को 10,219 करोड़ और मध्य प्रदेश को 7,976 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. वहीं, पश्चिम बंगाल को 7,644 करोड़ और महाराष्ट्र को 6,418 करोड़ का हिस्सा मिला है. वहीं सबसे कम आवंटन गोवा को 392 करोड़ और सिक्किम को 394 करोड़ रुपये का हुआ है.

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बाकी राज्यों को कितना मिला?

अन्य राज्यों में ओडिशा को 4,601 करोड़, तमिलनाडु को 4,144 करोड़ और आंध्र प्रदेश को 4,112 करोड़ रुपये मिले हैं. वहीं, राजस्थान को 6,123 करोड़, गुजरात को 3,534 करोड़, कर्नाटक को 3,705 करोड़ और छत्तीसगढ़ को 3,462 करोड़ का आवंटन हुआ है. छोटे राज्यों में अरुणाचल प्रदेश को 1,785 करोड़, मिजोरम को 508 करोड़, नागालैंड को 578 करोड़, मणिपुर को 727 करोड़ और त्रिपुरा को 719 करोड़ रुपये मिले हैं.

पॉलिटिकल एंगल भी अहम

दिलचस्प पहलू यह है कि यूपी, बिहार और मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्यों को सबसे ज्यादा फंड मिला है. इन राज्यों में अगले साल चुनावी हलचल तेज होगी. ऐसे में अतिरिक्त फंडिंग को राजनीतिक नजरिए से भी अहम माना जा रहा है क्योंकि यह सीधे तौर पर वेलफेयर योजनाओं और जनता तक पहुंचने वाले लाभ से जुड़ा है.