यात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी, अब बस का सफर होगा सस्ता; इस राज्य ने 10 फीसदी तक घटाया किराया

उत्तर प्रदेश सरकार ने यात्रियों को बड़ी राहत देते हुए UPSRTC की एसी बसों के किराए में 10 प्रतिशत तक की कमी का ऐलान किया है. यह रियायत जनरथ, पिंक, शताब्दी, वॉल्वो और AC Sleeper सहित सभी प्रमुख बस सेवाओं पर लागू होगी. नए किराए के अनुसार 3*2 बस सेवा का किराया 1.45 रुपये प्रति किलोमीटर और वॉल्वो का 2.30 रुपये प्रति किलोमीटर तय किया गया है. इससे लंबी दूरी की यात्राएं सस्ती होंगी और करोड़ों यात्रियों को सीधा फायदा मिलेगा.

UPSRTC बस Image Credit: upsrtc.up.gov.in

UPSRTC AC Bus Fare Reduction: उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ी राहत भरी खबर देते हुए राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) द्वारा संचालित सभी एसी बसों के किराए में 10 फीसदी तक की कमी का ऐलान किया है. इस फैसले का मकसद आम जनता की यात्रा को और अधिक किफायती एवं आरामदायक बनाना है. परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य यात्रियों को अधिक आरामदायक और किफायती यात्रा अनुभव प्रदान करना है. इससे UPSRTC के करोड़ों यात्रियों को सीधा लाभ मिलेगा. यह छूट जनरथ, पिंक, शताब्दी, वॉल्वो और एसी स्लीपर जैसी सभी प्रमुख बस सेवाओं पर लागू होगी.

क्या है नया रेट

इस घोषणा के साथ ही, UPSRTC ने विभिन्न एसी बस सेवाओं के लिए नई किराया भी जारी की है. नए रेट के अनुसार, सामान्य 32 बस सेवा का किराया अब 1.45 रुपये प्रति किलोमीटर, अधिक आरामदायक 22 बस सेवा का 1.60 रुपये प्रति किलोमीटर, AC Sleeper का 2.10 रुपये प्रति किलोमीटर और हाई-एंड वॉल्वो बसों का किराया 2.30 रुपये प्रति किलोमीटर होगा.

यह कमी अगली सूचना तक प्रभावी रहेगी. हालांकि, यह रियायत 1 जनवरी 2024 के बाद पंजीकृत नई एसी बसों पर लागू नहीं होगी. इससे राज्य भर में होने वाली लंबी दूरी की यात्राएं, जैसे लखनऊ से वाराणसी या आगरा से गोरखपुर, पहले से काफी सस्ती हो जाएंगी, जिससे मध्यम वर्ग और नियमित यात्रियों को सबसे अधिक फायदा होगा.

राजस्व को स्थिर रखने की रणनीति

किराए में कमी से UPSRTC के सकल राजस्व पर पड़ने वाले संभावित असर को ध्यान में रखते हुए, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने एक महत्वपूर्ण रणनीतिक निर्देश भी जारी किया है. उन्होंने निगम के अधिकारियों को आदेश दिया है कि चालकों और कंडक्टरों के लिए विशेष परामर्श सत्र आयोजित किए जाएं. इन सत्रों का उद्देश्य कर्मचारियों को अधिक से अधिक यात्रियों को आकर्षित करने के लिए प्रेरित करना और उनकी सेवा की गुणवत्ता में सुधार लाना है.

इस पहल के पीछे मुख्य उद्देश्य यह है कि किराए में कमी से यदि यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी होती है, तो निगम के राजस्व पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा और यहां तक कि इसमें बढ़ोतरी भी हो सकती है. यह कदम सार्वजनिक परिवहन को निजी ऑपरेटरों के मुकाबले अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने और निगम की वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने की दिशा में एक अहम कदम है.

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