रेलवे ट्रैक के पास छाते की नो एंट्री, ले गए तो सीधे ये खतरा, इस चूक से जाती है जान
बारिश होने पर लोगों को अगर बाहर जाना होता है तो उन्हें छाते की याद आती है लेकिन रेलवे ट्रैक के पास छाता लेकर जाना जानलेवा हो सकता है. चौंकाने वाली बात यह है कि अधिकतर लोगों को इसके खतरों के बारे में पता ही नहीं है. असलियत में यह बेहद खतरनाक हो सकता है. हम आपको इसके खतरों के बारे में बता रहे हैं जिससे आपकी जान पर मुसीबत न बने.
बारिश होने पर लोग अक्सर छाता पकड़कर मौसम का आनंद लेने के लिए बाहर निकल जाते हैं लेकिन रेल की पटरियों के पास ऐसा करना खतरनाक हो सकता है. यह लगभग अनसुना सा लग रहा है लेकिन यह सच है. ज्यादातर लोगों को रेलवे लाइन के पास छाता लेकर जाने के खतरों का अंदाजा भी नहीं है. दरअसल, हममें से कई लोग इसके बारे में सोचते भी नहीं. चाहे आप पटरियों पर चल रहे हों, उन्हें पार कर रहे हों, या उनके पास खड़े हों, छाते का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. स्पेशली मेटल के फ्रेम वाले छाते को, क्योंकि ऐसा करने से बिजली का झटका लग सकता है, जो हल्का या कई बार बहुत तेज भी हो सकता है. इससे आपकी जान तक जा सकती है.
इलेक्ट्रिक कंडक्टर बन जाता है छाता
इलेक्ट्रिफाइड रेलवे सिस्टम से ट्रेनों को ओवरहेड तारों के जरिए 25,000 वोल्ट (25 kV) की बिजली मिलती है. ये तार ट्रेन के इंजन तक बिजली पहुंचाते हैं और फिर यह करंट एक विशेष रूप से डिजाइन की गई प्रणाली के जरिए जमीन में जाती है जिससे यह यात्रियों के लिए सुरक्षित हो जाती है. हालांकि, जब यह बिजली जमीन पर वापस लौटती है, तो यह कभी-कभी पटरी के पास मौजूद लोगों या वस्तुओं से टकरा सकती है खासकर अगर वे इलेक्ट्रिक कंडक्टर ले जा रहे हों. खासकर मेटल की छड़ या फ्रेम वाला छाता, एक इलेक्ट्रिक कंडक्टर के रूप में काम कर सकता है.
आर्किंग का हो सकते हैं शिकार
भले ही छाता सीधे तारों को न छुए, फिर भी बिजली का करंट तार से हवा के जरिए छाते के मेटल वाले हिस्से तक पहुंच सकती है. इस प्रक्रिया को आर्किंग कहते हैं जिसके परिणामस्वरूप एक शक्तिशाली बिजली का झटका लग सकता है जो कुछ मामलों में जानलेवा भी साबित हो सकता है.
बिजली के झटके की गंभीरता ओवरहेड तारों से आपकी दूरी पर निर्भर करता है. छाता इन हाई-वोल्टेज लाइनों के जितना करीब होगा, खतरा उतना ही ज्यादा होगा. 25,000 वोल्ट पर बनने एक छोटा सा आर्क इतना शक्तिशाली हो सकता है कि आपकी हृदय गति तुरंत रुक जाए, गंभीर जलन हो और कुछ ही सेकंड में मौत भी हो सकती है. वहीं हल्का सा झटका लगने से आपका छाता गिर सकता है और आप संतुलन खो सकते हैं जो चलती ट्रेन या चालू लाइन के पास खतरनाक हो सकता है.
रेलवे की चेतावनी
भारतीय रेलवे समय-समय पर ओवरहेड लाइनों के पास धातु की वस्तुओं को लेकर जाने के खतरों के बारे में चेतावनी जारी करता रहता है. न केवल छाते, बल्कि धातु की छड़ें या डंडे, धातु के तार वाले गुब्बारे और बांस के डंडे में भी करंट आ सकता है. भारतीय रेलवे इस बात पर भी जोर देता है कि पटरियों पर चलना गैरकानूनी और बेहद खतरनाक है. दुर्भाग्य से, कई लोग अभी भी जोखिमों को समझे बिना ऐसा करते हैं.