Delhi Red Fort Blast: NIA की बड़ी कार्रवाई, सुसाइड बॉम्बर का करीबी कश्मीरी साथी हुआ गिरफ्तार
दिल्ली लाल किला कार ब्लास्ट मामले में NIA को बड़ी सफलता मिली है. एजेंसी ने उस कश्मीरी युवक को गिरफ्तार किया है जिसने आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी को विस्फोटक कार उपलब्ध कराने और हमले की साजिश में मदद की थी.
Red Fort NIA Arrest: लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को एक और बड़ी सफलता मिली है. एजेंसी ने कश्मीर के रहने वाले आमिर नाम के युवक को गिरफ्तार किया है, जिसे इस महीने की शुरुआत में दिल्ली में हुए सुसाइड हमले में हमलावर का अहम सहयोगी बताया जा रहा है. इस धमाके में 13 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 32 लोग घायल हुए थे.
कार आमिर के नाम पर थी
NIA के अनुसार, धमाके में इस्तेमाल की गई कार आमिर के नाम से रजिस्टर्ड थी. जांच में यह पुष्टि होने के बाद कि कार उसी की थी, उसे दिल्ली से हिरासत में लिया गया. एजेंसी का कहना है कि आमिर खुद दिल्ली आया था ताकि आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर उन नबी को कार उपलब्ध करवाई जा सके. यही कार बाद में विस्फोटक से भरी गई और उसे VBIED (Vehicle-Borne Improvised Explosive Device) में बदला गया.
आत्मघाती हमलावर था मेडिकल कॉलेज का असिस्टेंट प्रोफेसर
जांच में सामने आया है कि उमर उन नबी, जो फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में जनरल मेडिसिन पढ़ाता था, ने ही इस ब्लास्ट को अंजाम दिया. फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से मिली जली हुई बॉडी की पहचान भी उमर के रूप में ही की है, जिससे पुष्टि होती है कि वह कार को खुद चला रहा था और धमाके में मारा गया. NIA ने उमर की एक और गाड़ी बरामद की है, जिसे फिलहाल फोरेंसिक एक्सपर्ट्स जांच रहे हैं ताकि साजिश से जुड़े और सबूत मिल सकें.
अब तक 73 गवाहों से पूछताछ
एजेंसी इस केस में अब तक 73 लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है. इनमें ब्लास्ट में घायल लोग, स्थानीय चश्मदीद और घटना के आसपास मौजूद लोग शामिल हैं. जांच टीम हर सुराग को जोड़कर पूरी साजिश को समझने की कोशिश कर रही है. NIA दिल्ली पुलिस, जम्मू-कश्मीर पुलिस, हरियाणा पुलिस, यूपी पुलिस और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर मल्टी-स्टेट ऑपरेशन चला रही है.
अधिकारियों का मानना है कि इस हमले में सिर्फ दो लोग शामिल नहीं थे, बल्कि इसके पीछे एक बड़ा नेटवर्क सक्रिय है. आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं. एजेंसी का कहना है कि अब उनकी प्राथमिकता हमले के मास्टरमाइंड, फंडिंग करने वाले, लॉजिस्टिक सपोर्ट देने वालों और पूरे नेटवर्क का पता लगाने पर है, ताकि इस हमले से जुड़े हर व्यक्ति को कानून के दायरे में लाया जा सके.
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