ट्रेन के शौचालय में नहीं था पानी, अब रेलवे को देना होगा 30,000 रुपये का हर्जाना

विशाखापत्तनम जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग-I ने यात्री वी. मूर्ति को बुनियादी सुविधाएं न मुहैया कराने और शारीरिक व मानसिक परेशानी के लिए 25,000 रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है. साथ ही आयोग ने कानूनी शुल्क के रूप में 5,000 रुपये भी देने का निर्देश दिया है.

दक्षिण मध्य रेलवे पर लगा फाइन Image Credit: Rick Elkins/Getty Images Creative

विशाखापत्तनम में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग-I ने दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) पर बड़ी कार्रवाई की है. विशाखापत्तनम जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग-I ने यात्री वी. मूर्ति को बुनियादी सुविधाएं न मुहैया कराने और शारीरिक व मानसिक परेशानी के लिए 25,000 रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है. साथ ही आयोग ने कानूनी शुल्क के रूप में 5,000 रुपये भी देने का निर्देश दिया है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, वी. मूर्ति और उनका परिवार तिरुपति से विशाखापत्तनम तक तिरुमाला एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे थे, इस दौरान उन्हें पानी की कमी, खराब एसी और गंदगी का सामना करना पड़ा.

आयोग ने क्या कहा

आयोग ने कहा कि चूंकि एससीआर ने सुरक्षित और आरामदायक यात्रा के आधार पर किराया वसूला था, इसलिए उसे शौचालयों में पानी, एसी और सफाई जैसी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करने का दायित्व था. इन सुविधाओं की कमी के कारण आयोग ने इसे “सेवा में कमी” माना, जो यात्रियों से किए गए न्यूनतम मानकों के वादों का उल्लंघन है.

यात्री ने की थी शिकायत

विशाखापत्तनम के रहने वाले मूर्ति ने आरामदायक यात्रा के लिए चार 3एसी टिकट बुक किए थे. हालांकि, उन्हें यात्रा से पहले सूचना दी गई कि उनकी सीट 3ए के बजाय 3ई कोच में स्थानांतरित कर दी गई है. 5 जून 2023 की यात्रा के दौरान उन्होंने पाया कि ट्रेन के शौचालयों में पर्याप्त पानी और वातानुकूलन की कमी थी तथा कोच में साफ-सफाई भी नहीं थी. मूर्ति ने इन समस्याओं की सूचना एससीआर के कर्मचारियों को दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.

रेलवे का पक्ष

एससीआर ने मूर्ति के आरोपों का खंडन किया है. एससीआर का कहना है कि मुआवजा पाने के लिए झूठे दावे के साथ शिकायत दर्ज कराई गई थी. उनका कहना है कि मूर्ति की शिकायतों के बावजूद, वह और उनका परिवार सुरक्षित रूप से गंतव्य तक पहुंच गया.