काम के बोझ से गई लड़की की जान! अब केंद्र सरकार करेगी मामले की जांच, मां ने कंपनी पर लगाया आरोप

कोची की एक महिला की मौत कार्डियक अरेस्ट के कारण हो गई है. जिसका इल्जाम उसकी कंपनी के टॉक्सिक वर्क कल्चर पर लगाया जा रहा है. मामला इतना बढ़ा कि अब सरकार ने भी हस्तक्षेप कर दिया है.

अब केंद्र सरकार करेगी अन्ना मामले की जांच Image Credit: Reza Estakhrian/The Image Bank Getty Images

कोची के कंगरापड्डी में रहने वाली 26 वर्षीय अन्ना सेबस्टियन पेराइल की मौत कार्डियक अरेस्ट के कारण हो गई. वह आईटी कंपनी अर्न्स्ट एंड यंग (ईवाई) में बतौर चार्टेड अकाउंटेंट (सीए) काम करती थी. अन्ना की मौत के बाद उनकी मां अनीता ऑगस्टाइन ने ईवाई के इंडिया चीफ राजीव मेमानी को पत्र लिखा जिसमें उन्होंने दावा किया कि उनकी बेटी की मौत कार्डियक अरेस्ट से नहीं बल्कि काम के ओवरलोड से हुई है.

सोशल मीडिया पर खूब हुआ वायरल

अनीता का पत्र सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया जा रहा है, उसके साथ ही लोग वर्क कल्चर को लेकर भी कई तरह के सवाल उठा रहे हैं. अनीता ने पत्र में लिखा कि वर्क ओवरलोड से केवल उनकी बेटी ही नहीं बल्कि पूरा युवा आईटी प्रोफेशनल प्रभावित हो रहा है. अन्ना के पेरेंट्स के अनुसार उसने 18 मार्च को ईवाई को ज्वाइन किया था. इसके अलावा उसे मेडिकल से जुड़ी कोई परेशानी नहीं थी. अन्ना की मौत का मुख्य कारण उसके ऑफिस का टॉक्सिक वर्क कल्चर और ओवरलोड था.

अंतिम संस्कार में कोई नहीं हुआ शामिल

अनीता ने पत्र में लिखा, “अन्ना अपने बचपन से लेकर अकैडिमिक्स तक, हमेशा से एक फाइटर रही है. वह अपने स्कूल और कॉलेज की टॉपर भी रह चुकी है. इसके अलावा उसने सीए एग्जाम को भी अच्छे रैंक से पास किया था. उसने बतौर सीए ईवी में काफी समय तक पूरे मन से काम किया था.” अनिता ने आगे लिखा कि अन्ना की अंतिम संस्कार में उसके ऑफिस की ओर से कोई भी नहीं आया, जिस संगठन के  लिए उसने सब कुछ किया वहां से किसी कर्मचारी का नहीं आना काफी दुखद है.

अब सरकार ने भी किया हस्तक्षेप

अनीता का पत्र काफी वायरल हो गया. अब सरकार ने भी इस मामले में हस्तक्षेप कर दिया है. पूर्व आईटी मिनिस्टर राजीव चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा कि यह काफी दुखद है. मैं भारत सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह अनीता सेबेस्टियन के आरोपों की जांच करें. साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि इस तरह का मामला दोबारा नहीं आए. इस ट्वीट का जवाब देते हुए यूनियन एमएसएमई स्टेट मिनिस्टर शोभा करंदलाजे ने लिखा कि श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने आधिकारिक तौर पर इस शिकायत को ले लिया है.