Fiscal Deficit : सरकारी खर्च में कटौती का दिखने लगा असर, अप्रैल से अगस्त में 4.35 लाख करोड़ रहा घाटा

अगस्त तक देश का राजकोषीय घाटा बजट लक्ष्य के 27 फीसदी तक पहुंच गया. सोमवार को लेखा महानियंत्रक (सीएजी) ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि मौजूदा वित्त वर्ष के पहले चार महीने यानी अप्रैल-जुलाई के दौरान राजकोषीय घाटा 2.77 लाख करोड़ रुपये रहा था, जो बजट अनुमान के 17.2 फीसदी के बराबर था. इस तरह एक ही महीने में यह घाटा 10 फीसदी के करीब बढ़ा है.

राजकोषीय घाटे का लक्ष्य हासिल करने को सरकार खर्च घटा रही है. Image Credit: Manuel Augusto Moreno/Moment/Getty Images

मौजूदा वित्तीय वर्ष के पहले 5 महीने यानी अप्रैल से अगस्त तक राजकोषीय घाटा 4.35 लाख करोड़ रुपये रहा है. सीएजी की मासिक रिपोर्ट के मुताबिक यह बजट में तय किए गए वार्षिक अनुमान के 27% के बराबर है. पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में यह 32.3 % कम है. सरकार का लक्ष्य है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 4.9% से कम रखा जाए. पिछले वर्ष यह करीब 5.6% रहा था. सरकारी आंकड़ों से आज पता चलता है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष के पहले 5 महीनों यानी अप्रैल से अगस्त तक सरकार की कुल आय 12.17 लाख करोड़ रुपये रही, जबकि कुल व्यय 16.52 लाख करोड़ रुपये रहा. इस तरह आय इस वित्तीय वर्ष के बजट लक्ष्य के 38% के बराबर पहुंच चुकी है, जबकि व्यय 34.3% के बराबर है.

पिछले वर्ष की समान अवधि में आय 37.9% पर थी, जबकि व्यय 37.1% रहा था. इसके अलावा मौजूदा वित्त वर्ष में कर और गैर-कर राजस्व बजट अनुमान का 33.8% और 61.3% रहा है. जबकि, पिछले वर्ष यह बजट अनुमान के 34.5% और 69.5% के करीब रहा था. इसके अलावा रिजर्व बैंक ने केंद्र सरकार को अधिशेष के रूप में 2.11 लाख करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है. यह रकम केंद्रीय बैंक की तरफ से बजट में घोषित की गई राशि से दोगुनी है.

1 अप्रैल से शुरू हुए इस वित्तीय वर्ष के लिए बजट की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राजकोषीय घाटे का लक्ष्य संशोधित कर 4.9% कर दिया था, जो अंतरिम बजट में 5.1% रखा गया था. फिलहाल, बजट में घोषित राजकोषीय लक्ष्यों को लेकर सरकार अपनी योजना पर कायम है. हालांकि, गठबंधन दल मोदी सरकार से ज्यादा धन खर्च करने मांग कर रहे हैं. इसके अलावा मध्यम वर्ग भी राहत के उपायों की मांग कर रहा है.

जीडीपी के 1.3% तक पहुंचा राजकोषीय घाटा

सरकार का लक्ष्य मौजूदा वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 4.99% तक बनाए रखने का है. चालू वित्त वर्ष के पहले 5 महीनों में यह 1.3% तक पहुंच चुका है. ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार इस मोर्चे पर अपना लक्ष्य हासिल कर पाएगी. वहीं, राजस्व घाटे की बात की जाए, तो पिछले वर्ष की तुलना में इसमें भी कमी आई है. पिछले वर्ष की तुलना में मौजूदा वित्तीय वर्ष में अप्रैल से अगस्त के दौरान राजस्व घाटा साल-दर-साल आधार पर 49.7% कम हुआ है. वहीं, मौजूदा वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में राजस्व घाटा 1.43 लाख करोड़ रहा है.

स्रोत : सीएजी

आय के मोर्चे पर मजबूत दिख रही सरकार

मौजूदा वित्त वर्ष में सरकार अपने सालाना बजट लक्ष्य का करीब 38% हासिल कर चुकी है. पिछले वर्ष समान अवधि के लिहाज से देखा जाए, तो सालाना हिसाब से इसमें 18 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. वहीं, व्यय के मोर्चे पर सरकार ने पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 1.2 फीसदी कम खर्च किया है.

स्रोत : सीएजी

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