जो काम इजरायल नहीं कर पाया, वो भारत कर रहा है, जानें पाक को कैसे मात दे रही है भारतीय सेना

असल भारत का इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस सिस्टम आकाश में तीन तरह की सुरक्षा परत यानी सिक्योरिटी लेयर से लैस है. इसके तरहत लंबी दूरी की सुरक्षा परत, मध्यम दूरी की सुरक्षा परत और निकट दूरी की सुरक्षा परत बनाई गई है. जो दुश्मन के किसी भी हमले को 100 फीसदी नाकाम करने की ताकत रखते हैं.

हवा में तीन चरणों वाला एयर डिफेंस सिस्टम

India Air Defence System:7 मई की रात को पाकिस्तान ने भारत के 15 शहरों पर हमले की नाकाम कोशिश की है. लेकिन उसकी यह कोशिश भारतीय सेना ने बिना किसी नुकसान के फेल कर दी है. इसके बाद जम्मू और राजस्थान के कई इलाकों में पाकिस्तान ड्रोन अटैक कर रहा है. और उसे लगातार मुंह की खानी पड़ रही है. इस हमले में भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने कमाल की क्षमता दिखाई है. उसकी इस काबिलियत से न केवल पाकिस्तान बल्कि चीन भी हैरान होगा. और वह जरूर सोच हो रहेंगे कि जो काम इजरायल नहीं कर पाया, वह भारत ने कैसे कर लिया तो इस जवाब है भारत का इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस सिस्टम, जो ऐसा है कि दुश्मन चाहे कितनी खतरनाक मिसाइल या ड्रोन अटैक करे, उसे हवा में ही मार दिया जाएगा. पूरा सिस्टम एक बहुस्तरीय (Multi Layer) सुरक्षा से लैस है. जिसकी वजह से भारत के शहर पाकिस्तान के हमले से बच पाए.

कैसे काम करता है एयर डिफेंस सिस्टम

असल भारत का इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस सिस्टम आकाश में तीन तरह की सुरक्षा परत यानी सिक्योरिटी लेयर से लैस है. इसके तरहत लंबी दूरी की सुरक्षा परत, मध्यम दूरी की सुरक्षा परत और निकट दूरी की सुरक्षा परत बनाई गई है. जो दुश्मन के किसी भी हमले को 100 फीसदी नाकाम करने की ताकत रखते हैं.

S-400 ट्रायंफ

इस सुरक्षा परत में सबसे आगे भारत का सुरदर्शन चक्र यानी S-400 ट्रायंफ है. जो हमें लंबी दूरी की सुरक्षा परत तैयार करता है.रूस से आयातित S-400 ट्रायंफ मिसाइल ऐसी प्रणाली है जो 400 किलोमीटर तक की दूरी और 30 किलोमीटर तक की ऊंचाई पर उड़ते लक्ष्यों को निशाना बना सकती है. S-400 बैलिस्टिक मिसाइलों से लेकर क्रूज़ मिसाइलों और स्टील्थ विमानों तक को इंटरसेप्ट करने की क्षमता रखता है. यानी कैसा भी हमला हो उसे हवा में ही मार दिया जाएगा.

बराक-8 MRSAM

दूसरी सुरक्षा परत में भारत-इज़राइल द्वारा मिलकर विकसित की गई ,बराक-8 मिसाइल प्रणाली है.जिसे 2021 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था. यह प्रणाली 70 किलोमीटर की रेंज तक फाइटर जेट्स, UAVs, हेलीकॉप्टर्स और मिसाइलों को मार गिरा सकती है.यह भारत की सुरक्षा के लिए गेम चेंजर सिस्टम है.

आकाश

निकट दूरी के खतरे से निपटने के लिए तीसरी सुरक्षा परत आकाश मिसाइल है. इसका काम कम ऊंचाई पर उड़ने वाले विमानों या ड्रोन के हमले को नाकाम करना है. यह प्रणाली 30 किलोमीटर तक के हवाई लक्ष्यों को निशाना बना सकती है और भारतीय एयर डिफेंस के निचले स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

रक्षा कवच

DRDO द्वारा विकसित ‘रक्षा कवच’ सुरक्षा प्रणाली हैं. जो विभिन्न प्रकार के खतरों से बेहद जरूरी सैन्य संसाधनों,सैनिकों और वाहनों की रक्षा के लिए तैयार की गई है. यह प्लेटफॉर्म न केव बैलिस्टिक और ब्लास्ट से सुरक्षा देता है, बल्कि इसमें इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, लेजर-आधारित हथियार, ड्रोन इंटरसेप्शन और सैटेलाइट-सहायता प्राप्त निगरानी क्षमताएं भी शामिल हैं. इसे पोर्टेबल बनाया गया है और इसे सैनिकों के गियर से लेकर बख्तरबंद वाहनों तक में इस्तेमाल किया जा सकता है.

इजरायल से क्यों है बेहतर

असल में पिछले साल जब हमास ने इजरायल पर मिसाइल हमले किए थे. उस वक्स इजरायल का Iron Dome सिस्टम फेल हो गया था. असल में आयरन डोम कम दूरी की रॉकेट हमलों से सिक्योरिटी पर आधारित है. जबकि भारत की सिक्योरिटी बहुस्तरीय लेयर है. और यह लॉन्ग रेंज बैलिस्टिक मिसाइलों, क्रूज़ मिसाइलों, स्टील्थ विमानों और हाइपरसोनिक प्रोजेक्टाइल्स से रक्षा के लिए डिज़ाइन की गई है.यह रणनीतिक गहराई प्रदान करती है और भारत को एक क्षेत्रीय रक्षा शक्ति के रूप में स्थापित करती है.