ऑपरेशन सिंदूर से एशिया की महाशक्ति बनकर उभरा भारत, जानें कैसे बदले रीजनल पावर डायनेमिक्स?

Operation Sindoor ने एशिया की शक्ति-संतुलन तस्वीर बदल दी है. Lowy Institute के Asia Power Index 2025 में भारत पहली बार ‘Major Power’ बनकर उभरा है. मजबूत अर्थव्यवस्था, बढ़ी सैन्य विश्वसनीयता और ग्लोबल इन्वेस्टर्स के भरोसे ने भारत को रीजनल पावर डायनेमिक्स में नई ऊंचाई दिलाई है.

महाशक्ति बनता भारत Image Credit: money9live/CanvaAI

ऑस्ट्रेलिया के Lowy Institute के Asia Power Index 2025 में भारत पहली बार 40 प्वॉइंट थ्रेशहोल्ड पार कर ‘Major Power’ कैटेगरी में पहुंच गया है. अमेरिका और चीन जैसे सुपरपावर के बीच भारत का यह उभार एशियाई शक्ति संतुलन में एक निर्णायक मोड़ माना जा रहा है. 40.0 स्कोर के साथ भारत 27 देशों में तीसरे स्थान पर रहा और जापान पर अपनी बढ़त और मजबूत कर ली.

तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनी मुख्य ताकत

भारत की आर्थिक रफ्तार ने इस साल उसकी रणनीतिक स्थिति को सबसे ज्यादा मजबूत किया है. Lowy का कहना है कि भारत की ग्रोथ “मजबूत और निरंतर” है, जिसके कारण उसकी कनेक्टिविटी, टेक्नॉलजी और बाहरी प्रभाव क्षमता में उल्लेखनीय विस्तार हुआ. पहली बार भारत ने चीन को पछाड़कर अमेरिका के बाद दुनिया का दूसरा सबसे आकर्षक इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन बनकर वैश्विक निवेश परिदृश्य में बड़ा बदलाव दर्ज किया.

ऑपरेशन सिंदूर ने बढ़ाई सैन्य विश्वसनीयता

मई 2025 में लॉन्च हुआ Operation Sindoor भारत की सैन्य क्षमताओं के मूल्यांकन में गेमचेंजर साबित हुआ है. Lowy के विशेषज्ञों के अनुसार भारत की “ताजा कॉम्बैट परफॉर्मेंस” ने उसकी मिलिट्री एफिशिएंसी को नए स्तर पर स्थापित किया. जटिल मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने की क्षमता ने भारत की सैन्य प्रोफाइल को मजबूती दी और 2025 में मिलिट्री कैपेबिलिटी स्कोर में सबसे बड़ा उछाल दर्ज हुआ.

कूटनीतिक प्रभाव सीमित

भारत की सबसे बड़ी चुनौती वही है जो पिछले साल भी थी. भारत में संसाधनों की बढ़त को प्रभाव में बदलने की रफ्तार अब भी धीमी है. डिफेंस नेटवर्क कमजोर हुआ है और डिप्लोमैटिक इन्फ्लुएंस में सुधार की गति आर्थिक और सैन्य उभार के मुकाबले धीमी है. Lowy का आकलन है कि भारत की मल्टी-अलाइनमेंट आधारित विदेश नीति प्रभावी जरूर है, लेकिन इसके बूते तत्काल और व्यापक रणनीतिक नेटवर्क तैयार नहीं होते. इसी वजह से भारत का ‘Power Gap’ और चौड़ा हो रहा है.

कल्चरल पावर में सबसे बड़ी छलांग

2025 में भारत की सबसे तेज बढ़त सांस्कृतिक प्रभाव में दर्ज हुई. बढ़ते यात्रा लिंक, डायरेक्ट फ्लाइट रूट और पर्यटन व शिक्षा के लिए भारत की बढ़ती लोकप्रियता ने सांस्कृतिक कनेक्टिविटी को नया बल दिया है. India–Brunei डायरेक्ट रूट जैसी पहलें बताती हैं कि भारत अब क्षेत्रीय लोगों से लोगों के नेटवर्क में अधिक सहजता से जुड़ रहा है.

भारत का उभार जारी

भारत की आर्थिक और सैन्य क्षमता तेजी से बढ़ रही है, लेकिन प्रभाव बढ़ाने की क्षमता अभी भी चीन से काफी पीछे है. चीन की कुल शक्ति भारत से लगभग दोगुनी बनी हुई है और उसका कूटनीतिक व क्षेत्रीय नेटवर्क ऐतिहासिक रूप से कहीं व्यापक है. भारत की अगली बड़ी चुनौती यही है कि अपनी बढ़ती क्षमताओं को प्रभाव में बदलने की गति को और तेज करे.

मजबूती के साथ अनिश्चितता का दौर

73.7 स्कोर के साथ चीन एशिया का दूसरा सुपरपावर बना हुआ है. अमेरिकी आर्थिक दबावों के बीच भी उसकी बाहरी बाजारों में पकड़ मजबूत बनी हुई है. Xi Jinping की सक्रिय कूटनीति और बढ़ता बहुपक्षीय जुड़ाव चीन की डिप्लोमैटिक शक्ति को बढ़ाते हैं. हालांकि निवेश में सुस्ती, घरेलू अनिश्चितता और ‘बाइंग पावर’ में गिरावट उसके दीर्घकालिक जोखिम बने हुए हैं.

अमेरिक का घटता प्रभाव

80.5 स्कोर के बावजूद अमेरिका का प्रभाव एशिया में सबसे तेज गिरावट दर्ज करने वाला रहा है. Lowy के अनुसार ट्रम्प प्रशासन की हालिया नीतियां, खासकर टैरिफ, सहायता कटौती और एशिया पर कम फोकस, उसकी क्षेत्रीय नेतृत्व क्षमता को कमजोर कर रहे हैं. अमेरिका विदेशी नीति प्रभाव में आठवें स्थान पर खिसक गया है और यात्रा व शिक्षा के लिए उसकी घटती आकर्षकता ने उसकी सॉफ्ट पावर को भी कमजोर किया है.

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