मोदी सरकार की राजस्थान-ओडिशा को सौगात! एयरपोर्ट और 6 लेन रिंग रोड को मंजूरी, 9814 करोड़ होंगे खर्च
केंद्रीय कैबिनेट ने राजस्थान और ओडिशा को दो बड़े प्रोजेक्ट्स की सौगात दी है. दोनों प्रोजेक्ट्स पर केंद्र सरकार की तरफ से कुल 9,814 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इन प्रोजेक्ट्स के तहत राजस्थान में जहां एक ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाया जाएगा. वहीं, ओडिशा की राजधानी में एक रिंग रोड तैयार किया जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) ने मंगलवार को दो अहम इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है. कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इन फैसलों के तहत एक तरफ जहां राजस्थान के कोटा-बूंदी में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट को मंजूरी दी गई है. वहीं, ओडिशा में 6-लेन एक्सेस कंट्रोल्ड कैपिटल रीजन रिंग रोड (भुवनेश्वर बाईपास) को मंजूरी दी है. ये दोनों प्रोजेक्ट्स न केवल क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूती देंगी, बल्कि औद्योगिक और सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों में भी नई रफ्तार भरेंगी.
कोटा-बूंदी को मिलेगा आधुनिक हवाई अड्डा
राजस्थान के बड़े औद्योगिक केंद्र और देश के एजुकेशन हब माने जाने वाले कोटा को अब नया ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट मिलने जा रहा है. 1507 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनने वाले इस एयरपोर्ट के लिए राजस्थान सरकार ने 440.06 हेक्टेयर जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) को हस्तांतरित कर दी है. यहां A-321 टाइप एयरक्राफ्ट तक के संचालन की सुविधा होगी.
परियोजना के तहत 20,000 वर्गमीटर का टर्मिनल बिल्डिंग बनाया जाएगा, जो 1000 पीक ऑवर पैसेंजर्स (PHP) संभालने और सालाना 20 लाख यात्रियों की क्षमता रखेगा. इसके अलावा 3200 मीटर लंबा रनवे, 7 पार्किंग बे, दो टैक्सीवे, एटीसी-टेक ब्लॉक, फायर स्टेशन और कार पार्किंग जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी.
फिलहाल कोटा एयरपोर्ट सीमित सुविधाओं की वजह से बड़े पैमाने पर पैसेंजर और कमर्शियल उड़ानों के लिए उपयुक्त नहीं है. नए एयरपोर्ट के बनने से कोटा की शैक्षणिक और औद्योगिक पहचान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और मजबूती मिलेगी.
ओडिशा को मिलेगा 6-लेन रिंग रोड
दूसरी बड़ी मंजूरी ओडिशा को मिली है, जहां 8307.74 करोड़ रुपये की लागत से भुवनेश्वर बाईपास (कैपिटल रीजन रिंग रोड) का निर्माण होगा. 110.875 किलोमीटर लंबा यह एक्सेस कंट्रोल्ड ग्रीनफील्ड हाइवे हाइब्रिड एन्युइटी मोड (HAM) पर विकसित किया जाएगा.
फिलहाल, रामेश्वर से टांगी तक का रूट खोरधा, भुवनेश्वर और कटक जैसे शहरी इलाकों से गुजरता है, जहां भारी ट्रैफिक जाम आम बात है. नए रिंग रोड से भारी वाहनों को शहरों से बाहर डायवर्ट किया जा सकेगा, जिससे लॉजिस्टिक्स की लागत घटेगी.
यह प्रोजेक्ट 3 नेशनल हाईवे – NH-55, NH-57 और NH-655 और 1 स्टेट हाईवे (SH-65) को जोड़ेगा, जिससे ओडिशा और पूर्वी भारत के आर्थिक, सामाजिक और लॉजिस्टिक केंद्रों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी. खास बात यह है कि इस रूट से 10 इकोनॉमिक नोड्स, 4 सोशल नोड्स और 5 लॉजिस्टिक नोड्स को जोड़ा जाएगा. इसके साथ ही, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क और बड़े बंदरगाहों तक सीधी पहुंच बनेगी.
रोजगार और विकास को नई गति
कैपिटल रीजन रिंग रोड परियोजना के दौरान लगभग 74.43 लाख प्रत्यक्ष और 93.04 लाख अप्रत्यक्ष व्यक्ति-दिवस का रोजगार सृजित होगा. वहीं, कोटा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट से शिक्षा और उद्योग से जुड़े लोगों को तेज कनेक्टिविटी का फायदा मिलेगा.