15वें उपराष्ट्रपति बने सी.पी. राधाकृष्णन, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ; ऐसा है राजनीतिक सफर
12 सितंबर को देश के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में सी. पी. राधाकृष्णन ने अपने पद की शपथ ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद की शपथ दिलाई. 68 साल के सी. पी. राधाकृष्णन महाराष्ट्र के राज्यपाल रह चुके हैं. ऐसे में आइए जानते हैं, सी. पी. राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर कैसा रहा है.
CP Radhakrishnan: नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने अपने पद की शपथ ले ली है. शुक्रवार यानी 12 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ समेत देश के कई दिग्गज नेता शामिल रहे. 68 साल के सी. पी. राधाकृष्णन महाराष्ट्र के राज्यपाल रह चुके हैं. उन्हें मंगलवार को देश का 15वां उपराष्ट्रपति चुना गया. उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार और पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी. सुदर्शन रेड्डी को 152 वोट से हराया. यह चुनाव पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई को अचानक दिए गए इस्तीफे के बाद कराया गया.
NDA उम्मीदवार को कितने वोट मिले?
NDA की ओर से उपराष्ट्रपति पद के प्रत्याशी सी. पी. राधाकृष्णन को 452 मत प्राप्त हुए. वहीं, विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 मत मिले. 9 सितंबर को ही वोटिंग के बाद परिणामों की घोषणा की गई. उपराष्ट्रपति परिणामों की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सी. पी. राधाकृष्णन को बधाई दी.
कौन हैं सी. पी. राधाकृष्णन?
सी. पी. राधाकृष्णन का जन्म 4 मई 1957 को तमिलनाडु के तिरुप्पुर में हुआ. उन्होंने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में ग्रेजुएशन किया है. राधाकृष्णन ने अपने करिअर की शुरुआत RSS से की और साल 1974 में भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य बने. उनका राजनीतिक सफर 1998 में शुरू हुआ, जब वे कोयंबटूर से लोकसभा के लिए चुने गए. 1998 और 1999 के आम चुनावों में लगातार दो बार सांसद बने. 1998 की जीत खास थी, क्योंकि यह कोयंबटूर बम विस्फोटों के बाद हुई थी और भाजपा को तमिलनाडु में पहली बार तीन सीटें मिलीं. 2004 से 2007 तक वे तमिलनाडु भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे.
BJP के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य भी रहे
साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में वे कोयंबटूर से बीजेपी के उम्मीदवार थे. 2014 में उन्होंने 3.89 लाख से अधिक वोट हासिल कर दूसरा स्थान प्राप्त किया. साल 2023 में केंद्र सरकार ने उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया, जहां उन्होंने आदिवासी समुदायों के सशक्तिकरण पर जोर दिया. फरवरी 2024 में वे महाराष्ट्र के 24वें राज्यपाल बने. खास बात यह है कि विपक्षी दलों के साथ भी उनके संबंध अच्छे माने जाते हैं.
इसे भी पढ़ें- छत्तीसगढ़: गरियाबंद मुठभेड़ में 1 करोड़ रुपये के इनामी नक्सली लीडर समेत 8 ढेर, सुबह से जारी है ऑपरेशन