भारत आ सकते हैं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, क्वाड शिखर सम्मेलन में होंगे शामिल; राजदूत सर्जियो गोर ने किया इशारा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस साल भारत में होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन में शामिल हो सकते हैं. अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर ने सीनेट समिति को बताया कि राष्ट्रपति क्वाड साझेदारी को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की यह कूटनीतिक पहल हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और सहयोग पर केंद्रित है.

पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप. Image Credit: Tv9 Bharatvarsh

Donald Trump India visit: भारत में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नए राजदूत पद के लिए सर्जियो गोर को नियुक्त किया था. अब गोर ने गुरुवार को सीनेट की विदेश संबंध समिति को बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति क्वाड के साथ बैठक के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने संकेत दिया कि ट्रंप इस शिखर सम्मेलन के लिए भारत आ सकते हैं. भारत इस साल के अंत में क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाला है, हालांकि इसकी तारीख अभी तय नहीं हुई है. फरवरी में अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप को इस बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था.

यात्रा को लेकर पहले ही हो चुकी है बातचीत

गोर ने कहा, “राष्ट्रपति क्वाड के साथ बैठकें जारी रखने और उसे मजबूत करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं.” जब उनसे पूछा गया कि क्वाड पर भारत-अमेरिका सहयोग को मजबूत करने के लिए वे क्या कदम उठाएंगे, तो गोर ने कहा, “क्वाड बेहद महत्वपूर्ण है.

विदेश मंत्री रुबियो के शपथ ग्रहण और विदेश विभाग में जिम्मेदारी संभालने के एक घंटे बाद, उनकी पहली बैठक क्वाड के विदेश मंत्रियों के साथ हुई. राष्ट्रपति क्वाड के साथ निरंतर जुड़ाव के लिए प्रतिबद्ध हैं. अगली क्वाड बैठक के लिए एक यात्रा के बारे में पहले ही बातचीत हो चुकी है.”

तियानजिन में बैठक के बाद आया बयान

क्वाड भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक शांतिपूर्ण और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र की दिशा में एक कूटनीतिक साझेदारी है. यह सकारात्मक टिप्पणी टैरिफ के मुद्दे पर पैदा हुई अड़चनों और तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के तुरंत बाद आई है, जिसमें भारत, रूस और चीन के नेता एक साथ आए थे.

इस बैठक के बारे में ट्रंप ने कहा था, “लगता है कि हमने भारत और रूस को सबसे गहरे, सबसे अंधकारमय चीन के हाथों खो दिया है. ईश्वर करे कि उनका भविष्य एक साथ लंबा और समृद्ध हो!”

छोटी-मोटी अड़चन के बावजूद हमारे रिश्ते मजबूत हैं

भारत और अमेरिका के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास पर टिप्पणी करते हुए, गोर ने सीनेट को बताया, “आपके पिछले संयुक्त सैन्य अभ्यासों के मुद्दे पर, ये अभ्यास होते रहते हैं और हम इन्हें बढ़ाने के लिए पूरी तरह से प्रोत्साहित करेंगे. पिछले हफ्ते ही अलास्का में 500 भारतीय सैनिकों ने हमारे सैनिकों के साथ प्रशिक्षण लिया, यह बहुत अच्छी बात है.

इसलिए टैरिफ को लेकर हुई इस छोटी-मोटी अड़चन के बावजूद, हमारे रिश्ते और भी मजबूत हैं, ये कई दशकों तक टिके रहेंगे. मैं इसे बढ़ाने के लिए अपनी पूरी क्षमता से काम करूंगा.”

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