एस. जयशंकर ने रूस के उपप्रधानमंत्री से की मुलाकात, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर हुई चर्चा
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रूस के उपप्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव से मुलाकात कर क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की. इस दौरान IRIGC-TEC की 26वीं बैठक की सह-अध्यक्षता की गई जिसमें व्यापार, ऊर्जा, कृषि, उद्योग, शिक्षा और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर जोर दिया गया. जयशंकर ने बैठक को एक्सट्रीमली प्रोडक्टिव बताया है.
S Jaishankar Russia visit: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी तेल खरीदने के कारण भारत पर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ का ऐलान किया था. इस ऐलान के बाद भारत पर लगने वाले अमेरिकी टैरिफ बढ़कर 50 फीसदी हो गए हैं. हालांकि इस टैरिफ के बाद द्विपक्षीय संबंधों में तेजी से बदलाव हो रहा है और भारत अपनी तैयारी को मजबूत कर रहा है. हाल ही में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर चीन की यात्रा पर गए थे. इस यात्रा के बाद चीनी विदेश मंत्री ने भी भारत का दौरा किया था. चीन के विदेश मंत्री जब भारत आए थे, इस दौरान कई मुद्दों पर सहमति बनी थी. अब भारतीय तैयारियों को धार देने के लिए एस. जयशंकर रूस के दौरे पर पहुंच गए हैं. वहां उन्होंने रूस के फर्स्ट उपप्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव के साथ अहम बैठक की है.
कई मुद्दों पर हुई चर्चा
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रूस के उपप्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव के साथ अहम बैठक की. इस बैठक के बारे में जानकारी देते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने एक्स पर बताया कि भारत और रूस ने अपने ट्रेड, इकोनॉमिक्स और सांस्कृतिक सहयोग को और मजबूत करने तथा उसे और अधिक कुशल बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की है.
उन्होंने बताया कि रूस के उपप्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव के साथ संयुक्त रूप से IRIGC-TEC की 26वीं बैठक की सह-अध्यक्षता की गई. इस बैठक को एक्सट्रीमली प्रोडक्टिव बताते हुए डॉ. जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार और आर्थिक क्षेत्र, कृषि, ऊर्जा, उद्योग, कौशल विकास, लोगों की आवाजाही, शिक्षा और संस्कृति सहित कई क्षेत्रों में सहयोग पर विस्तृत चर्चा हुई.
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जटिल वैश्विक हालात के बीच बैठक
डॉ. जयशंकर ने कहा कि यह बैठक एक जटिल भू-राजनीतिक परिस्थितियों की पृष्ठभूमि में हुई है. उन्होंने भारत-रूस आर्थिक सहयोग को गहरा करने के लिए IRIGC-TEC को और भी कारगर बनाने हेतु कई महत्वपूर्ण सुझाव रखे.
- इनोवेटिव अप्रोच: सहयोग बढ़ाने के लिए रचनात्मक और इनोवेटिव अप्रोच अपनाने की जरूरत है.
- विस्तृत एजेंडा: आपसी विचार-विमर्श से एजेंडे को लगातार तय और विस्तारित करते रहना चाहिए.
- ठोस लक्ष्य: साफ तौर पर तय करना चाहिए कि क्या हासिल करना है और उसके लिए कितना समय है.
- ज्यादा बैठकें: साल में सिर्फ एक बार बैठक करने के बजाय बीच-बीच में कम से कम दो बार छोटी बैठकें (मीटिंग) जरूर करनी चाहिए.
- बेहतर तालमेल: व्यापार फोरम और IRIGC-TEC के विभिन्न कार्य समूहों के बीच समन्वय तंत्र स्थापित किया जाए, ताकि दो-तरफा लाभ सुनिश्चित हो.