यूक्रेन युद्ध पर ट्रंप-पुतिन वार्ता का भारत ने किया स्वागत, कहा- रास्ता सिर्फ संवाद और कूटनीति से ही
भारत ने अलास्का में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई वार्ता का स्वागत किया है. बैठक में तत्काल युद्धविराम तो नहीं हुआ, लेकिन इसे तीन साल से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की दिशा में अहम कूटनीतिक कदम माना जा रहा है.
Trump Putin Meeting Alaska and India: भारत ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में हुई वार्ता का स्वागत किया है. शुक्रवार को हुई इस बैठक में तत्काल युद्धविराम की घोषणा तो नहीं हो पाई, लेकिन इसे रूस की ओर से शुरू किए गए यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है. यह युद्ध पिछले तीन साल से अधिक समय से चल रहा है और दुनिया के कई देश इसके जल्द अंत की उम्मीद कर रहे हैं.
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
विदेश मंत्रालय (MEA) ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि भारत, अमेरिका और रूस के बीच हुई इस शिखर वार्ता का स्वागत करता है. मंत्रालय ने दोनों नेताओं की शांति स्थापित करने के प्रयासों की सराहना की. MEA ने बयान में कहा गया, “भारत को इस वार्ता में हुई प्रगति की सराहना है. आगे का रास्ता केवल संवाद और कूटनीति के जरिए ही निकलेगा. दुनिया चाहती है कि यूक्रेन संघर्ष का जल्द से जल्द अंत हो.”
अलास्का में ट्रंप-पुतिन वार्ता
अलास्का के एंकोरेज स्थित एक सैन्य एयरबेस पर आयोजित इस बैठक में ट्रंप और पुतिन ने यूक्रेन युद्ध पर कई घंटों तक चर्चा की. हालांकि कई दौर की वार्ता के बाद भी युद्धविराम पर सहमति नहीं बन पाई. बैठक के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने स्पष्ट किया कि केवल युद्धविराम से समस्या का समाधान नहीं होगा. उनके अनुसार, एक स्थायी शांति समझौता ही इस युद्ध को पूरी तरह खत्म करने का सही तरीका है. राष्ट्रपति ट्रंप ने यह भी जानकारी दी कि उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को सोमवार को व्हाइट हाउस में चर्चा के लिए आमंत्रित किया है. अगर यह वार्ता सफल रहती है तो निकट भविष्य में अमेरिका, रूस और यूक्रेन के बीच त्रिपक्षीय बैठक भी आयोजित हो सकती है. यह बैठक युद्ध समाप्त करने की दिशा में एक बड़ा कूटनीतिक कदम मानी जाएगी.
जल्द खत्म हो लड़ाई
MEA ने यह भी कहा कि भारत को ट्रंप-पुतिन वार्ता में हुई प्रगति की सराहना है और वह कूटनीति और संवाद के जरिए तीन साल से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने का समर्थन करता है. “आगे का रास्ता केवल संवाद और कूटनीति से ही निकलेगा. दुनिया चाहती है कि यूक्रेन संघर्ष का जल्द से जल्द अंत हो,” मंत्रालय ने कहा.