SBI ने ग्राहकों को दिया झटका, होम लोन हुआ महंगा; जानें अब EMI पर कितना पड़ेगा असर

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने 1 अगस्त 2025 से अपने होम लोन और संबंधित लोन की ऊपरी ब्याज दर में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की है. अब रेगुलर होम लोन की दरें 7.50 फीसदी से 8.70 फीसदी के बीच होंगी, जिससे ऊपरी स्लैब वाले ग्राहकों की EMI और कुल भुगतान बढ़ जाएगा.

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SBI Home Loan Interest Rate: देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने होम लोन और उससे जुड़े दूसरे लोन की ब्याज दरों में बदलाव किया है. यह नई दरें 1 अगस्त 2025 से लागू हो गई हैं. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अब SBI के रेगुलर होम लोन (टर्म लोन) 7.50 फीसदी से 8.70 फीसदी के दायरे में उपलब्ध होंगे. पहले यह दरें 7.50 फीसदी से 8.45 फीसदी के बीच थीं. यानी निचली सीमा (7.50 फीसदी) वही रही है, लेकिन ऊपरी सीमा में 25 बेसिस प्वाइंट (0.25 फीसदी) की बढ़ोतरी हुई है. यह फैसला ऐसे समय आया है जब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अगस्त महीने में हुई मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की बैठक में रेपो रेट को 5.55 फीसदी पर स्थिर रखने का निर्णय लिया था.

नई ब्याज दरें (1 अगस्त 2025 से लागू)

  • रेगुलर होम लोन (टर्म लोन): 7.50 फीसदी – 8.70 फीसदी
  • मैक्स गेन ओवरड्राफ्ट सुविधा: 7.75 फीसदी – 8.95 फीसदी
  • टॉप-अप लोन: 8.00 फीसदी – 10.75 फीसदी
  • ओवरड्राफ्ट टॉप-अप लोन: 8.25 फीसदी – 9.45 फीसदी
  • लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी (P-LAP): 9.20 फीसदी – 10.75 फीसदी
  • रिवर्स मॉर्गेज लोन: 10.55 फीसदी
  • YONO इंस्टा होम टॉप-अप लोन: 8.35 फीसदी

सभी होम लोन दरें एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट (EBLR) से जुड़ी हुई हैं, जो फिलहाल 8.15 फीसदी है.

EMI पर क्या असर पड़ेगा?

इस बढ़ोतरी का सीधा असर उन ग्राहकों पर पड़ेगा जिनकी क्रेडिट प्रोफाइल या लोन कैटेगरी उन्हें ऊपरी ब्याज दर वाले स्लैब में रखती है. भले ही 0.25 फीसदी की वृद्धि छोटी लगे, लेकिन लंबे समय तक चलने वाले लोन पर इसका असर काफी बड़ा हो सकता है. इसको उदाहरण से समझने की कोशिश करते हैं. अगर कोई ग्राहक 30 लाख रुपये का होम लोन 20 साल के लिए लेता है, तब-

  • पुरानी दर (8.45 फीसदी) पर- EMI लगभग 25,830 रुपये- कुल भुगतान लगभग 61.99 लाख रुपये
  • नई दर (8.70 फीसदी) पर- EMI लगभग 26,278 रुपये- कुल भुगतान लगभग 63.06 लाख रुपये

यानी हर महीने करीब 450 रुपये ज्यादा देना होगा, और पूरे लोन की अवधि में करीब 1.07 लाख रुपये अतिरिक्त चुकाने पड़ेंगे. अगर लोन की रकम ज्यादा है, जैसे 50 लाख रुपये या उससे ऊपर, तो बढ़ोतरी का असर और ज्यादा महसूस होगा.

क्या मतलब है इसका?

एसबीआई का यह कदम घर खरीदने वालों, खासकर पहली बार घर लेने वालों के लिए, थोड़ा बोझ बढ़ा सकता है. जिन ग्राहकों का बजट पहले से ही तंग है, उनके लिए ईएमआई में बढ़ोतरी एक चुनौती साबित हो सकती है. हालांकि, जिनकी क्रेडिट रेटिंग अच्छी है और जो निचले ब्याज स्लैब में आते हैं, उन पर इस बदलाव का असर नहीं पड़ेगा.

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