आयकर विभाग ने ITR-6 का एक्सेल फॉर्म किया जारी, जानें किन टैक्सपेयर्स के लिए है ये जरूरी

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ITR-6 फॉर्म का एक्सेल यूटिलिटी जारी कर दिया है. यह सुविधा उन कंपनियों के लिए है जो धारा 11 के तहत छूट का दावा नहीं करतीं. इससे पहले ITR-1 से ITR-5 तक के एक्सेल यूटिलिटी जारी की जा चुकी हैं. ITR-6 फॉर्म का एक्सेल यूटिलिटी में कुछ नए बदलाव हुए हैं वो जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.

इनकम टैक्स रिटर्न Image Credit: Money9live

ITR-6 Excel Utility Released: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ITR-6 फॉर्म का एक्सेल यूटिलिटी जारी कर दिया है. यह एक्सेल यूटिलिटी उन कंपनियों के लिए है, जो आयकर अधिनियम की धारा 11 के तहत छूट का दावा नहीं करतीं. इससे पहले आयकर विभाग ITR 1 से लेकर 5 तक एक्सेल यूटिलिटी जारी कर चुका है. इसकी घोषणा इनकम टैक्स डिपार्टमें ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर की, “टैक्सपेयर्स ध्यान दें! ITR-6 की एक्सेल यूटिलिटी अब उपलब्ध है और फाइलिंग के लिए तैयार है.” यह सुविधा कॉरपोरेट टैक्सपेयर्स को ई-फाइलिंग पोर्टल पर अपने रिटर्न दाखिल करने और जमा करने में मदद करेगी.

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किसके लिए जरूरी है ITR-6?

निम्नलिखित संस्थाओं को इनकम टैक्स एक्ट के अनुसार ITR-6 फॉर्म दाखिल करना चाहिए.

  • घरेलू कंपनी – वे कंपनी जो भारत में रजिस्टर्ड है और जिनका बिजनेस भी भारत में ही है. ये कंपनियां इनकम टैक्स एक्ट से रेगुलेट होती है और इसे ITR -6 फाइल करना होता है.
  • विदेशी कंपनी – वे कंपनियां जो भारत के बाहर रजिस्टर्ड हैं, लेकिन जिनकी आय का स्रोत भारत में है, वे विदेशी कंपनियों की कैटेगरी में आती है. इसे भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए ITR-6 का चयन करना होता है.
  • पार्टनरशिप फर्म – इसमें लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (LLP) सहित सभी साझेदारी फर्म शामिल हैं, जो धारा 11 के तहत छूट का दावा नहीं करती हैं. इन्हें भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए ITR-6 का चयन करना होता है.

ITR-6 फॉर्म्स में नए बदलाव

  • clearTax के अनुसार AY 2025-26 के ITR-6 फॉर्म्स में कुछ बदलाव किए गए हैं.
  • 23 जुलाई 2024 से पहले और बाद में हुई कैपिटल गेन की अलग-अलग रिपोर्टिंग करनी होगी.
  • शेयर बायबैक नुकसान को पूंजीगत नुकसान के रूप में दावा किया जा सकता है.
  • धारा 44BBC के तहत क्रूज ऑपरेटरों के लिए प्रिजम्पटिव टैक्सेशन लागू.
  • हीरे के व्यापारियों को अपने सकल राजस्व का 4 फीसदी लाभ घोषित करना होगा.
  • TDS रिपोर्टिंग में कटौती के लिए सटीक धारा कोड का उल्लेख करना जरूरी है.
  • हाउसिंग लोन ब्याज कटौती का दावा करने के लिए अधिक डिटेल्स की आवश्यकता है.

सही ITR फॉर्म का चयन करें

ITR फॉर्मकिसके लिए
ITR-1व्यक्ति जिनकी आय ₹50 लाख तक हो, वेतन/पेंशन, एक घर से आय, अन्य स्रोत से आय
ITR-2जिनकी आय ₹50 लाख से ज्यादा हो, पूंजीगत लाभ, एक से ज्यादा मकान, विदेशी संपत्ति/आय, डायरेक्टर हों या शेयर होल्डर हों
ITR-3बिजनेस या प्रोफेशन से आय, क्रिप्टो इनकम, शेयर बाजार , फर्म के पार्टनर
ITR-4निवासी व्यक्ति या HUF जिनकी आय ₹50 लाख तक हो, और जिनकी आय प्रीसंपटिव स्कीम के तहत हो (जैसे धारा 44AD, 44ADA, 44AE)
ITR-5फर्म, LLP, AOP, BOI के लिए
ITR-6कंपनियां जो धारा 11 के तहत छूट नहीं लेती
ITR-7वे व्यक्ति या संस्थाएँ जो विशेष सेक्शन (139(4A), 139(4B), 139(4C), 139(4D)) के अंतर्गत फाइल करती हैं
Source – Cleartax

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