समुद्र में बढ़ेगी भारत की ताकत, गेमचेंजर होगा नया एंटी-सबमरीन जहाज INS Mahe; आज नौसैनिक बेड़े में होगा शामिल
भारतीय नौसेना सोमवार, 24 नवंबर 2025 को मुंबई स्थित नेवल डॉकयार्ड में INS Mahe को आधिकारिक तौर पर अपनी सेवा में शामिल करने जा रही है. INS Mahe को खासतौर पर उथले समुद्री इलाकों यानी तटीय हिस्सों में ऑपरेशन के लिए बनाया गया है. इसे "Silent Hunter" इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह बिना शोर किए पानी में मौजूद दुश्मन पनडुब्बियों का पता लगा सकता है
INS Mahe: भारतीय नौसेना सोमवार, 24 नवंबर 2025 को मुंबई स्थित नेवल डॉकयार्ड में INS Mahe को आधिकारिक तौर पर अपनी सेवा में शामिल करने जा रही है. यह महे-क्लास एंटी सबमरीन वॉरफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (ASW-SWC) का पहला जहाज है. INS Mahe पूरी तरह नई पीढ़ी का भारतीय युद्धपोत है. यह छोटा होते हुए भी बेहद तेज, फुर्तीला और आधुनिक तकनीक से लैस है. इसकी खास बात यह है कि इसका 80 फीसदी से ज्यादा हिस्सा भारत में ही तैयार किया गया है, जो देश की बढ़ती जहाज निर्माण और डिजाइन क्षमता को दिखाता है. इसे कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) ने बनाया है.
क्यों कहा जाता है इसे ‘Silent Hunter’?
INS Mahe को खासतौर पर उथले समुद्री इलाकों यानी तटीय हिस्सों में ऑपरेशन के लिए बनाया गया है. इसे “Silent Hunter” इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह बिना शोर किए पानी में मौजूद दुश्मन पनडुब्बियों का पता लगा सकता है और उन्हें निशाना बना सकता है. इस जहाज में टॉरपीडो और एंटी-सबमरीन रॉकेट लगे हैं, जिससे यह तटीय सुरक्षा, निगरानी और दुश्मन की पनडुब्बियों को खोजने और नष्ट करने में बेहद कारगर है. समारोह की मेजबानी वाइस एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन करेंगे और कार्यक्रम की अध्यक्षता सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी करेंगे.
Mahe नाम और इसके ‘क्रेस्ट’ की कहानी
इस जहाज का नाम मलाबार तट पर बसे ऐतिहासिक समुद्री शहर महे के नाम पर रखा गया है. हाल ही में इसका ‘क्रेस्ट’ भी जारी किया गया, जिसमें उरुमी नाम की लचीली तलवार बनी है. यह तलवार केरला की पारंपरिक मार्शल आर्ट कलारीपयट्टू में इस्तेमाल होती है. उरुमी फुर्ती, सटीकता और ताकत का संकेत है. ये वही गुण हैं जो Mahe महे की क्षमताओं को दर्शाते हैं.
कैसे बढ़ेगी तटीय सुरक्षा?
भारत के पश्चिमी समुद्री तट पर INS Mahe की तैनाती से देश की तटीय सुरक्षा और भी मजबूत होगी. यह जहाज
- दुश्मन की पनडुब्बियों को ढूंढेगा.
- समुद्र में नियमित गश्त करेगा.
- अहम समुद्री रास्तों की रक्षा करेगा.
- तटीय क्षेत्रों की निगरानी को बेहतर बनाएगा.
- इससे भारतीय नौसेना की उथले पानी वाले इलाकों में युद्ध क्षमता काफी बढ़ जाएगी.
नेवी डे 2025 की तैयारी भी जारी
इसी बीच भारतीय नौसेना नेवी डे 2025 की तैयारी भी कर रही है. थिरुवनंतपुरम के शंगुमुघम बीच पर एक बड़ा कार्यक्रम होगा, जिसमें नौसेना अपनी ऑपरेशनल ताकत, जहाजों की क्षमता, हेलिकॉप्टर और कमांडो ऑपरेशन्स का शानदार प्रदर्शन करेगी. पिछले कुछ वर्षों से नौसेना यह दिन देश के अलग-अलग शहरों में मना रही है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग नौसेना की क्षमता और योगदान को जान सकें. इससे पहले कार्यक्रम पुरी (ओडिशा) और सिंधुदुर्ग (महाराष्ट्र) जैसे स्थानों पर भी आयोजित किए गए थे.
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