भारत-पाक युद्ध की आहट! 7 मई को कई राज्यों में होगा मॉक ड्रिल, जानें उस दिन क्या-क्या होगा
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों को सलाह दी है कि वे अपने नागरिकों को हवाई हमले जैसी स्थिति में सुरक्षित रहने के लिए प्रशिक्षत करें. गृह मंत्रालय का यह आदेश पहलगाम आतंकी हमले के करीब 13 दिन बाद आया है. यह इस बात का भी संकेत है कि सरकार इस बार पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी और कड़ी कार्रवाई की योजना बना रही है.

पहलगाम हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को आश्वस्त किया था कि आतंकियों के साथ ही उनको पनाह देने वालों को भी अकल्पनीय सजा मिलेगी. केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से एक ऐसा संकेत मिला है, जो बताता है कि आतंकियों और उनके आकाओं की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. सोमवार 5 मई को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कई राज्यों को एक विशेष निर्देश दिया है. गृह मंत्रालय ने इन राज्यों से कहा है कि वे 7 मई को अपने नागरिकों को हवाई हमले से बचने का प्रशिक्षण देने के लिए व्यापक मॉक ड्रिल आयोजित करें. 1971 के बाद यह पहली बार है, जब देश में नागरिकों के लिए इस तरह की ड्रिल करने के लिए कहा गया है.
गृह मंत्रालय के निर्देश के मुताबिक राज्यों से कहा गया है कि वे एयर रेड वार्निंग सायरन के संचालन को दुरुस्त करें. 1971 के बाद पहली बार ऐसा किया जा रहा है. इसके साथ ही दुश्मन के हमले की स्थिति में खुद को बचाने के लिए नागरिक सुरक्षा पहलुओं पर नागरिकों व छात्रों को प्रशिक्षण देने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही राज्यों को कहा गया है कि वे क्रैश ब्लैकआउट उपाय भी करें. इसके साथ ही अहम फैक्टरी और इंस्टीट्यूशन को छिपाने की व्यवस्थाएं भी बनाएं. इसके अलावा, फंसे हुए नागरिकों को सुरक्षित निकालने, नागरिकों को स्थिति के बारे में अपडेट करने की योजना व व्यवस्थाएं बनाएं.
मॉक ड्रिल के दौरान क्या होगा?
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से नागरिक सुरक्षा को ध्यान में रखकर राज्यों को दिए गए निर्देश के तह 7 मई को मॉक ड्रिल के दौरान पांच अहम काम किए जाने हैं. इस ड्रिल का मकसद भारत की तरफ से होने वाली एयर स्ट्राइक या पाकिस्तान की तरफ से भारत पर होने वाले हमले के दौरान नागरिकों को सुरक्षित रखना है.
- मॉक ड्रिल के तहत पहला काम एयर रेड सायरन, यानी हवाई हमले चेतावनी की चेतावनी जारी करना होगा.
- इसके बाद आम नागरिकों व छात्रों को दुश्मन की तरफ से होने वाले हमले के दौरान कैसे सुरक्षित रहना इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा.
- रात के वक्त दुश्मन के हमले से बचने के लिए ब्लैकआउट से कैसे निबटा जाए और जरूरत पड़ने पर बिना देर लगाए कैसे बिजली बंद की जाए इसका अभ्यास किया जाएगा. यह अभ्यास रात के वक्त अहम ठिकानों को दुश्मन की नजर से बचाने के लिए बेहद जरूरी है.
- इसके अलावा चौथी अभ्यास इस बात का किया जाएगा कि दिन के वक्त भी प्रमुख ठिकानों और प्रतिष्ठानों को दुश्मन की नजर से कैसे बचाया जाए. इसके लिए ऐसे तमाम कारखानों, गोदाम और दफ्तरों को छिपाने की तैयारी की जाएगी.
- पांचवां और सबसे अहम अभ्यास इस बात का किया जाएगा कि हमले के बीच नागरिकों को एक जगह से दूसरी जगह किस तरह सुरक्षित तरीके से निकाला जाए. इसके साथ ही नागरिकों को हमले की स्थिति के बारे में कैसे अपडेट किया जाए, इसकी व्यवस्था भी बनाई जाएगी.
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