म्यूचुअल फंड यूनिट के लिए इनसाइडर ट्रेडिंग नियम लागू, जान लें पूरी डिटेल

म्यूचुअल फंड यूनिट के लिए इनसाइडर ट्रेडिंग नियम लागू करने की तैयारी में है. इसे लेकर तारीख भी सार्वजनिक कर दिया गया है. यह नियम 1 नवंबर 2024 से लागू होंगे. यानि की इनसाइडर ट्रेडिंग निषेध (पीआईटी) विनियम के दायरे में आ जाएगी.

माधबी बुच की बढ़ी मुश्किलें. Image Credit: PTI Photos

अगर आप भी म्यूचुअल फंड में निवेश करते है तो आपके लिए बड़ी खबर है. म्यूचुअल फंड यूनिट के लिए इनसाइडर ट्रेडिंग नियम लागू करने की तैयारी में है. इसे लेकर तारीख भी सार्वजनिक कर दिया गया है. यह नियम 1 नवंबर 2024 से लागू होंगे. यानि की इनसाइडर ट्रेडिंग निषेध (पीआईटी) विनियम के दायरे में आ जाएगी. दरअसल Securities and Exchange Board of India (सेबी) ने मंगलवार को कहा कि म्यूचुअल फंड की यूनिट 1 नवंबर, 2024 से इनसाइडर ट्रेडिंग निषेध (पीआईटी) विनियम के दायरे में आ जाएगी.

बता दें कि बाजार नियामक ने पहले ही नवंबर 2022 में म्यूचुअल फंड यूनिट को पीआईटी के तहत शामिल करने की अधिसूचना जारी की थी. किसी कारण बस इसे अब प्रभावी बनाया जा रहा है. सेबी ने कहा कि asset management companies (एएमसी) को तिमाही आधार पर एएमसी के नामित व्यक्तियों, ट्रस्टियों और उनके निकटतम रिश्तेदारों की होल्डिंग का खुलासा करना होगा. बाजार नियामक ने यह भी अनिवार्य कर दिया है कि एक तिमाही में अपने स्वयं के म्यूचुअल फंडों की यूनिट में 15 लाख रुपये से अधिक के सभी लेनदेन की सूचना एक नामित व्यक्ति द्वारा दो कारोबारी दिनों के भीतर अनुपालन अधिकारी (compliance Officer) को दी जाएगी.

म्यूचुअल फंड यूनिट के लिए इनसाइडर ट्रेडिंग नियम क्या होता है?

इनसाइडर ट्रेडिंग नियम का मकसद है कि म्यूचुअल फंड हाउस के सीनियर एंप्लॉयीज के पास अगर कोई ऐसी जानकारी पब्लिक होने से पहले आती है, जिसका असर शेयर मार्केट पर पड़ सकता है, तो वे उसका फायदा न उठा सकें. इसी के मद्देनजर बाजार नियामक ने इसे 1 नवंबर, 2024 से लागू करने का घोषणा कर दिया है.

माधवी पुरी बुच पर लगे सारे आरोप खारिज

पिछले दिनों सेबी की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच पर लगातार आरोप लग रहे थे, ऐसे में उनपर लगे सारे आरोप खारिज कर दिए गए हैं. अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में माधवी पुरी बुच पर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया गया था. इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी की ओर से भी लगातार बुच पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए थे, जिसके बाद माधवी पुरी बुच के खिलाफ जांच चल रही थी. जांच में उन्हें पूरी तरीके से निर्दोष पाया गया है. इसी के साथ उन पर लगे सारे आरोपों को खारिज कर दिया गया है.

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