NCERT की बुक में बड़ा बदलाव, मुगल और दिल्ली सल्तनत से जुड़े चैप्टर्स हटे; अब बच्चे पढ़ेंगे महाकुंभ और 12 ज्योतिर्लिंग
एनसीईआरटी ने 7वीं कक्षा की किताबों से मुगलों और दिल्ली सल्तनत से जुड़ी जानकारियां हटा दी हैं और उनकी जगह भारतीय राजवंशों, महाकुंभ, और सरकारी योजनाओं जैसे 'मेक इन इंडिया' और 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' पर नए अध्याय जोड़े गए हैं. इस अध्याय में सेक्रेड जियोग्राफी की बात की गई है, जिसमें 12 ज्योतिर्लिंग, चार धाम यात्रा और शक्तिपीठ जैसे पवित्र स्थलों के नेटवर्क का जिक्र है.
NCERT Book: एनसीईआरटी ने 7वीं कक्षा की किताबों से मुगलों और दिल्ली सल्तनत से जुड़ी सारी जानकारी हटा दी है. अब बच्चों को भारतीय राजवंशों, पवित्र जगहों (सेक्रेड जियोग्राफी), महाकुंभ और मेक इन इंडिया, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसी सरकारी योजनाओं पर नए अध्याय पढ़ाए जाएंगे. इससे पहले 2022-23 में सिलेबस को आसान करते समय एनसीईआरटी ने तुगलक, खिलजी, ममलक और लोदी वंश और मुगल शासकों की उपलब्धियों से जुड़े कुछ हिस्से कम कर दिए थे. अब नई किताब में ये जानकारियां पूरी तरह हटा दी गई हैं.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, नई सामाजिक विज्ञान की किताब ‘Exploring Society: India and Beyond’ में प्राचीन भारतीय राजवंशों जैसे मगध, मौर्य, शुंग और सातवाहन पर नए अध्याय जोड़े गए हैं, जो भारतीय सोच और परंपरा को दिखाते हैं. किताब में एक नया अध्याय भी जोड़ा गया है, जिसमें भारत और इस्लाम, ईसाई धर्म, यहूदी धर्म, पारसी धर्म, हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और सिख धर्म जैसे धर्मों के तीर्थ स्थलों और यात्राओं के बारे में बताया गया है. इस अध्याय में सेक्रेड जियोग्राफी की बात की गई है, जिसमें 12 ज्योतिर्लिंग, चार धाम यात्रा और शक्तिपीठ जैसे पवित्र स्थलों के नेटवर्क का जिक्र है. साथ ही नदियों के संगम, पर्वतों और जंगलों जैसे धार्मिक स्थलों का भी उल्लेख किया गया है.
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भारत को तीर्थ यात्राओं की भूमि बताया है
नई किताबों में जवाहरलाल नेहरू का एक उद्धरण भी जोड़ा गया है, जिसमें उन्होंने भारत को तीर्थ यात्राओं की भूमि बताया है और बद्रीनाथ व अमरनाथ से लेकर कन्याकुमारी तक की यात्राओं का जिक्र किया है. किताब में बताया गया है कि शुरू में वर्ण-जाति व्यवस्था से समाज में स्थिरता बनी थी, लेकिन बाद में, खासकर ब्रिटिश राज के समय, यह व्यवस्था कठोर और भेदभाव वाली हो गई.
महाकुंभ मेले का भी जिक्र किया गया है
इस साल की शुरुआत में प्रयागराज में हुए महाकुंभ मेले का भी जिक्र किया गया है, जहां करीब 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया था. हालांकि, भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत और कई के घायल होने की घटना का उल्लेख नहीं किया गया है. इसके अलावा, नई किताब में ‘मेक इन इंडिया’, ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ और ‘अटल टनल’ जैसी सरकारी पहलों का भी जिक्र किया गया है.
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संविधान पर एक नया अध्याय जोड़ा गया
नई किताब में भारत के संविधान पर एक नया अध्याय जोड़ा गया है. इसमें बताया गया है कि पहले आम नागरिकों को अपने घरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की अनुमति नहीं थी. लेकिन 2004 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह बदल गया, जब कोर्ट ने तिरंगा फहराने को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हिस्सा माना.