H-1B वीजा महंगा होने के बाद पीएम मोदी का बड़ा बयान, बताया कौन है भारत का असली दुश्मन; ऐसे साधा निशाना
गुजरात के भावनगर में पीएम मोदी ने बताया कि भारत का असल में सबसे बड़ा दुश्मन कौन है. यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा पर 1 लाख डॉलर की भारी फीस और भारतीय आयात पर टैरिफ लगाने का आदेश दिया है. जानें क्या है पूरा मामला.
H-1B Visa US Trump and PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार, 20 सितंबर को गुजरात के भावनगर में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का सबसे बड़ा दुश्मन कोई बाहरी देश नहीं, बल्कि दूसरों पर हमारी निर्भरता है. मोदी ने जोर देकर कहा कि जब तक हम आत्मनिर्भर नहीं बनते, तब तक न तो भारत मजबूत हो पाएगा और न ही दुनिया में हमें वह सम्मान मिलेगा, जिसके हम हकदार हैं. पीएम मोदी ने आत्मनिर्भरता वाली अपनी बात पर जोर ऐसे समय में दिया जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा नीति को लेकर बड़े बदलाव करने की घोषणा की. ट्रंप की नई पॉलिसी का असर सीधे तौर पर भारतीयों पर पड़ने वाला है. आइए विस्तार में बताते हैं.
आत्मनिर्भर भारत का संदेश
प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भरता को देश के भविष्य और गर्व से जोड़ा. उन्होंने कहा कि जितना ज्यादा कोई राष्ट्र दूसरों पर निर्भर होता है, उतना ही वह असफल होता है. भारत, जो दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है, यदि आत्मनिर्भर बनता है तो यह वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए भी जरूरी होगा. मोदी ने कहा, “हमारा कोई बड़ा दुश्मन दुनिया में नहीं है. लेकिन एक असली दुश्मन है और वह है हमारी निर्भरता. यही हमारी सबसे बड़ी कमजोरी है. हमें इस दुश्मन को हराना होगा.” मोदी ने लोगों को चेताया कि अगर भारत दूसरों पर आश्रित रहेगा तो देश की आत्मसम्मान और आने वाली पीढ़ियों का भविष्य दोनों खतरे में पड़ जाएंगे. उन्होंने कहा, “एक सौ दुखों की एक ही दवा है- आत्मनिर्भर भारत.”
अमेरिका की नीतियों का असर
मोदी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका की नीतियों का सीधा असर भारत पर पड़ रहा है. दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में एक प्रोक्लेमेशन पर साइन किए हैं, जिसके तहत H-1B वीजा के आवेदन पर 1 लाख डॉलर की भारी-भरकम फीस लगाई गई है. यह नियम 21 सितंबर से लागू होगा. चूंकि H-1B वीजा धारकों में 71 फीसदी भारतीय हैं, इसलिए इसका सबसे ज्यादा नुकसान भारत को ही होगा. इसी के साथ, अमेरिका ने भारतीय आयातित सामानों पर 50 फीसदी तक का भारी टैरिफ लगा रखा है, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था पर दबाव और बढ़ गया है.
क्या है पूरा मामला?
19 सितंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा के लिए 1 लाख डॉलर यानी 88 लाख रुपये से अधिक का नया शुल्क लगाने वाला आदेश साइन किया है. ट्रंप प्रशासन का मानना है कि इस कदम से H-1B वीजा प्रोग्राम के गलत इस्तेमाल को रोका जा सकता है. ट्रंप ने ओवल ऑफिस से कहा कि इस कदम से अच्छे वर्कर्स ही अमेरिका में आएंगे. व्हाइट हाउस का मानना है कि कंपनियां अब अमेरिकी लोगों को पहले हायर करेंगी.
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