गाड़ी चलाने वाले 99% लोग नहीं जानते एसी पैनल का सही इस्तेमाल, माइलेज और कूलिंग दोनों पर पड़ता है असर
गर्मी में कार का एसी गलत तरीके से इस्तेमाल करने से माइलेज 10-15 फीसदी तक घट सकता है और कूलिंग परफॉर्मेंस भी कमजोर पड़ती है. ज्यादातर ड्राइवर एसी पैनल की सही सेटिंग्स नहीं जानते और फैन स्पीड या टेंपरेचर को गलत तरीके से एडजस्ट कर देते हैं. विशेषज्ञ बताते हैं कि री-सर्कुलेशन मोड ऑन करना, फैन स्पीड को मीडियम पर रखना और टेंपरेचर 22-24°C पर सेट करना कार की कूलिंग और माइलेज दोनों को बेहतर बनाता है.

Car AC panel: गर्मी के मौसम में कार का एयर कंडीशनर (एसी) किसी वरदान से कम नहीं होता. लेकिन एक चौंकाने वाली रिपोर्ट और ऑटोमोटिव एक्सपर्ट का कहना है कि भारत में 99 फीसदी से अधिक कार मालिक अपने वाहन के एसी पैनल को सही तरीके से सेट और ऑपरेट नहीं कर पाते. इस छोटी-सी गलती का सीधा असर उनकी जेब पर पड़ता है. कार का माइलेज कम हो जाता है और एसी की कूलिंग परफॉर्मेंस भी पूरी क्षमता से काम नहीं कर पाती. यह समस्या केवल पुरानी कारों तक सीमित नहीं है, बल्कि नई और एडवांस ऑटो-एसी सिस्टम वाली गाड़ियों में भी देखने को मिलती है. जानकारों का मानना है कि एसी पैनल पर बने बटन और नॉब्स के सही ज्ञान की कमी इसकी मुख्य वजह है.
माइलेज पर असर कैसे पड़ता है
कार का एसी कंप्रेसर इंजन की पावर से चलता है. जब एसी पैनल गलत तरीके से सेट होता है, तो कंप्रेसर पर अनावश्यक लोड पड़ता है. इसे पूरा करने के लिए इंजन को अतिरिक्त पावर लेनी पड़ती है और इसके लिए ज्यादा ईंधन खर्च करना पड़ता है. अनुमान है कि गलत सेटिंग्स के कारण माइलेज में 10 फीसदी से 15 फीसदी तक की कमी आ सकती है.
कूलिंग कम क्यों होती है
अधिकतर लोग गर्मी लगते ही एसी का तापमान Lo (न्यूनतम) और फैन की स्पीड मैक्सिमम (4 या 5) पर कर देते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, यही सबसे बड़ी भूल है. तेज फैन स्पीड का मतलब है हवा का बहाव अधिक होना, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं कि हवा ज्यादा ठंडी होगी. असल में, हवा तेजी से बहने के कारण वह इवैपोरेटर कोर (जो हवा को ठंडा करता है) पर पर्याप्त समय नहीं बिताती, जिससे निकलने वाली हवा उतनी ठंडी नहीं हो पाती जितनी अपेक्षित है.
एसी पैनल का सही इस्तेमाल कैसे करें?
री-सर्कुलेशन (Re-circulation) मोड ऑन करें: कार स्टार्ट करते ही सबसे पहले यह बटन दबाएं. इससे कार के भीतर की पहले से ठंडी हवा ही दोबारा ठंडी होती रहेगी और बाहर की गर्म हवा अंदर नहीं आएगी. नतीजतन, कार तेजी से ठंडी होगी और एसी सिस्टम पर लोड भी कम पड़ेगा.
फैन स्पीड मीडियम पर रखें: कार का अंदरूनी तापमान सामान्य होने तक फैन की स्पीड 2 या 3 पर रखें. इससे हवा को पर्याप्त रूप से ठंडा होने का समय मिलेगा और बेहतर कूलिंग होगी.
तापमान सेटिंग को समझें: एसी का टेंपरेचर नॉब यह तय करता है कि हवा कितनी ठंडी होगी, न कि एसी कितनी तेज चलेगा. इसे 22-24°C पर सेट करना सबसे सही है. इसे हमेशा ‘Lo’ पर रखने की जरूरत नहीं है.
वेंट्स की दिशा सही रखें: ठंडी हवा भारी होती है और नीचे बैठती है. इसलिए वेंट्स को सीधे चेहरे पर करने की बजाय ऊपर की ओर रखें. इससे ठंडी हवा पूरे केबिन में समान रूप से फैलेगी और ज्यादा प्रभावी कूलिंग मिलेगी.
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