ट्रंप के ‘बेतुके’ टैरिफ के बाद पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से की बात, भारत आने का दिया न्योता

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर रूस से तेल खरीदने की वजह से 50 फीसदी टैरिफ लगाने का एलान किया. ट्रंप इस तरह की पैंतरेबाजी भारत पर दबाव बनाने के लिए कर रहे हैं. लेकिन, भारत ने ट्रंप की पैंतरेबाजी के दबाव आने के बजाय दूसरा रास्ता अपनाया है और पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ बात की है.

रूस-भारत तेल आयात Image Credit: Getty image

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत की अलोचना भारी पड़ सकती है. भारत ने इस मामले में अमेरिका के सामने झुकने की जगह रूस से कारोबारी रिश्तों को और गहरा करने का फैसला किया है. इस सिलसिले में शुक्रवार को पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से बात की और इसकी जानकारी एक्स पर दी.

पीएम मोदी ने क्या कहा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर विस्तार से बातचीत की. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पीएम मोदी ने लिखा, “अपने मित्र राष्ट्रपति पुतिन से बहुत अच्छी और विस्तृत बातचीत हुई. यूक्रेन पर नवीनतम घटनाक्रम साझा करने के लिए उनका धन्यवाद किया. हमने अपने द्विपक्षीय एजेंडे की प्रगति की समीक्षा की और भारत-रूस विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने की प्रतिबद्धता दोहराई.”

इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि वे इस साल के अंत में 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति पुतिन की मेजबानी करने के लिए उत्सुक हैं.

पुतिन जल्द आएंगे भारत

तमाम मीडिया रिपोर्ट्स में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के हवाले से दावा किया गया है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन जल्द ही भारत की यात्रा कर सकते हैं. यह यात्रा ऐसे समय में होगी जब दोनों देश ट्रंप के टैरिफ कदमों के खिलाफ रणनीति तेज करने की तैयारी में हैं. इससे पहले बुधवार को डोभाल ने मॉस्को में पुतिन से मुलाकात की. यह कूटनीतिक बैठक ऐसे समय हुई जब ट्रंप ने रूस के साथ भारत के तेल व्यापार की निंदा की और तथाकथित “सेकेंडरी सैंक्शन्स” के पहले चरण की घोषणा की थी.

ट्रंप ने क्या कहा था?

अमेरिकी राष्ट्रपति का कहना है कि भारत का रूस के साथ व्यापार के जरिये यूक्रेन में रूस की वार मशीन का वित्तपोषण कर रहा है. ट्रंप की तरफ से भारत के खिलाफ बेतुकी बयानबाजी करने के बाद भारत ने भी साफ कर दिया है कि अमेरिकी दबाव में आकर भारत अपने हितों से फैसला नहीं करेगा. इसी सिलसिले में यह जानकारी भी सामने आई कि 2019 के बाद पीएम मोदी पहली बार चीन जा रहे हैं. चीन के विदेश मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है.