राष्ट्रपति ने कहा- अच्छी स्थिति में देश की इकोनॉमी, कंट्रोल में महंगाई; कश्मीर घाटी का रेल नेटवर्क से जुड़ना ऐतिहासिक
79th Independence Day: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित किया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत एक आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की राह पर है और 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के लिए पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है.
79th Independence Day: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित किया. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक ऐतिहासिक मिसाल के रूप में याद किया जाएगा, जो पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत की त्वरित प्रतिक्रिया थी. गुरुवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में, राष्ट्रपति मुर्मू ने अप्रैल में पहलगाम में निर्दोष नागरिकों पर हुए आतंकवादी हमले को कायरतापूर्ण और पूरी तरह से अमानवीय करार दिया.
आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की राह पर भारत
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत एक आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की राह पर है और 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के लिए पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है. 79वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में मुर्मू ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में है, मुद्रास्फीति नियंत्रण में है और निर्यात बढ़ रहा है. राष्ट्रपति ने कहा कि विदेशी शासन के लंबे वर्षों के बाद, स्वतंत्रता के समय भारत घोर गरीबी में था. लेकिन उसके बाद के 78 वर्षों में हमने सभी क्षेत्रों में असाधारण प्रगति की है. भारत एक आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की राह पर है और पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है.
कंट्रोल में महंगाई
उन्होंने कहा कि आर्थिक क्षेत्र में भारत की उपलब्धियां और भी स्पष्ट हैं, क्योंकि पिछले वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 6.5 फीसदी की दर से बढ़ा है, जिससे यह देश दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश बन गया है. मुर्मू ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में तनाव के बावजूद, घरेलू मांग तेज़ी से बढ़ रही है. मुद्रास्फीति नियंत्रण में रही है. निर्यात बढ़ रहा है. सभी प्रमुख संकेतक अर्थव्यवस्था की बेहतर सेहत का संकेत दे रहे हैं.
उन्होंने आर्थिक मोर्चे पर इन उपलब्धियों का श्रेय सावधानीपूर्वक किए गए सुधारों, कुशल आर्थिक प्रबंधन, किसानों की कड़ी मेहनत और समर्पण को दिया.
उन्होंने कहा कि सामाजिक क्षेत्र की पहलों के साथ-साथ सर्वांगीण आर्थिक विकास ने भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की राह पर अग्रसर कर दिया है. अमृत काल में राष्ट्र के आगे बढ़ने के साथ, मैं हम सभी को अपनी क्षमता के अनुसार योगदान करते हुए देखती हूं.
आय असमानता हो रही कम
सुशासन के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों को गरीबी से बाहर निकालने का जिक्र करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार गरीबों और उन लोगों के लिए भी कल्याणकारी पहलों की एक श्रृंखला चला रही है जो गरीबी रेखा से ऊपर उठ गए हैं, लेकिन अभी भी असुरक्षित हैं. आय असमानता कम हो रही है. क्षेत्रीय असमानताएं भी खत्म हो रही हैं.
उन्होंने आगे कहा कि कमजोर आर्थिक प्रदर्शन के लिए जाने जाने वाले राज्य और क्षेत्र अब अपनी असली क्षमता दिखा रहे हैं और अग्रणी देशों के साथ कदमताल मिला रहे हैं.
कुछ कर गुजरने की भावना
इस बात पर जोर देते हुए कि व्यापारिक नेताओं, लघु और मध्यम उद्योगों और व्यापारियों ने हमेशा ‘कुछ कर गुजरने की भावना’ दिखाई है. उन्होंने कहा कि जरूरत धन सृजन की राह में आने वाली बाधाओं को दूर करने की थी. पिछले एक दशक में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के मामले में यह साफ दिखाई दे रहा है.
कश्मीर में इंजीनियरिंग का चमत्कार
उन्होंने नेशनल हाइवे नेटवर्क के विस्तार और भारतीय रेलवे द्वारा नई प्रकार की ट्रेनों और डिब्बों की शुरुआत पर प्रकाश डाला. विशेष रूप से उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में रेल संपर्क का उद्घाटन एक बड़ी उपलब्धि है, जो व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देगा और नई आर्थिक नीतियों का मार्ग प्रशस्त करेगा. कश्मीर में इंजीनियरिंग का यह चमत्कार भारत के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है.