हैकर्स ने नारायण मूर्ति और मुकेश अंबानी को भी नहीं छोड़ा, उनके नाम पर लूट लिए 80 लाख
बेंगलुरु के दो लोगों को नारायण मूर्ति और मुकेश अंबानी का वीडियो दिखाया गया फिर उनसे मोटा पैसा निवेश करवाया और वे लाखों की ठगी का शिकार बन गए. लेकिन ये स्कैम हुआ कैसे?

देश में इस समय नए-नए तरीकों से ठगी के मामले सामने आ रहे हैं. कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में दो लोगों से कुल 80 लाख रुपये ठग लिए गए. इन मामलों में पीड़ितों को इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति और रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी का एक फर्जी वीडियो (Deepfake Video) दिखा कर लूटा गया. पुलिस ने दोनों मामलों को दर्ज कर लिया है और जांच जारी है. चलिए आपको बताते हैं ये फर्जीवाड़ा कैसे हुआ?
नारायण मूर्ति के नाम पर ठगी
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलुरु के सबसे बड़े इलाके बनशंकरी की रहने वाली वीणा ने बताया कि उन्होंने नारायण मूर्ति का एक कथित वीडियो देखा जिसमें वे एक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को प्रमोट कर रहे थे जिसमें हाई रिटर्न्स का दावा किया जा रहा था.
वीणा ने बिना सोचे समझे उसमें दी गई लिंक पर क्लिक किया और सारी जानकारी सबमिट कर दी. इसके बाद एक व्यक्ति ने एजेंट बनकर उन्हें फोन किया और हाई रिटर्न्स का दावा कर निवेश करने की बात कही. वीणा ने शुरू में क्रेडिट कार्ड से 1.4 लाख रुपये लगा दिए और उन्हें 8 हजार का रिटर्न मिल गया. इसके बाद उन्होंने 6.7 लाख लगा दिए लेकिन फिर उन्हें कोई रिटर्न नहीं मिला.
इसके बाद वीणा ने इंस्टाग्राम पर वर्क फ्रॉम होम को लेकर एक दूसरा विज्ञापन देखा जिसमें उन्हें रोजाना कमाई का अवसर दिखा. इसमें वीणा ने 67 लाख रुपये लगा दिए औ उन्हें पोर्टल पर 55 हजार का मुनाफा भी दिखने लगा. जब उन्होंने इस पैसे को निकालना चाहा तो उनसे पहले ज्यादा टैक्स की मांग की गई और फिर कोई रिस्पॉन्स ही नहीं आया. यानी पैसा डूब गया.
मुकेश अंबानी के नाम पर 19 लाख की ठगी
एक दूसरे मामले में, रिटायर्ड कर्मचारी अशोक कुमार ने फेसबुक पर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का विज्ञापन देखा जिसे कथित रूप से मुकेश अंबानी प्रमोट कर रहे थे और बता रहे थे निवेश करने पर हाई रिटर्न मिलेगा. धोखाधड़ी करने वालों ने इसमें दो अकाउंट दिए हुए थे जिसमें पैसा ट्रांसफर करने थे. कुमार ने इसमें 19 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए. बाद में उन्हें कोई रिस्पॉन्स नहीं आया. यानी वे ठग लिए गए थे.
नारायण मूर्ति और अंबानी के नाम पर कैसे हुई ठगी
दरअसल ये दोनों डीपफेक वीडियो थे. वीडियो में दिखने वाले नारायण मूर्ति और मुकेश अंबानी ही थे लेकिन वह किसी ने एडिट कर दिया था. डीपफेक में एडिटिंग काफी अव्वल दर्जे की होती है जिसमें कई लोग धोखा खा जाते हैं.
पिछले साल ही नारायण मूर्ति ने इसे लेकर लोगों को आगाह किया था, उन्होंने एक्स पर लिखा था कि उनका डीपफेक वीडियो चलाया जा रहा है और फर्जी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को प्रमोट किया जा रहा है जो कि पूरी तरह से फर्जी है, धोखाधड़ी है. उन्होंने कुछ प्लेटफॉर्म के नाम भी बताए थे जैसे, BTC AI Evex, British Bitcoin Profit, Bit Lyte Sync, Immediate Momentum और Capitalix Ventures. उन्होंने लिखा था कि उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है.
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