धारावी रिडेवलपमेंट पर सुप्रीम कोर्ट ने नहीं लगाई रोक, लेकिन अडानी और महाराष्ट्र सरकार को भेजा नोटिस

Adani-Dharavi Redevelopment: सुप्रीम कोर्ट ने गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी समूह द्वारा किए जा रहे धारावी पुनर्विकास परियोजनाओं पर कुछ शर्तों के साथ रोक लगाने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने सभी भुगतानों के लिए एक अलग बैंक खाता बनाए रखने का आदेश दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ धारावी प्रोजेक्ट पर नहीं लगाई रोक. Image Credit: Getty image

Adani-Dharavi Redevelopment: अडानी समूह को दिए गए धारावी पुनर्विकास कॉन्ट्रैक्ट में घोटाले’ का आरोप लगाने वाली अपील के जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (7 मार्च) को कुछ शर्तें रखीं, लेकिन प्रोजेक्ट पर रोक नहीं लगाया है. अदालत ने कहा कि अडानी समूह को दिया गया प्रोजेक्ट ‘अदालती आदेशों के अधीन’ है. यह टिप्पणी तब की गई, जब शीर्ष अदालत सेशेल्स बेस्ड सेकलिंक समूह की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई. याचिका में दावा किया गया था कि टेंडर की शर्तों को अडानी ग्रुप के एक हिस्से अडानी प्रॉपर्टीज के पक्ष में बदल दिया गया था. सेकलिंक ने दावा किया कि अडानी प्रॉपर्टीज की बोली 5,069 करोड़ रुपये की थी, जबकि सेकलिंक की बोली 7,200 करोड़ रुपये थी और वह बोली को आगे बढ़ाकर 8,640 करोड़ रुपये करने को तैयार थी.

कोर्ट ने जारी किया नोटिस

सर्वोच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार और अडानी प्रॉपर्टीज को नोटिस जारी किया और परियोजना से सेकलिंक को बाहर करने तथा टेंडर शर्तों में बदलाव पर जवाब मांगा. कोर्ट ने कहा कि अडानी प्रॉपर्टीज को दिया गया अवार्ड कोर्ट के आदेशों के अधीन है. चूंकि सेकलिंक ने 2018 में पर्याप्त राशि से सबसे अधिक बोली लगाई थी, इसलिए न्यायालय ने सवाल किया कि क्या राज्य सरकार टेंडर रद्द करने की हकदार है और क्या सेकलिंक को बाहर करने के लिए शर्तों में बदलाव किया गया था.

प्रोजेक्ट पर रोक लगाने से इंकार

अडानी समूह ने अदालत को सूचित किया है कि पुनर्विकास शुरू हो गया है और इसलिए, सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विकास पर रोक नहीं लगाने का फैसला किया है. हालांकि, अदालत ने अडानी को सभी भुगतानों के लिए एक ही एस्क्रो अकाउंट बनाए रखने का निर्देश दिया है, जिसमें सभी चालान शामिल हैं. अदालत ने कहा कि वह एस्क्रो आदेश इसलिए दे रही है ताकि अगर बाद में अडानी के खिलाफ फैसला आए या परियोजना को अमान्य माना जाए, तो वित्तीय लेनदेन को ट्रैक किया जा सके और संभावित रूप से उसे रद्द किया जा सके.

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सरकार ने रद्द कर दिया था टेंडर

सेशेल्स बेस्ड समूह ने दिसंबर 2024 के बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. हाई कोर्ट ने अडानी प्रॉपर्टीज को प्रोजेक्ट दिए जाने के फैसले को बरकरार रखा था. 2018 में सेकलिंक 7,200 करोड़ रुपये की बोली के साथ सबसे ऊंची बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में उभरी, लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने टेंडर रद्द कर दिया. राज्य ने 2022 में शर्तों में बदलाव के साथ एक नया टेंडर जारी किया और अडानी प्रॉपर्टीज 5,069 करोड़ रुपये की बोली के साथ सबसे बड़ी बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में उभरी.

क्या है प्रोजेक्ट

600 एकड़ भूमि में फैली परियोजना का पहला चरण शुरू हो गया है. इस परियोजना को शुरू करने वाली कंपनी का नाम धारावी पुनर्विकास परियोजना प्राइवेट लिमिटेड (DRPPL) से नवभारत मेगा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड (NMDPL) रखा गया है. NMDPLमें अडानी प्रॉपर्टीज की 80 फीसदी हिस्सेदारी है और बाकी 20 फीसदी महाराष्ट्र सरकार के पास है. अनुमानित 10 लाख की आबादी के साथ धारावी दुनिया की सबसे घनी आबादी वाली झुग्गियों में से एक है.