इथियोपिया ज्वालामुखी के राख ने किया दिल्ली, जयपुर का रुख, 11 इंटरनेशनल फ्लाइट कैंसिल, DGCA ने जारी की एडवाइजरी
इथियोपिया के हेली गुबी ज्वालामुखी के 12000 साल बाद फटने से निकला भारी राख का गुबार भारत के हवाई क्षेत्र तक पहुंच गया है. दिल्ली, हरियाणा, यूपी और मुंबई के ऊपर राख फैलने से उडानों पर खतरा बढ़ गया है. DGCA ने एयरलाइनों को मार्ग बदलने और सुरक्षा नियमों का कड़ाई से पालन करने का आदेश दिया है.
Ethiopia volcano eruptions: इथियोपिया के हेली गुबी ज्वालामुखी में हजारों साल बाद हुए बड़े विस्फोट का असर भारत के हवाई क्षेत्रों पर भी दिखने लगा है. भारी राख का गुबार दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मुंबई के हवाई क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है. इससे उड़ानों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. DGCA ने सभी भारतीय एयरलाइनों को कड़ी सलाह जारी की है और उड़ान मार्ग बदलने के निर्देश दिए हैं. कई अंतरराष्ट्रीय उड़ाने भी प्रभावित हुई हैं. एयरलाइनों को इंजन जांच और सुरक्षा नियम कड़ाई से पालन करने के लिए कहा गया है.
भारतीय हवाई क्षेत्र पर खतरा
इथियोपिया के हेली गुबी ज्वालामुखी में 12000 साल बाद हुए विस्फोट से निकली राख 45000 फीट तक पहुंच गई है. राख का बादल 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर पूर्व दिशा में बढ़ रहा है. मौसम एजेंसियों के अनुसार यह राख दिल्ली एनसीआर, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक पहुंच रही है. मुंबई एयरपोर्ट ने भी सतर्कता सलाह जारी की है. अचानक बढ़ी राख की मात्रा से उड़ानों की विजिबिलिटी और इंजन को नुकसान का खतरा पैदा हो सकता है.
एयरलाइनों को सख्त हिदायत
DGCA ने सभी एयरलाइनों को राख वाले क्षेत्रों से परहेज करने और मार्ग बदलने का आदेश दिया है. फ्लाइट क्रू, इंजीनियर और डिस्पैचर टीम को वोल्केनिक ऐश मैनुअल के अनुसार काम करने को कहा गया है. किसी भी राख वाले क्षेत्र से गुजरने पर तुरंत रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है. प्रभावित मार्गों पर उड़ान भरने वाले विमानों की बाद में डिटेल जांच भी अनिवार्य कर दी गई है.
कई उड़ाने रद्द या बदली गईं
ज्वालामुखी राख के कारण कुछ एयरलाइनों ने अपनी उड़ानों में बदलाव किया है. एयर इंडिया एक्सप्रेस ने कोच्चि से जेद्दा की उड़ान रद्द कर दी है. इंडिगो ने दुबई से कोच्चि की उडान रद्द की है. हालांकि दिल्ली एयरपोर्ट पर ऑपरेशनल निगरानी में जारी है. एयरलाइनों को रियल टाइम अपडेट के आधार पर रूट बदलने के निर्देश दिए गए हैं.
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12000 साल बाद फटा ज्वालामुखी
हेली गुबी ज्वालामुखी का यह विस्फोट ऐतिहासिक बताया जा रहा है क्योंकि पिछले 12000 साल में इसकी कोई गतिविधि दर्ज नही हुई थी. राख का गुबार रेड सी पार कर यमन, ओमान, भारत और पाकिस्तान तक पहुंच गया है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर राख फैलने से कई दिन तक हवाई यातायात प्रभावित रह सकता है.
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