सजी अयोध्या… शिखर पर चमकेगा सूर्य, ॐ और कोविदार वृक्ष, आज राम मंदिर में होगा ध्वजारोहण; जानें क्या हैं इसके मायने

अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण का बेहद पवित्र और ऐतिहासिक आयोजन आज होने जा रहा है. प्रधानमंत्री द्वारा फहराया जाने वाला ध्वज बेहद खास है. यह केसरिया रंग का है और उस पर तीन पवित्र चिन्ह सोने के धागों से कढ़ाई कर बनाए गए हैं. इसमें सूर्य, ॐ और कोविदार वृक्ष के पत्ते शामिल है. वाल्मीकि रामायण के अनुसार कोविदार एक विशेष वृक्ष था, जो मंदार और पारिजात के संकरण से बना था.

आज राम मंदिर में होगा ध्वजारोहण Image Credit: Money 9 Live

Ayodhya Ram Mandir Dhwajarohan: अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण का बेहद पवित्र और ऐतिहासिक आयोजन आज होने जा रहा है. यह कार्यक्रम इस बात का प्रतीक है कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण अब पूरी तरह पूरा हो चुका है और मंदिर अब एक पूर्ण धार्मिक धाम के रूप में स्थापित हो गया है. यह आयोजन दोपहर के अभिजीत मुहूर्त में होगा, जिसे किसी भी शुभ काम के लिए सबसे पवित्र माना जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर के 161 फीट ऊंचे शिखर पर 22 फीट लंबा और 11 फीट चौड़ा पवित्र ध्वज फहराएंगे, जिसे 42 फीट ऊंचे पोल के ऊपर लगाया जाएगा.

ध्वज पर बने पवित्र चिन्ह

प्रधानमंत्री द्वारा फहराया जाने वाला ध्वज बेहद खास है. यह केसरिया रंग का है और उस पर तीन पवित्र चिन्ह सोने के धागों से कढ़ाई कर बनाए गए हैं. इसमें सूर्य, ॐ और कोविदार वृक्ष के पत्ते शामिल है. वाल्मीकि रामायण के अनुसार कोविदार एक विशेष वृक्ष था, जो मंदार और पारिजात के संकरण से बना था. कार्यक्रम में करीब 6000–8000 लोग शामिल होंगे. इनमें निषाद राज और शबरी माता के समाज जैसे वे समुदाय भी बुलाए गए हैं जिनका रामायण में विशेष जिक्र है. ध्वजारोहण के बाद मंदिर में विशेष आरती की जाएगी.

ध्वजारोहण और प्राणप्रतिष्ठा में अंतर

22 जनवरी 2024 को हुई प्राणप्रतिष्ठा में रामलला की मूर्ति में प्राण-शक्ति स्थापित की गई थी. इससे पूजा की शुरुआत हुई थी. वहीं, ध्वजारोहण मंदिर की पूरी इमारत के तैयार होने और उसके पूर्ण धार्मिक केंद्र बनने का प्रतीक है. प्राणप्रतिष्ठा मूर्ति के लिए थी, जबकि ध्वजारोहण पूरे मंदिर की सक्रियता का संकेत देता है. इसके बाद मंदिर के सभी 44 दरवाजे पूजा के लिए खोले जाएंगे.

ध्वजारोहण विवाह पंचमी के दिन हो रहा है, जो भगवान राम और माता सीता के विवाह का पवित्र दिन है. साथ ही यह समय अभिजीत मुहूर्त भी है, जो भगवान राम के जन्म नक्षत्र से जुड़ा हुआ है. इसलिए यह अवसर धार्मिक दृष्टि से और भी शुभ माना जा रहा है. अयोध्या को इस अवसर पर लगभग 100 टन फूलों से सजाया गया है.

राम मंदिर के लिए ध्वज किसने बनाया?

यह ध्वज अहमदाबाद, गुजरात की एक विशेष पैराशूट निर्माण कंपनी ने 25 दिनों में तैयार किया है. ध्वज को मजबूत पैराशूट-ग्रेड कपड़े और प्रीमियम रेशमी धागों से बनाया गया है ताकि यह बारिश, धूप और तेज हवाओं में भी खराब न हो. यह 60 km/hr तक की हवा सह सकता है. इसे लगाने के लिए 42 फीट ऊंचा रोटेटिंग पोल और ऑटोमैटिक होस्टिंग सिस्टम का उपयोग किया गया है.

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