बेसिक सर्विस डीमैट अकाउंट को लेकर SEBI की नई गाइडलाइन, छोटे निवेशकों के लिए फायदेमंद; जानिए क्या हैं ये प्रस्ताव

बाजार नियामक SEBI ने सोमवार को छोटे निवेशकों के लिए निवेश को आसान बनाने के उद्देश्य से Basic Services Demat Account (BSDA) से जुड़े नियमों में बदलाव का प्रस्ताव दिया है.SEBI ने बताया कि ZCZP बॉन्ड सामान्य निवेश की तरह काम नहीं करते. ये न तो ट्रांसफर हो सकते हैं, न ट्रेड हो सकते हैं और न ही इन पर कोई रिटर्न मिलता है.

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SEBI on BSDA: बाजार नियामक SEBI ने सोमवार को छोटे निवेशकों के लिए निवेश को आसान बनाने के उद्देश्य से Basic Services Demat Account (BSDA) से जुड़े नियमों में बदलाव का प्रस्ताव दिया है. SEBI का कहना है कि ZCZP बॉन्ड यानी Zero Coupon Zero Principal बॉन्ड को BSDA की योग्यता तय करने में शामिल नहीं किया जाना चाहिए. BSDA एक साधारण प्रकार का डिमैट अकाउंट होता है, जिसमें छोटे निवेशकों को कम शुल्क देना पड़ता है. SEBI ने पहली बार यह सुविधा साल 2012 में शुरू की थी ताकि छोटे पोर्टफोलियो वाले निवेशकों पर डिमैट चार्ज का बोझ कम हो सके.

सामान्य निवेश की तरह काम नहीं करते ZCZP बॉन्ड

SEBI ने बताया कि ZCZP बॉन्ड सामान्य निवेश की तरह काम नहीं करते. ये न तो ट्रांसफर हो सकते हैं, न ट्रेड हो सकते हैं और न ही इन पर कोई रिटर्न मिलता है. यानी इनसे निवेशक को ना तो पैसा वापस मिलता है और ना ही कोई लाभ. इसलिए SEBI का कहना है कि इन बॉन्ड की असली आर्थिक कीमत किसी निवेश की तरह नहीं, बल्कि एक तरह के सामाजिक योगदान या दान जैसी होती है.

BSDA की Eligibility निवेशक के पोर्टफोलियो की कुल वाजिब कीमत पर तय होती है. अगर ZCZP बॉन्ड को भी पोर्टफोलियो वैल्यू में जोड़ दिया जाए, तो निवेशक की होल्डिंग आर्टिफिशियल रूप से बढ़ी हुई दिखती है और वह BSDA के लाभ लेने के योग्य नहीं रह जाता, जबकि रियल में ZCZP बॉन्ड से निवेशक को कोई आर्थिक फायदा नहीं होता. इसी कारण SEBI ने प्रस्ताव दिया है कि ZCZP बॉन्ड को पोर्टफोलियो वैल्यू में शामिल न किया जाए.

SEBI ने यह भी सुझाव दिया

SEBI ने यह भी सुझाव दिया है कि delisted securities यानी शेयर जो बाजार से हटा दिए गए हैं, उन्हें suspended securities यानी अस्थायी रूप से रुके हुए शेयरों के समान माना जाए. दोनों में ट्रेडिंग नहीं होती, तरलता Liquidity नहीं होती और न ही इनके दाम की सही जानकारी मिलती है. इसलिए इन्हें भी BSDA की वैल्यू तय करने में शामिल न किया जाए, ताकि निवेशकों के साथ पूरी तरह न्याय हो सके.

वहीं illiquid securities यानी ऐसे शेयर जिनमें बहुत कम ट्रेडिंग होती है, उनके बारे में SEBI ने कहा कि वे अभी भी listed हैं और विशेष तरीकों से ट्रेड किए जा सकते हैं. इसलिए इनका BSDA मूल्य तय करते समय इनकी आखिरी क्लोजिंग प्राइस का उपयोग किया जाना चाहिए.

BSDA योग्यता को हर तीन महीने में एक बार चेक करें

Depository Participants (DPs) यानी वे संस्थान जो डिमैट अकाउंट संभालते हैं, उनकी सुविधा के लिए SEBI ने सुझाव दिया कि वे मौजूदा निवेशकों की BSDA योग्यता को हर तीन महीने में एक बार system-driven जांचें. इससे सभी DPs में नियमों का समान पालन होगा और निवेशकों के लिए प्रक्रिया आसान हो जाएगी.

इसके अलावा, SEBI ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि निवेशक (BO) अपनी सहमति सिर्फ रजिस्टर्ड ईमेल से ही नहीं, बल्कि अन्य सुरक्षित डिजिटल तरीकों से भी दे सके. इससे निवेश प्रक्रिया और सरल हो जाएगी. SEBI ने इन सभी प्रस्तावों पर जनता से सुझाव और प्रतिक्रिया 15 दिसंबर तक मांगी है.

क्या होता हैं BSDA अकाउंट

Basic Services Demat Account (BSDA) छोटे निवेशकों के लिए बनाया गया एक आसान और कम खर्च वाला डिमैट अकाउंट है. इसमें निवेशक अधिकतम 10 लाख रुपये तक की होल्डिंग रख सकते हैं. BSDA में सालाना मेंटेनेंस चार्ज बहुत कम होता है. 4 लाख रुपये तक की होल्डिंग पर कोई शुल्क नहीं लगता और 4 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की होल्डिंग पर अधिकतम 100 रुपये शुल्क लगता है. इस खाते के लिए कुछ नियम होते हैं, जैसे निवेशक के नाम पर केवल एक ही BSDA अकाउंट होना चाहिए और वह उसमें पहला या अकेला धारक होना चाहिए.

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