शॉकिंग! क्या पाकिस्तान के बराबर हो जाएगा IAF, केवल 5 स्क्वाड्रन का रह गया अंतर… चीन के पास दोगुना- रिपोर्ट

भारतीय वायु सेना (IAF) अपनी ताकत बढ़ाने के लिए विदेशों से 40-60 पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट खरीदना चाहती है. IAF ने सरकार को बताया कि उसे अपनी ताकत बनाए रखने के लिए ये जेट चाहिए. एक कमेटी ने सुझाव दिया कि इन जेट्स को जल्द से जल्द शामिल करना चाहिए, खासकर उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर. भारत को डर है कि चीन छठी पीढ़ी के जेट बना रहा है, वह पाकिस्तान को पांचवीं पीढ़ी के जेट दे सकता है.

भारत और पाकिस्तान Image Credit:

India Air Force: भारतीय वायु सेना (IAF) की फाइटर स्क्वाड्रन संख्या अब पाकिस्तान के करीब पहुंच रही है, जहां दोनों के बीच केवल 5 स्क्वाड्रन का अंतर रह गया है. अक्टूबर से भारत के पास 29 स्क्वाड्रन होंगे, जबकि पाकिस्तान के पास 25. दूसरी ओर, चीन की वायु सेना 66 स्क्वाड्रनों के साथ दोगुनी ताकतवर है. इस बढ़ते खतरे के बीच, IAF अपनी रक्षा क्षमता बढ़ाने के लिए 2-3 पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट स्क्वाड्रन खरीदने की योजना बना रही है.

IAF अपनी ताकत बढ़ाने के लिए विदेशों से 40-60 पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट खरीदना चाहती है. एक फाइटर स्क्वाड्रन में आमतौर पर 18-20 जेट होते हैं. TOI की एक खबर के मुताबिक IAF ने सरकार को बताया कि उसे अपनी ताकत बनाए रखने के लिए ये जेट चाहिए. रक्षा सूत्रों के अनुसार, एक कमेटी ने सुझाव दिया कि इन जेट्स को जल्द से जल्द शामिल करना चाहिए, खासकर उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर. भारत को डर है कि चीन छठी पीढ़ी के जेट बना रहा है, वह पाकिस्तान को पांचवीं पीढ़ी के जेट दे सकता है.

पाकिस्तान भारत के करीब

भारत अमेरिका के F-35 और रूस के Su-57 जेट पर विचार कर रहा है. अक्टूबर से भारत के पास केवल 29 फाइटर स्क्वाड्रन रह जाएंगे. पाकिस्तान के पास 25 स्क्वाड्रन है. चिंता की बात है, क्योंकि चीन के पास 66 स्क्वाड्रन हैं. भारत के पास लगभग 522 जेट और पाकिस्तान के पास 450 जेट हैं, जबकि चीन के पास 1200 हैं. ANI के हवाले से वायु सेना प्रमुख ने कहा कि भारत को हर साल कम से कम 40 नए जेट चाहिए. पुराने मिग-21, मिराज और जगुआर जेट्स अब रिटायर हो रहे हैं. अगर भारत ने जल्दी कदम नहीं उठाए, तो 10 साल में भारत और पाकिस्तान के स्क्वाड्रन बराबर हो सकते हैं.

राफेल पर जताया भरोसा

साल 2015 में 126 मल्टी-रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (MMRCA) डील रद्द होने से IAF की ताकत कम हुई. भारत ने बाद में फ्रांस से 36 राफेल जेट खरीदे, लेकिन यह काफी नहीं था. नौसेना के लिए 26 और राफेल का ऑर्डर दिया गया है, लेकिन 114 नए जेट्स की योजना अभी रुकी हुई है. भारत ने स्वदेशी तेजस जेट पर भरोसा किया, लेकिन अभी केवल 38 तेजस मार्क-1 जेट हैं. 83 तेजस मार्क-1A की डिलीवरी में देरी हो रही है, क्योंकि इंजन और मिसाइल सिस्टम में समस्याएं हैं. तेजस मार्क-2 और AMCA की योजनाएं भी अभी शुरुआती चरण में हैं.

ये है बड़ी समस्याएं

भारत के सामने सबसे बड़ी समस्या है स्वदेशी फाइटर जेट इंजन की कमी. पहले का कावेरी इंजन प्रोजेक्ट असफल रहा. जेट इंजन बनाना बहुत जटिल है और इसके लिए अरबों डॉलर चाहिए. इंजन के हिस्सों, जैसे टरबाइन और कॉम्ब्यूशन चैंबर को बनाने के लिए खास सामग्री चाहिए. भारत को बुनियादी चीजें जैसे सिरेमिक-कोटेड इलेक्ट्रोड भी आयात करने पड़ते हैं.

सोर्स: ANI, TOI और ET

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