इंश्योरेंस सेक्टर में होगा बड़ा बदलाव! सरकार 100% FDI की तैयारी में, शीतकालीन सत्र में आएगा ऐतिहासिक बिल

सरकार इस शीतकालीन सत्र में इंश्योरेंस सेक्टर में विदेशी निवेश की सीमा 74 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी करने का प्रस्ताव पेश करने जा रही है. Insurance Laws (Amendment) Bill 2025 के जरिए बीमा कवरेज, निवेश और सेक्टर की ग्रोथ को मजबूती देने का लक्ष्य है.

इंश्योरेंस सेक्टर में आएगा बड़ा बदलाव Image Credit: @Canva/Money9live

Insurance Sector FDI 100%: सरकार आने वाले शीतकालीन सत्र में इंश्योरेंस सेक्टर में फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) की सीमा 74 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी करने का प्रस्ताव लेकर आने वाली है. यह बदलाव इंश्योरेंस इंडस्ट्री में बड़े सुधारों का हिस्सा माना जा रहा है, जिसका उद्देश्य बीमा कवरेज बढ़ाना, सेक्टर में नई ऊर्जा लाना और कारोबारी माहौल को और आसान बनाना है. संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से शुरू होकर 19 दिसंबर तक चलेगा और इसमें कुल 15 कार्य दिवस होंगे. लोकसभा की बुलेटिन के मुताबिक, Insurance Laws (Amendment) Bill 2025 उन 10 अहम विधेयकों में शामिल है जिन्हें इस सत्र में पेश किया जाएगा.

इंश्योरेंस सेक्टर में 100 फीसदी FDI का प्रस्ताव क्यों?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल के बजट में इंश्योरेंस सेक्टर में विदेशी निवेश की सीमा को 74 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी करने का ऐलान किया था. सरकार का मानना है कि इससे सेक्टर में अधिक पूंजी आएगी, बीमा की पहुंच बढ़ेगी और इंडस्ट्री में तेज विकास देखने को मिलेगा. अब तक बीमा सेक्टर में 82,000 करोड़ रुपये का FDI आ चुका है.

कौन-कौन से कानूनों में होगा बदलाव?

सरकार Insurance Act, 1938 में कई अहम संशोधन प्रस्तावित कर रही है, जिनमें-

इसके साथ ही व्यापक कानूनी सुधारों के तहत दो और बड़े कानूनों में संशोधन किया जाएगा-

LIC Act में प्रस्तावित बदलाव कंपनी के बोर्ड को अधिक अधिकार देंगे, जैसे शाखाओं के विस्तार और भर्ती संबंधी फैसले खुद लेने की क्षमता.

क्या होगा इन संशोधनों का असर?

सरकार का दावा है कि नए बदलाव-

Insurance Act, 1938 भारत में बीमा क्षेत्र का मुख्य ढांचा है, जो बीमा कंपनियों, पॉलिसीधारकों, शेयरधारकों और नियामक IRDAI के बीच संबंधों को नियंत्रित करता है.

सिक्योरिटीज मार्केट में भी बड़ा बदलाव

वित्त मंत्रालय इसी सत्र में Securities Markets Code Bill, 2025 भी पेश करेगा. इसका उद्देश्य तीन अलग-अलग कानूनों- SEBI Act 1992, Depositories Act 1996, Securities Contracts (Regulation) Act 1956 को मिलाकर एक ही कानून बनाना है. इससे पूंजी बाजार का संचालन और भी सरल और पारदर्शी होगा.

ये मांगें भी रखेगी सरकार

मंत्रालय 2025-26 के लिए Supplementary Demands for Grants की पहली किस्त भी संसद में पेश करेगा. इसके तहत सरकार बजट के बाहर अतिरिक्त खर्च की मंजूरी लेती है. दूसरी और अंतिम किस्त जनवरी में शुरू होने वाले बजट सत्र में पेश की जाएगी.

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