सेहत ही नहीं आपकी जेब पर भी भारी पड़ता है धूम्रपान, बीमा कंपनियां वसूलती हैं स्मोकर्स से 100% तक ज्यादा प्रीमियम
World No Tobacco Day के मौके पर यह समझना जरूरी है कि धूम्रपान केवल स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि आपके टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम को भी महंगा बना देता है. बीमा कंपनियां धूम्रपान करने वालों को हाई रिस्क मानती हैं, जिससे उन्हें 80-100% ज्यादा प्रीमियम चुकाना पड़ता है. धूम्रपान छोड़ने से न केवल स्वास्थ्य सुधरता है, बल्कि बीमा भी सस्ता हो सकता है. बीमा लेते समय अपनी आदतें ईमानदारी से बताना बेहद जरूरी है.

How Smoking Affects Term insurance: हर साल 31 मई को World No Tobacco Day यानी विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है, ताकि लोगों को तंबाकू से होने वाले खतरे के प्रति जागरूक किया जा सके. तंबाकू के सेवन से न सिर्फ स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान होता है, बल्कि यह आपकी जेब पर भी भारी पड़ता है. खासतौर पर जब बात टर्म इंश्योरेंस की आती है, तो धूम्रपान करने वालों को नॉन-स्मोकर्स की तुलना में दोगुना तक प्रीमियम देना पड़ सकता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, हर साल दुनियाभर में 80 लाख से ज्यादा लोगों की मौत तंबाकू से होती है, जिनमें भारत के करीब 13.5 लाख लोग शामिल हैं. ऐसे में यह समझना जरूरी है कि धूम्रपान आपके परिवार की वित्तीय सुरक्षा को कैसे प्रभावित कर सकता है. बीमा कंपनियां धूम्रपान करने वालों को हाई रिस्क कैटेगरी में रखती हैं, जिससे उनका प्रीमियम काफी ज्यादा हो जाता है.
देना पड़ता है ज्यादा प्रीमियम
पॉलिसीबाजार डॉट कॉम के टर्म इंश्योरेंस हेड वरुण अग्रवाल के मुताबिक, जब कोई व्यक्ति टर्म इंश्योरेंस लेने जाता है, तो बीमा कंपनी सबसे पहले यह जानना चाहती है कि वह धूम्रपान करता है या नहीं. धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को उसी बीमा प्लान के लिए लगभग 80 से 100 प्रतिशत तक ज्यादा प्रीमियम देना पड़ सकता है. इसका कारण यह है कि बीमा कंपनियों के लिए धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के जल्दी मृत्यु की संभावना अधिक होती है, जिससे उनके लिए जोखिम बढ़ जाता है.धूम्रपान से कैंसर, हार्ट अटैक, फेफड़ों की बीमारी जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. बीमाकर्ता इन बीमारियों की संभावना को ध्यान में रखते हुए प्रीमियम तय करते हैं.
व्यवसाय से ज्यादा असर डालता है धूम्रपान
अग्रवाल बताते हैं कि आप क्या काम करते हैं, इसका असर भी बीमा प्रीमियम पर पड़ता है, लेकिन धूम्रपान का असर अक्सर उससे कहीं ज्यादा होता है. मसलन, एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर जो धूम्रपान करता है, उसे एक मर्चेंट नेवी अफसर जो धूम्रपान नहीं करता, उससे ज्यादा प्रीमियम देना पड़ सकता है. बीमा कंपनियां आवेदकों को आमतौर पर दो ग्रुप में बांटती हैं, धूम्रपान करने वाले और न करने वाले और अन्य लाइफस्टाइल या प्रोफेशनल रिस्क को कम प्राथमिकता देती हैं. इसलिए अगर आप किसी कम जोखिम वाली नौकरी में भी हैं, लेकिन धूम्रपान करते हैं, तो आपको अधिक भुगतान करना होगा.
धूम्रपान करने वाले भी ले सकते हैं टर्म इंश्योरेंस
लोगों के बीच यह भ्रांति है कि अगर कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है तो वह टर्म इंश्योरेंस के लिए योग्य नहीं है. लेकिन यह पूरी तरह गलत है. धूम्रपान करने वाले भी टर्म इंश्योरेंस खरीद सकते हैं. दरअसल, उन्हें अपने बढ़े हुए स्वास्थ्य जोखिमों को देखते हुए यह पॉलिसी जरूर लेनी चाहिए. बीमा प्लान इस बात की गारंटी देता है कि यदि भविष्य में कुछ अनहोनी हो जाए, तो आपके परिवार को आर्थिक सुरक्षा मिल सके. इसलिए धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को अपनी आदत छिपाए बिना ईमानदारी से पूरी जानकारी देनी चाहिए.
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धूम्रपान छोड़ने से मिल सकता है सस्ता प्रीमियम
अगर आप बीमा खरीदने की सोच रहे हैं, तो धूम्रपान छोड़ना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है. कुछ बीमा कंपनियां पॉलिसी लेने के बाद अगर कोई व्यक्ति धूम्रपान छोड़ देता है और मेडिकल टेस्ट से यह साबित हो जाता है, तो वे भविष्य में उसका प्रीमियम कम भी कर सकती हैं. इसलिए ‘World No Tobacco Day’ जैसे दिन पर यह विचार करना बेहद जरूरी है कि धूम्रपान छोड़कर न सिर्फ आप अपनी सेहत सुधार सकते हैं, बल्कि अपने और अपने परिवार के भविष्य को आर्थिक रूप से भी सुरक्षित बना सकते हैं.
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