37 गुना सब्सक्राइब हो गया ये IPO, GMP 118%, वंदे भारत ट्रेन-मेट्रो के लिए करती है काम; आपके हाथ 2 दिन का मौका
रेलवे और मेट्रो प्रोजेक्ट्स से जुड़ी एक कंपनी ने मार्केट में एंट्री करते ही निवेशकों का ध्यान खींच लिया है. ग्रे मार्केट में इसका जोरदार रिस्पॉन्स देखने को मिल रहा है और निवेशकों के बीच इसे लेकर खास चर्चा है. जानिए क्यों यह इश्यू इतना हॉट बना हुआ है.
Airfloa Rail Technology IPO Review: भारतीय रेलवे और मेट्रो सिस्टम के लिए पार्ट्स और इंटीरियर प्रोजेक्ट्स बनाने वाली कंपनी ने अपने SME IPO से निवेशकों का ध्यान खींच लिया है. कंपनी का पब्लिक इश्यू 11 सितंबर को खुला और 15 सितंबर तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुला रहेगा. IPO को पहले ही दिन से ही जबरदस्त रिस्पॉन्स मिल रहा है और ग्रे मार्केट में इसका प्रीमियम इश्यू प्राइस से 118 फीसदी तक ऊंचा चल रहा है. यही वजह है कि यह छोटा खिलाड़ी निवेशकों के बीच बड़ी चर्चा का विषय बन गया है. हम बात कर रहे हैं Airfloa Rail Technology कंपनी के आईपीओ की.
वंदे भारत ट्रेन और मेट्रो प्रोजेक्ट्स का फायदा
एयरफ्लो रेल टेक्नोलॉजी सीधे तौर पर भारत सरकार की रेलवे आधुनिकीकरण योजना से जुड़ी हुई है. रेलवे ने 40,000 कोचों को वंदे भारत मानक के मुताबिक अपग्रेड करने की योजना बनाई है. इसके साथ ही, 2047 तक 100 शहरों में करीब 5,000 किमी मेट्रो नेटवर्क बिछाने का लक्ष्य है. इन दोनों प्रोजेक्ट्स से एयरफ्लो को बड़ा ऑर्डर मिलने की उम्मीद है. कंपनी पहले ही वंदे भारत एक्सप्रेस, RRTS कोच, स्पेशल ‘विस्टाडोम’ कोच और आगरा-कानपुर मेट्रो जैसे प्रोजेक्ट्स में काम कर चुकी है.
सुधांशु मणि से तकनीकी बढ़त
कंपनी ने हाल ही में सुधांशु मणि को तकनीकी सलाहकार के तौर पर जोड़ा है. मणि भारतीय रेलवे के इंटीग्रल कोच फैक्ट्री के पूर्व GM और वंदे भारत ट्रेन के आर्किटेक्ट रहे हैं. उनकी मौजूदगी निवेशकों के लिए कंपनी पर भरोसा बढ़ाने वाला कदम माना जा रहा है, क्योंकि इससे एयरफ्लो की तकनीकी क्षमता को एक बड़ी मान्यता मिलती है.
मजबूत ऑर्डर बुक और दमदार वित्तीय स्थिति
28 अगस्त 2025 तक कंपनी के पास 376 करोड़ रुपये की कन्फर्म ऑर्डर बुक मौजूद थी. यह बैकलॉग आने वाले समय में कंपनी की आय को सुनिश्चित करता है और यह दर्शाता है कि बड़े-बड़े क्लाइंट्स, जैसे इंडियन रेलवे और OEM पार्टनर्स, एयरफ्लो पर भरोसा जता रहे हैं.
एयरफ्लो की वित्तीय प्रोफाइल भी निवेशकों को आकर्षित कर रही है. वित्त वर्ष 2025 में कंपनी की आय 61 फीसदी बढ़कर 192 करोड़ रुपये हो गई. इसी दौरान मुनाफा दोगुने से ज्यादा बढ़कर 25.5 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. कंपनी का EBITDA मार्जिन 24.6 फीसदी और PAT मार्जिन 13.3 फीसदी रहा. साथ ही, रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) 30.6 फीसदी और रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड (ROCE) 26.3 फीसदी पर दर्ज किया गया. कर्ज घटने से कंपनी का डेट-इक्विटी रेशियो भी 0.54 तक कम हो गया है.
सब्सक्रिप्शन और ग्रे मार्केट प्रीमियम
12 सितंबर तक एयरफ्लो रेल टेक्नोलॉजी का IPO कुल 37.38 गुना सब्सक्राइब हो चुका था. इसमें रिटेल इन्वेस्टर्स की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा रही, जिन्होंने 56.66 गुना आवेदन किया. वहीं, नॉन-इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) ने 42.12 गुना बोली लगाई, जबकि QIB श्रेणी में यह आंकड़ा केवल 0.04 गुना रहा.
ग्रे मार्केट में इस IPO का प्रीमियम 166 रुपये पर चल रहा है. इसका मतलब है कि 140 रुपये के इश्यू प्राइस पर यह शेयर लिस्टिंग के समय लगभग 306 रुपये तक पहुंच सकता है. यानी निवेशकों को 118 फीसदी तक का लाभ मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.
IPO की डिटेल्स
एयरफ्लो रेल टेक्नोलॉजी का SME IPO कुल 86.53 करोड़ रुपये का है, जो पूरी तरह फ्रेश इश्यू है. कंपनी ने प्राइस बैंड 133-140 रुपये तय किया है. एक लॉट में 1000 शेयर हैं और रिटेल निवेशक कम से कम 2 लॉट यानी 2000 शेयरों के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिसकी कुल लागत 2.8 लाख रुपये होगी. इस IPO की लिस्टिंग 18 सितंबर 2025 को BSE SME प्लेटफॉर्म पर होने की संभावना है.
डिसक्लेमर: इस खबर में GMP से संबंधित जानकारी दी गई है. मनी9लाइव का GMP तय करने से कोई संबंध नहीं है. मनी9लाइव निवेशकों को यह भी सचेत करता है कि केवल जीएमपी के आधार पर निवेश पर फैसला नहीं करें. निवेश से पहले कंपनी के फंडामेंटल जरूर देखें और एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.