गोदावरी बायोरिफाइनरीज का IPO खुलते ही निवेशकों की भीड़, जानें आपका पैसा लगाना सफल होगा या नहीं?

गोदावरी बायोरिफाइनरीज का आईपीओ खुला है और पहले दिन निवेशकों की अच्छी प्रतिक्रिया मिली है. जानें कैसे यह आईपीओ निवेशकों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है और क्या हैं महत्वपूर्ण डिटेल्स...

सैजिलिटी इंडिया आईपीओ Image Credit: TV9 Bharatvarsh

देश की सबसे बड़ी एथेनॉल कैमिकल बनाने वाली कंपनीयों में से एक गोदावरी बायो रिफाइनरी का IPO आज से सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया है. 554.75 करोड़ रुपये जुटाने के लक्ष्य से लाए गए इस आईपीओ का प्राइस बैंड 334-352 रुपये निर्धारित किया गया है. पहले दिन शाम 5.10 तक कंपनी का आईपीओ 28% सब्सक्राइब हुआ.

एंकर इंवेस्टर से कमाए 166 करोड़ रुपए

कंपनी ने आईपीओ के जरीए 47.27 लाख शेयर बेंच कर 19 एंकर निवेशकों से 166 करोड़ रुपए इकट्ठा किए. क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) शून्य रहे. नॉन-इंस्टीट्यूशनल निवेशक (NII) ने 12 फीसदी शेयर सब्सक्राइब किए वहीं रिटेल निवेशकों ने 50 फीसदी शेयर सब्सक्राइब किया.

आईपीओ का डिटेल्स

कंपनी इस आईपीओ के जरिए कुल 554.75 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है. कंपनी 325 करोड़ रुपये के 92 लाख नए शेयर जारी करेगी.वहीं 65 लाख शेयरों की बिक्री के जरिए 229.75 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे. आईपीओ का प्राइस बैंड 334-352 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है. 23 अक्टूबर को शाम पांच बजे तक गोदावरी बायोरिफाइनरीज के आईपीओ का ग्रे मार्केट प्रीमियम शून्य था जिससे अनुमानित लिस्टिंग प्राइस 352 रुपये प्रति शेयर हो सकता है.

रिटेल निवेशक कम से कम 42 शेयरों के लिए आवेदन कर सकते हैं. यानी उन्हें कम से कम प्रति आवेदन 14,784 रुपये का निवेश करने होंगे. कंपनी ऑफर फॉर सेल से कोई राशि हासिल नहीं करेगी. फ्रेश इश्यू से मिलने वाली राशि का उपयोग 240 करोड़ रुपये तक के कर्ज की अदायगी और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा.

आईपीओ टाइमलाइन

क्या करती है कंपनी

मुंबई स्थित गोदावरी बायोरिफाइनरीज एथेनॉल आधारित केमिकल्स बनाती है. यह एक इंटीग्रेटेड बायोरिफाइनरी है, जिसमें एथेनॉल उत्पादन की 570 किलो-लीटर प्रति दिन की क्षमता है. मार्च 2024 तक कंपनी भारत की सबसे बड़ी एथेनॉल उत्पादक कंपनियों में से एक है. कंपनी का पोर्टफोलियो बायो-बेस्ड केमिकल्स, चीनी, एथेनॉल के विभिन्न ग्रेड्स और पावर को शामिल करता है, जिसका इस्तेमाल खाद्य, पेय पदार्थ, फार्मास्युटिकल्स, पावर, ईंधन, और सौंदर्य प्रसाधनों जैसे कई सेक्टर में किया जाता है

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