टोल वसूलने वाली कंपनी का आ रहा IPO, SBI सिक्योरिटीज ने किया अलर्ट; डूब सकता है पैसा, चेक कर लीजिए GMP

Highway Infrastructure Ltd IPO: इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और मैनजमेंट में लगी यह कंपनी टोल कलेक्शन, ईपीसी इंफ्रास्ट्रक्चर और रियल एस्टेट सेक्टर्स में काम करती है. कंपनी अपने टोल कलेक्शन और ईपीसी इंफ्रा व्यवसाय के लिए NHAI पर निर्भर है.

हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर का इनिशियल पब्लिक ऑफर Image Credit: AI

Highway Infrastructure Ltd IPO: हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड का इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) अगले सप्ताह पब्लिक सब्सक्रिप्शन के लिए ओपन होगा. कंपनी ने अपने पब्लिक ऑफर के लिए 65 से 70 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया है. हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर का IPO निवेश के लिए 5 अगस्त को खुलेगा और 7 अगस्त को बंद होगा. हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर का पब्लिक इश्यू 130.00 करोड़ रुपये का बुकबिल्डिंग है.

इस इश्यू में 1.39 करोड़ फ्रेश शेयर जारी किए जाएंगे, जिनकी कुल कीमत 97.52 करोड़ रुपये है और 0.46 करोड़ शेयरों का ऑफर-फॉर-सेल (कुल कीमत 32.48 करोड़ रुपये) शामिल है. SBI सिक्योरिटीज ने हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर के IPO पर अपनी राय दी है.

किसके लिए कितना रिजर्व?

हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर के IPO का लॉट साइज 211 है. एक रिटेल निवेशक को निवेश के लिए 13,715 रुपये की जरूरत है. हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर IPO का 30 फीसदी हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व है. नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए 30 फीसदी रिजर्व है. वहीं, रिटेल के लिए 40 फीसदी हिस्सा रिजर्व रखा गया है.

पैसे का क्या करेगी कंपनी?

इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और मैनजमेंट में लगी यह कंपनी टोल कलेक्शन, ईपीसी इंफ्रास्ट्रक्चर और रियल एस्टेट सेक्टर्स में काम करती है. कंपनी फ्रेश इश्यू से प्राप्त राशि में से 65 करोड़ रुपये वर्किंग कैपिटल के लिए आवंटित करने की योजना बना रही है, जबकि शेष राशि सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए निर्धारित की गई है.

हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर का ऑर्डर बुक

SBI सिक्योरिटीज के अनुसार, मई 2025 तक कंपनी की ऑर्डर बुक 666.3 करोड़ रुपये थी, जिसमें टोलवे कलेक्शन और ईपीसी व्यवसायों की ऑर्डर बुक क्रमशः 59.5 करोड़ रुपये और 607 करोड़ रुपये थी. HIL 11 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश में काम करती है और मई 2025 तक 27 टोलवे कलेक्शन प्रोजेक्ट पूरी कर चुकी है और वर्तमान में 4 प्रोजेक्ट ऑपरेट कर रही है. ईपीसी कारोबार में इसने 66 प्रोजेक्ट पूरे कर लिए हैं.

रिस्क फैक्टर

कंपनी अपने टोल कलेक्शन और ईपीसी इंफ्रा व्यवसाय के लिए NHAI पर निर्भर है, जिसके कॉन्ट्रैक्ट आमतौर पर एक वर्ष की अवधि के लिए दिए जाते हैं. इसके अलावा, HIL की वर्तमान ईपीसी प्रोजेक्ट्स मध्य प्रदेश राज्य में केंद्रित हैं और राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर गतिविधियों में कोई भी मंदी व्यवसाय पर नेगेटिव प्रभाव डाल सकती है.

कंपनी तीन अलग-अलग व्यावसायिक एरिया में काम करती है.

टोलवे कलेक्शन
ईपीसी इंफ्रास्ट्रक्चर
रियल एस्टेट

अपने प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्र टोलवे कलेक्शन में कंपनी प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से प्राप्त राजमार्ग परियोजनाओं पर टोलवे कलेक्शन सिस्टम का संचालन और प्रबंधन करती है. ईपीसी व्यवसाय में HIL विभिन्न प्रकार की परियोजनाओं जैसे सड़कें, पुल, तालाब, सिंचाई संबंधी निर्माण और नागरिक भवन आदि के काम करती है. रियल एस्टेट व्यवसाय में कंपनी कमर्शियल और आवासीय संपत्तियों का स्वामित्व, डेवलमेंट, कंस्ट्रक्शन और बिक्री करती है.

वैल्यूएशन और निवेश क्यों न करें

हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड इंफ्रास्ट्रक्चर इंडस्ट्रीज एक छोटी कंपनी है. टोल कलेक्शन के इसके मुख्य कारोबार में एक साल का छोटा कॉन्ट्रैक्ट है, जिसे बार-बार बिडिंग और प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है. पब्लिक सेक्टर के कंज्यूमर से रेवेन्यू का कॉन्सन्ट्रेशन लगभग 91 फीसदी है, जिसके कारण वर्किंग कैपिटल सायकिल लंबा हो गया है और रिटर्न रेश्यो कम है. 70 रुपये के प्राइस बैंड पर HIL का वित्त वर्ष 2025 के P/E और EV/ EBITDA मल्टीपल पर क्रमशः 25.5 गुना और 17.8 गुना के बाद के इश्यू कैपिटल पर किया गया है.

लो मार्जिन प्रोफाइल, हाई वर्किंग कैपिटल सायकिल और फिजिकल कॉन्सन्ट्रेशन इन वैल्यूशन को उचित ठहराने में विफल हैं. इसलिए SBI सिक्योरिटीज ने हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के IPO से निवेशकों को बचने की सलाह दी है.

कितना है GMP?

हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर IPO का GMP 25 रुपये है. इन्वेस्टर गेन के अनुसार, 70 रुपये के प्राइस बैंड के साथ हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर IPO की अनुमानित लिस्टिंग 95 रुपये (कैपिटल प्राइस + आज का जीएमपी) पर हो सकती है.

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डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.