Indo Farm Equipment के शेयर 20% प्रीमियम पर हुए लिस्ट, नहीं मिली GMP जितनी बढ़त
ट्रैक्टर और पिक एंड कैरी क्रेन बनाने वाली कंपनी इंडो फार्म इक्विपमेंट लिमिटेड के शेयर 7 जनवरी को मार्केट में लिस्ट हो गए हैं. इस आईपीओ ने निवेशकों को ठीक-ठाक मुनाफा कराया है, हालांकि ग्रे मार्केट में यह ज्यादा बेहतर प्रदर्शन कर रहा था.

Indo Farm Equipment IPO listing: ट्रैक्टर और पिक एंड कैरी क्रेन बनाने वाली कंपनी इंडो फार्म इक्विपमेंट लिमिटेड के शेयर 7 जनवरी यानी मंगलवार को मार्केट में लिस्ट हो गए हैं. इसके शेयर बीएसई पर 20.19 फीसदी प्रीमियम के साथ 258.40 रुपये प्रति शेयर पर लिस्ट हुए हैं, जबकि इसका प्राइस बैंड 215 रुपये था. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर इसके शेयर 19.07 फीसदी प्रीमियम के साथ 256 रुपये प्रति शेयर पर लिस्ट हुए हैं. लिस्टिंग के दिन इस आईपीओ ने निवेशकों का फायदा कराया, हालांकि ग्रे मार्केट के GMP जितनी बढ़त इसे लिस्टिंग में नहीं मिल पाई.
ग्रे मार्केट की उम्मीदों से कम रहा प्रदर्शन
इंडो फार्म इक्विपमेंट के शेयरों की लिस्टिंग ग्रे मार्केट की उम्मीदों से थोड़ी कम रही, क्योंकि इस आईपीओ का GMP 76 रुपये चल रहा था, लिहाजा इसके शेयरों की लिस्टिंग अपने आईपीओ प्राइस बैंड 215 रुपये के मुकाबले 291 रुपये प्रति शेयर पर लिस्ट होने की उम्मीद थी, यानी प्रति शेयर 35.35 प्रतिशत का मुनाफा दर्शा रहा था.
कितना था प्राइस बैंड?
इंडो फार्म इक्विपमेंट आईपीओ 204-215 रुपये प्रति शेयर के प्राइस बैंड में उपलब्ध था, जिसके एक लॉट में 69 शेयर शामिल थे. यह आईपीओ 31 दिसंबर, 2024 से 2 जनवरी 2025 तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था.
कितना हुआ था सब्सक्राइब?
इंडो फार्म इक्विपमेंट को सब्सक्रिप्शन के आखिरी दिन तक 84,70,000 शेयरों की पेशकश के मुकाबले 1,94,53,89,519 शेयरों के लिए बोलियां मिली थीं. नतीजतन इसे 229.68 गुना ज्यादा सब्सक्राइब किया गया था. इनमें गैर-संस्थागत निवेशकों यानी NII ने सबसे ज्यादा दांव लगाए थे. उन्होंने अपने आरक्षित कोटे से 503.83 गुना अधिक बोली लगाई, वहीं योग्य संस्थागत खरीदारों (QIB) ने अपने आवंटित कोटे से 242.40 गुना अधिक बोली लगाई, और खुदरा व्यक्तिगत निवेशकों ने 104.92 गुना बोली लगाई थी.
क्या करती है कंपनी?
इंडो फ़ार्म इक्विपमेंट ट्रैक्टर और पिक-एंड-कैरी क्रेन का निर्माण करती है. इसकी स्थापना 1994 में हुई थी. कंपनी अन्य कृषि उपकरणों जैसे कि हार्वेस्टर कंबाइन, रोटावेटर और संबंधित स्पेयर और कंपोनेंट का भी कारोबार करती है. 30 सितंबर, 2024 तक कंपनी की प्रति वर्ष 12,000 ट्रैक्टर और 1,280 पिक-एंड-कैरी क्रेन बनाने की क्षमता थी.
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